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उत्तर प्रदेश में फरवरी में ही टूटा गर्मी का रिकॉर्ड, मार्च में 40 डिग्री पहुंच सकता है पारा

देवरिया। दिल्ली और नोयडा में बढ़ते प्रदूषण का असर उत्तर प्रदेश के मौसम पर साफ देखने को मिल रहा है। उत्तर प्रदेश में फरवरी के महीने में ही तापमान सामान्य से ज्यादा रहा। सामान्य तौर पर फरवरी का महीना और लगभग मार्च का आधा महीना हल्का ठंडा रहता था। लेकिन इस बार पश्चिमी विक्षोभ के कम बनने की वजह से फरवरी माह में भी गर्मी का असर दिखा। समय से पहले तापमान के बढ़ने का मुख्य कारण ग्लोबल वार्मिंग को माना जा रहा है।


मार्च में 40 पार हो सकता है पारा
फरवरी के तापमान को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार मार्च के महीने में ही जबरदस्त गर्मी पड़ने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार मार्च में तापमान 40 डिग्री के पार पहुंच सकता है। ग्लोबल वार्मिंग से पूरा मौसम चक्र ही प्रभावित हो गया है। तापमान के बढ़ने के साथ ही फरवरी में ही हवा की रफ्तार काफी धीमी हो गई है जिससे हवा भी लगातार प्रदूषित होती जा रही है। उत्तर प्रदेश में मेरठ की हवा सबसे प्रदूषित पाई गई है।


क्या है तेजी से गर्म होते मौसम का कारण
तापमान के इतने तेजी से गर्म होने का मुख्य कारण है पश्चिमी विक्षोभ का नहीं बनना। 29 जनवरी के बाद से ही कोई पश्चिमी विक्षोभ नहीं बना है यही गर्मी के जल्दी आने का कारण बताया जा रहा है। जनवरी में ही लगभग 8 पश्चिमी विक्षोभ बनने थे लेकिन उनमें से केवल दो पश्चिमी विक्षोभ का निर्माण हो पाया। यही कारण है कि फरवरी से ही मौसम में गर्माहट बढ़ने लगी। मौसम में बढ़ रही गर्माहट चिंता का विषय है। इसके लिए कठोर कदम उठाए जाने की सख्त जरूरत है।


प्रयागराज रहा सबसे गर्म शहर
उत्तर प्रदेश में फरवरी के तापमन ने पिछले लगभग 120 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। प्रदेश में प्रयागराज का तापमान सबसे ज्यादा 35.2 डिग्री सेल्सियस रहा। वहीं वाराणसी का अधिकतम तापमान 34.5 डिग्री सेल्सियस, आगरा का 33.7 डिग्री सेल्सियस, झांसी का 33.6 डिग्री सेल्सियस और कानपुर का तापमान 30.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।

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