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भारतीय नोटों पर कौन से चित्र छपे हैं, क्या आपने कभी ध्यान से देखा है, यहां जानिए

देवरिया: हम रुपए हर रोज जाने कितनी बार अपने हाथ में लेते हैं। 10, 20, 50, 100 और हजार रुपए के नोट कई बार गौर से देखते भी हैं। क्या कभी आपने ध्यान दिया है अलग-अलग नोटों पर क्या-क्या चित्र छपे होते हैं और उसका क्या महत्व है। आइए जानते हैं भारतीय रुपए का इतिहास और उस पर छपे हुए स्मारकों के बारे में।

रुपए का इतिहास
रुपए शब्द का सबसे पहले प्रयोग शेर शाह सूरी ने अपने शासनकाल 1540-1545 के दौरान किया था। उस समय एक रुपया लगभग 11 ग्राम का चांदी के सिक्के को कहा जाता था। शेर शाह ने ही तांबे के सिक्के चलवाए जिसे ‘दाम’ कहा जाता था और सोने के सिक्के जिसे चलवाए जिसे ‘मोहर’ कहा जाता था।

खास तरह के कागज और स्याही से बनती है करंसी
आरबीआई के द्वारा भारतीय करंसी को बनाने के लिए खास तरह के कॉटन से बने कागज और विशेष स्याही का उपयोग किया जाता है। इन खास कागजों को महाराष्ट्र करंसी नोट प्रेस और एमपी के होशंगाबाद पेपर मिल में बनाया जाता है। इसके अलावा दुनिया के 4 और देशों फ्रांस की अर्जो विगिज, अमेरिका पोर्टल, स्वीडन का गेन और पेपर फ्रैब्रिक्स ल्युसेंटल में भी भारतीय नोट के लिए कागज तैयार किए जाते हैं। नोट पर छपाई के लिए प्रयोग किए जाने वाला कागज एमपी के देवास बैंकनोट प्रेस में बनाया जाता है। नोट पर जो उभरी हुई छपाई दिखाई देती है उसके लिए स्याही सिक्किम के स्विस फर्म की यूनिट सिक्पा में तैयार होता है।

भारतीय नोटों पर छपे खास चित्र और उनका महत्व
2016 में हुई नोटबंदी के बाद आए सभी नोटों के रंग और छपाई में बहुत से बदलाव किए गए। नई करंसी के हर नोट पर भारत का एक दर्शनीय स्मारक छपा होता है। नए नोट काफी रंग-बिरंगे डिजाइन के हैं। आइए जानते हैं किस नोट पर कौन का चित्र अंकित होता है।

10 रुपए का नोट
10 रुपए के नए नोट पर कोणार्क के सूर्य मंदिर का चित्र है। 13वीं शताब्दी में बने सूर्य मंदिर में भगवान सूर्य के चक्र के साथ 24 पहियों वाला रथ और इस पर सवार सात घोड़े बने हुए हैं। सूर्य मंदिर ओडिशा के कोणार्क में स्थित है।

20 रुपए का नोट
20 रुपए की नई करंसी को हल्का पीला रंग दिया गया है और इसमें एलोरा की गुफाओं की फोटो बनी हुई हैं। एलोरा की गुफाए यूनेस्को की विश्व धरोहर में शामिल हैं। यह महाराष्ट्र के औरंगाबाद में स्थित हैं। इन गुफाओं को एक हजार पूर्व राष्ट्रकूट वंश के शासकों ने बनवाया था।

50 रुपए का नोट
हल्के आसमानी रंग के 50 रुपए के नोट में “हंपी का रथ” छपा होता है। हंपी कर्नाटक के तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। यह सम्राट अशोक के शासन काल से स्थित है। इसे भी यूनेस्को ने भारत में स्थित विश्व विरासत का दर्जा दिया है। हंपी में विजयनगर के अवशेष मौजूद हैं।

100 रुपए का नोट
100 रुपए के नए नोट को हल्का नीला-जामुनी रंग दिया गया है। इस पर गुजरात के पाटन गांव में स्थित “रानी की वाव” की तस्वीर छापी गई है। रानी की वाव एक बावड़ी है जो सरस्वती नदी के किनारे स्थित है। इसका निर्माण 11वीं शताब्दी में सोलंकी वंश की रानी उदयामती ने अपने पति भीमदेव की याद में बनवाया था। रानी की वाव यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में शामिल है।

200 रुपए का नोट
200 रुपए के नोट पर सांची का स्तूप बना है। बौद्ध काल का ये स्मारक एमपी के रायसेन जिले के गांव सांची में स्थित है। 200 रुपए के नोट को हल्का नारंगी रंग दिया गया है। सांची में इसके अलावा बौद्ध काल के दूसरे स्मारक भी मौजूद हैं।

500 रुपए का नोट
स्लेटी रंग के 500 रुपए के नोट पर लाल किले की तस्वीर छपी हुई है। 2007 में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर की लिस्ट में शामिल कर लिया था।

2000 रुपए का नोट
2000 रुपए का नोट वैसे तो अब कम ही देखने को मिल रहा है। 2 हजार के नोट को गुलाबी रंग दिया गया है। इस पर मंगलयान की फोटो छपी होती है। नोट पर छपे मंगलयान के जरिए लोगों को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की उपलब्धि की याद दिलाई जाती है। भारत ने पहली ही बार में मंगलयान का सफल परिक्षण करके अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में विश्व कीर्तिमान स्थापित किया था।

अगली बार आप जब भी नोट अपने हाथ में लें एक बार भारत की धरोहरों को निहार लें।

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