देवरिया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अमेरिका की संसद में लगभग एक घंटे तक सांसदों को संबोधित किया। अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने AI, आतंकवाद, महिला सशक्तिकरण, भारत-अमेरिका संबंध, कोविड वैक्सिनेशन समेत कई मुद्दों पर बात की। अमेरिकी सांसदों ने पीएम मोदी का भाषण पूरी तल्लीनता से सुना। उनके एक घंटे के भाषण के दौरान कई बार वहां के सांसदों ने खड़े होकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तालियां बजाई। सांसदों के बीच मोदी की लोकप्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भाषण खत्म होते ही पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेने और ऑटोग्राफ लेने की होड़ लग गई थी। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री के भाषण के महत्वपूर्व हिस्से।

भारत लोकतंत्र की जननी: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा कि लोकतंत्र हमारे पवित्र और साझा मूल्यों में से एक है। पूरे इतिहास में एक बात स्पष्ट रही है कि लोकतंत्र वह भावना है जो समानता और सम्मान का समर्थन करती है। लोकतंत्र वह विचार है जो बहस और चर्चा का स्वागत करता है। लोकतंत्र वह संस्कृति है जो विचार और अभिव्यक्ति को पंख देती है। भारत को प्राचीन काल से ही ऐसे मूल्यों का सौभाग्य प्राप्त है। लोकतांत्रिक भावना के विकास में भारत लोकतंत्र की जननी है। पिछले साल भारत ने आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। हर मील का पत्थर महत्वपूर्ण है लेकिन यह विशेष है। हमने किसी न किसी रूप में हजारों वर्षों के विदेशी शासन के बाद अपनी 75 वर्षों की स्वतंत्रता की उल्लेखनीय यात्रा का जश्न मनाया। यह सिर्फ लोकतंत्र का ही नहीं बल्कि विविधता का भी उत्सव था।

जब पीएम ने कहा ‘AI में A का मतलब अमेरिका और I का मतलब इंडिया’
वैसे तो प्रधानमंत्री के भाषण के दौरान कई बार तालियां बजीं लेकिन जब उन्होंने AI का अपने तरीके से मतलब बताया तब वहां के सांसदों ने खड़े होकर पीएम के लिए तालियां बजाई। प्रधानमंत्री ने भारत और अमेरिका के संबंधों की बात करते हुए भविष्य में मिलने वाली संभावनाओं की बात की। इस दौरन उन्होंने कहा AI का एक अर्थ है A यानी अमेरिका और I मतलब इंडिया। इस बात पर अमेरिकी संसादों ने तालियों के साथ उनका स्वागत किया और मोदी-मोदी के नारे लगाए।

आतंकवाद पर पाक पर साधा निशाना
अमेरिका में प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान आतंकवाद का मुद्दा भी उठाया और अप्रत्यक्ष रूप से पाक पर निशाना साधा। उन्होंने कहा- “9/11 हमले और मुंबई में 26/11 हमले के एक दशक से अधिक समय के बाद भी अभी तक कट्टरवाद और आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए एक गंभीर खतरा बना हुआ है। ये विचारधाराएं नई पहचान और नया रूप लेती रहती हैं लेकिन इनके इरादे वही हैं। आतंकवाद मानवता का दुश्मन है और इससे निपटने में कोई किंतु-परंतु नहीं हो सकता। हमें आतंक को प्रायोजित और निर्यात करने वाली ऐसी सभी ताकतों पर काबू पाना होगा।”उन्होंने कहा- “आतंकवाद और कट्टरतावाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और अमेरिका कंधे से कंधा मिलाकर चल रहे हैं। हम इस बात पर सहमत हैं कि सीमा पार आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है।”

अमेरिका में बड़े पदों पर भारतीय लोगों का किया जिक्र
प्रधानमंत्री ने अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों का जिक्र करते हुए कहा- “अमेरिका दुनियाभर के लोगों को गले लगाता है और उन्हें अपने सपने का हिस्सा बनाता है। यहां पर लाखों लोग ऐसे हैं, जिनकी जड़ें भारत में हैं और कुछ तो यहीं गर्व से बैठे हुए हैं।” इस बीच उन्होंने कमला हैरिस की तरफ इशारा करते हुए कहा- “हमारे बीच भारतीय मूल के कई अमेरिकी बैठे हैं जिनमें से एक मेरे पीछे हैं, जिन्होंने इतिहास रच दिया है।” उनकी इस बात पर सांसद हंसने लगे और सदन में तालियां बजने लगीं। उन्होंने आगे कहा- “मुझे बताया गया है कि समोसा कॉकस अब सदन का स्वाद बन गया है। मुझे उम्मीद है यहां जल्द ही भारत के विविध व्यंजन भी नजर आएंगे।” दरअसल अमेरिका में भारतीय मूल के सांसदों को ‘समोसा कॉकस’ कहा जाता है।

अमेरिका सबसे महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार: मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की तरफ से अमेरिका को मिले विमानों के ऑर्डर का जिक्र करते हुए कहा- “विमान का एक ऑर्डर अमेरिका के 44 राज्यों में दस लाख से अधिक रोजगार पैदा करता है। जब कोई अमेरिकी फोन निर्माता भारत में निवेश करते हैं तो यह दोनों देशों में रोजगार और अवसरों का एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाता है। जब भारत और अमेरिका अर्धचालकों और महत्वपूर्ण खनिजों पर एक साथ काम करते हैं तो इससे दुनिया को आपूर्ति श्रृंखलाओं को अधिक विविध और विश्वसनीय बनाने में मदद मिलती है। एक सदी तक हम रक्षा सहयोग से हम दूर रहे, अब संयुक्त राज्य अमेरिका हमारा सबसे महत्वपूर्ण रक्षा साझेदार बन गया है।”

हम जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे
पीएम मोदी ने कहा- “’हमारा दृष्टिकोण ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ है। हम बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमने 15 करोड़ से अधिक लोगों को आश्रय प्रदान करने के लिए लगभग 4 करोड़ घर दिए हैं, जो ऑस्ट्रेलिया की जनसंख्या का लगभग 6 गुना है। हम एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम चलाते हैं जो लगभग 50 करोड़ लोगों के लिए निःशुल्क चिकित्सा उपचार सुनिश्चित करता है। भारत ने कोरोना की 200 करोड़ डोज वैक्सीन बनाई। जनधन योजना से 50 करोड़ लोगों को फायदा हुआ। हमदुनिया में भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। जब हमारी सरकार बनी थी तब भारत 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था था। जल्द ही हम तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएंगे।”