देवरिया। हिंदू महीनों में सबसे पावन और महादेव को प्रिय माना जाने वाला सावन का महीना इस बार 4 जुलाई (2023) से शुरू हो जाएगा। सावन का पूरा महीना शिवमय रहता है। इस महीने में सभी शिव मंदिरों में और ज्योतिर्लिंगों में विशेष रौनक होती है और भोलेनाथ की खास तरीके से पूजा भी की जाती है। इस बार का सावन और भी खास होने वाला है क्योंकि मलमास पड़ने की वजह से सावन पूरे 2 महीनों का होगा। ऐसे में जिन-जिन स्थानों परमेले लगाए जाते हैं, वहां पर इस बार मेला भी पूरे 2 महीने का होगा।
2 महीने का सावन, 13 महीने का हिंदू वर्ष
मलमास पड़ने के कारण हिंदू महीना, 13 मास का होगा। शिव भक्तों को पूरे 2 महीने भगवान शिव की आराधना विशेष तरीके से करने का मौका मिलेगा।सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू होकर 31 अगस्त को खत्म होगा। 2 महीन का सावन होने की वजह से सावन में पड़ने वाले सोमवार भी 8 पड़ने वाले हैं।इस प्रकार का संयोग पूरे 19 सालों के बाद आया है।
क्या होता है मलमास या अधिकमास
हिंदू कैलेंडर की गणना के अनुसार हर तीन साल में एक बार मलमास या अधिकमास पड़ता है। इसे अधिकमास या पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि हर तीसरे साल में वैदिक कैलेंडर के अनुसार हर महीने सूर्य की राशि बदलती है, इसे सूर्य संक्रांति के नाम से जाना जाता है। लेकिन हर तीसरे साल में एक महीने यह सूर्य संक्रांति नहीं पड़ता इसी महीने को अधिकमास कहते हैं। कहते हैं मलमास में किसी भी शुभ कार्य की मनाही होती है। मलमास में भगवान विष्णु की उपासना का विशेष महत्व माना गया है।
सावन सोमवार का महत्व
वैसे तो सावन के पूरे महीने का धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्व है लेकिन सावन में पड़ने वाला सोमवार और भी खास होता है। सावन का सोमवार भगवान शिव के अभिषेक और विशेष पूजन के लिए फलदायी माना जाता है।सावन के सोमवार का व्रत करने से भगवान शिव अपने भक्तों की सभी मनोकामना पूरी करते हैं। इस दिन शिवलिंग पर भोलेनाथ को प्रिय फल, फूल, दूध,दही, शहद, घी, बेल पत्र आदि अर्पित करने से भोलेनाथ की विशेष कृपा रहती है।