देवरिया: देश के कुछ खूबसूरत रूट्स पर आप नजारे देखते हुए यात्रा कर सकते हैं। भारतीय रेलवे ने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यूरोपियन तर्ज पर इंडियम रेलवे ने विस्टाडोम कोच तैयार किया है। हाल ही में जबलपुर जन शताब्दी एक्सप्रेस में भी विस्टाडोम कोच लगाया गया है। ये कोच देश में चलने वाली सभी ट्रेनों के कोच में से सबसे ज्यादा आधुनिक होते हैं। आइए जानते हैं इस कोच के बारे में विस्तार से।
क्या है विस्टाडोम कोच
विस्टाडोम कोच एक प्रकार के टूरिस्ट कोच हैं। इनमें लगी पारदर्शी कांच की खिड़कियों और छतों से यात्री सफर के दौरान ट्रेन के दोनों तरफ और ऊपर के नजारे भी देख सकते हैं। ये कोच ऐसे डिजाइन किए गए हैं, जिससे यात्री बेहतरीन प्राकृतिक नजारों को देख सकें। इससे उन यात्रियों को खासकर जो घूमने आए हैं, उन्हें बहुत अच्छा अनुभव होगा।

इसलिए अलग है विस्टाडोम कोच
विस्टाडोम कोच बाकी कोचेस से इसलिए अलग है क्योंकि इसे यात्रियों को ट्रेन के सफर के दौरान पड़ने वाले मनोरम नजारों का लुत्फ उठाने के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। विस्टाडोम कोच में कांच की बड़ी-बड़ी खिड़कियां होती हैं, छतें भी पारदर्शी बनाई गई हैं। इस पर लगी सीटें 180 डिग्री पर घूम जाती हैं। कोच में एक ऑब्जर्वेशन लाउंज भी बनाया गया है। देश की पहली विस्टाडोम कोच मुंबई-अहमदाबाद के बीच चली थी।
कैसे मिलेगा पर्यटन को बढ़ावा
जब भी हम किसी टूरिस्ट प्लेस पर ट्रेन से जाते हैं तो कई प्राकृतिक सुंदरता से भरपूर जगहों से गुजरते हैं। हमरी ट्रेन कितने पहाड़ों, नदियों और जंगलों से होकर गुजरती है लेकिन ट्रेन के अंदर होने के चलते हम उन नजारों का आनंद नहीं ले पाते। जबकी टूरिस्ट प्वॉइंट से भी सुंदर उन तक पहुंचने वाला रास्ता होता है। इन कोचेस के आ जाने से पर्यटक खुद को प्रकृति के और करीब पाएंगे। विस्टाडोम कोच का सफर रोमांच होने के साथ-साथ सुविधाजनक भी है।

टेक्नॉलॉजी का भी रखा गया है पूरा ध्यान
विस्टाडोम कोच में हर तरह की सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। कोच में आपको वाई-फाई की सुविधा मिलेगी। इस कोट के दरवाजे ऑटोस्लाइडिंग हैं, जो सेंसर पर काम करते हैं। भारी भरकम लगेज के साथ आपको दरवाजा खोलने के लिए मेहनत करने की जरूत नहीं, पास जाने पर सेंसर से दरवाजे खुद ही खुल जाएंगे। दरवाजों की चौड़ाई इतनी दी गई है कि दिव्यांग लोग अपनी व्हील चेयर लेकर भी आसानी से सफर कर सकते हैं। यात्रियों की सीट के पास मोबाइल, लैपटॉप चार्जिंग प्वॉइंट दिया गया है, जिससे यात्री अपनी ही सीट पर बैठकर उपकरण चार्ज कर सकते हैं। इसके साथ ही यात्रियों के मनोरंजन के लिए डिजिटल डिसप्ले और स्पीकर भी लगाए गए हैं।
कोच में लगे हैं मॉड्यूलर टायलेट
रेल यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशानी होती है टायलेट की साफ-सफाई को लेकर। विस्टाडोम कोच में मॉड्यूलर टॉयलेट लगाए गए हैं, जो इको फ्रैंडली होते हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए इसकी लगातार सफाई होती रहती है।
माइक्रोवेव और फ्रिज की भी है सुविधा
कोच में यात्रियों की हर छोटी-छोटी सुविधाओं को ध्यान में रखा गया है। कोट में एक रिफ्रेशमेंट एरिया है और एक सर्विस एरिया जहां हॉटकेस लगा हुआ होता है साथ में एक माइक्रोवेव भी रखा गया है। कॉफी प्रेमियों के लिए कॉफी मेकर की सुविधा भी दी गई है और गर्मियों के लिए फ्रिज की व्यवस्था की गई है।
स्पेशल लाउंज से देख सकेंगे नजारे
कई बार सफर के दौरान हम बैठे-बैठे ऊब जाते हैं। लेकिन विस्टाडोम कोच में ऐसी समस्या का भी समाधान है। कोच में स्पेशल लाउंज एरिया है। अगर आप बैठना नहीं चाहते तो लाउंज एरिया में खड़े-खड़े नजारों का आनंद ले सकते हैं।
सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे
यात्री अपने सामान और अपनी चिंता किए बिना आराम से यात्रा करें इसके लिए कोच में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। कैमरों के लगे होने से महिला यात्री भी बिना चिंता के सफर कर सकती हैं।
विस्टाडोम से घूमे इन जगहों पर
दार्जिलिंग का घूम
दार्जिलिंग एक छोटा सा शहर है। यहां स्पेशल टॉय ट्रेन चलाई जाती है। यहां पर आप टॉय ट्रेन के विस्टाडोम कोच में वहां के पहाड़ों और हरियाली का आनंद ले सकते हैं।
इंदौर का पातालपानी झरना
इंदौर के पातालपानी झरने से 300 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। झरने का पानी गिरने के बाद काफी गरहाई में चला जाता है इसलिए इसे पातालपानी झरना कहा जाता है। जून से सितंबर के बीच यहां विस्टाडोम कोच से घूमा जा सकता है।
जीरो वैली, अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश में जीरो वैली के लिए भी विस्टाडोम कोच चलाया जा रहा है। यहां आप मार्च से मई और अक्टूबर से नवंबर तक जा सकते हैं।
गोवा में कोल्वा
दक्षिण गोवा में स्थित कोल्वा एक सुंदर तटीय इलाका है। यहां का समुद्री किनारा विश्व प्रसिद्ध है । यहां जाने के लिए आप मुंबई-मड़गांव एक्सप्रेस के विस्टाडोम कोच से जाकर वहां के नजारों का आनंद ले सकते हैं।
हाल ही में भोपाल से जबलपुर के लिए चलने वाली जनशताब्दी एक्सप्रेस में भी विस्टा डोम कोच लगाए गए हैं। यात्री अब भोपाल से जबलपुर के बीच वादियों के नजारों का आनंद ले सकते हैं। विस्टाडोम कोच को भारतीय रेलवे की एक और उपलब्धि माना जा सकता है। इस कोच से यात्रियों का सफर यादगार बन जाएगा। यात्रियों को भारतीय रेल में विदेशों में यात्रा करने का अनुभव मिलेगा। रेलवे की इस पहल से ना सिर्फ रेलवे बल्कि पर्यटन विभाग भी फायदे में रहेगा। हमें और आपको भी रोमांचक और हमेशा याद रहने वाले अनुभव मिलेंगे।