देवरिया। झांसी के जिला जेल में बंद 101 साल के कैदी हीरालाल की मौत हो गई। डकैत हीरालाल के नाम से जाना जाने वाला यह कैदी उत्तर प्रदेश का सबसे उम्रदराज कैदी था। जेल में 5 साल की सजा काट रहे हीरालाल की तबियत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
48 साल बाद मिली थी डकैती की सजा
हीरालाल को दस्यु उन्मूलन कोर्ट ने 2021 में 5 साल की सजा सुनाई थी। मामला 1973 का है जिसमें हीरालाल ने अपने साथियों के साथ मिलकर उल्दन थाना क्षेत्र के मंदिर में डाका डाला था। डकैती का यह केस 48 साल कोर्ट में चला, जिसके बाद साल 2021 में कोर्ट ने हीरालाल को दोषी पाते हुए 5 साल की सजा सुनाई थी।
इलाके में मशहूर थी हीरालाल की प्रेमकथा
हीरालाल ने अपने समय में आपराधिक प्रवृत्ति का था आसपास के लोग और रिश्तेदार उससे खौफ खाते थे। हीरालाल अपनी प्रेमिका के साथ रहता था उसकी प्रेम कहानी पूरे इलाके में मशहूर थी। जब हीरालाल ने चोरी डकैती छोड़ी तब वह गांव में ही मजदूरी करके अपने गुजारा करने लगा था तभी उसकी मुलाकात पड़ोस की महिला से हुई। महिला से हुई दोस्ती प्यार में बदल गई फिर हीरालाल और उसकी प्रेमिका साथ रहने लगे। कुछ समय पहले हीरालाल की प्रेमिका और उसके बच्चों की भी मौत हो गई थी।
परिवार में भतीजे के अलावा कोई नहीं
हीरालाल के परिवार में उसके एक भतीजे के अलावा कोई नहीं था। भतीजा भी हीरालाल के डर के चलते कभी उससे मिलने या बात करने नहीं जाता था। हीरालाल की मौत के बाद उसके भतीजे को बुलाकर शव उसी को सौंपा गया।