देवरिया। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की वजह से हालत दिनों-दिन खराब होती जा रही है। पॉल्यूशन को देखते हुए प्रायमरी स्कूल बंद कर दिए गए हैं। ऑड-ईवन पर विचार किया जा रहा है। दिल्ली सरकार ने वर्क फ्रॉम होम नियम लागू करने की घोषणा की है। सरकारी दफ्तरों में 50 प्रतिशत स्टाफ के साथ ही काम होगा। आधे कर्मचारी घर से काम करेंगे और आधे ऑफिस आएंगे।
दिल्ली AIIMS के पूर्व निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रदूषण से लोगों की मृत्यु हो रही है और जीवन स्तर कम हो रहा है। वायु प्रदूषण बढ़ते ही सांस की तकलीफ वाले मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। गर्भवती महिलाओं और होने वाले बच्चों पर भी इसका बुरा असर होता है। बच्चे, बुजुर्ग, जिनके के फेफड़े और हार्ट कमजोर हैं, उनको ऐसी जगहों पर नहीं जाना चाहिए जहां प्रदूषण ज्यादा है। जाना है तो दिन में जाएं जब धूप निकल गई हो और मास्क लगा कर जाएं। वायु प्रदूषण को हम एक साइलेंट किलर कह सकते हैं।

दिल्ली से लगे यूपी के शहरों का भी हाल बुरा
फिलहाल 5 नवंबर की शाम से पहले प्रदूषण से राहत मिलने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। दिल्ली से लगे उत्तर प्रदेश के इलाकों में भी इसका प्रभाव देखने को मिल रहा है। पहले भी दिल्ली का नाम दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में पहले स्थान पर रहा है। उत्तर प्रदेश में भी मौसम में आ रहे बदलाव के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ रहा है। दिल्ली से करीब होने के कारण यहां भी प्रदूषण गंभीर स्तर पर पहुंच चुका है। नोएडा, गाजियाबाद में प्रदूषण का खतरनाक स्तर देखने को मिल रहा है। राजधानी लखनऊ में प्रदूषण बढ़ा है।

दिल्ली में प्रायमरी स्कूल बंद करने के निर्देश
वायु प्रदूषण को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्रायमरी स्कूल को बंद करने के निर्देश दिए हैं। शनिवार से कक्षा 5 तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। सभी को ऑनलाइन क्लास करने के निर्देश दिए गए हैं। जरूरत पड़ने पर बड़ी कक्षाओं को भी बंद करके ऑनलाइन क्लास लगाई जाएगी। साथ ही स्कूलों को सभी कक्षाओं की एक्टिविटी भी बंद करने के लिए कहा गया है।
दिल्ली में इन पर लगा प्रतिबंध
प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर कुछ लगाम लगाने के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ चीजों पर प्रतिबंध लगाया है-
- दिल्ली में डीजल वाले ट्रकों की एंट्री प्रतिबंधित कर दी गई है
- एमरजेंसी सेवाओं के लिए चलने वाले माल वाहक को छोड़कर दिल्ली के अंदर भी डीजल मालवाहक प्रतिबंधित कर दिए गए हैं।
- आपातकालीन सेवाओं के लिए उपयोग होने वाले बीएस-6 वाहनों को छोड़कर दिल्ली एनसीआर में डीजल एलएमवीएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।
- दिल्ली-एनसीआर में नेशनल हाइवे, फ्लाई ओवर, पाइप लाइन निर्माण जैसी सभी सरकारी परियोजनाओं पर रोक
- स्वच्छ ईंधन से चलने वाले उद्योगों को छोड़कर सभी उद्योगों को बंद कर दिया गया।
- एनसीआर में राज्य सरकार के ऑफिस में 50 फीसदी कर्मचारी ही दफ्तर आएंगे 50 फीसदी घर से काम करेंगे।

गंभीर स्थिति में दिल्ली का AQI
AQI यानी वायु गुणवत्ता सूचकांक एक नंबर होता है जिससे हवा की गुणवत्ता का पता लगाया जाता है। इससे भविष्य में प्रदूषण के बढ़ने का भी अंदाजा लगाया जा सकता है। सामान्यतौर पर 0-50 के बीच AQI को अच्छा माना जाता है। 51-100 के बीच का AQI संतोषजनक, 101-200 के बीच AQI को खराब, 301-400 के बीच AQI बेहद खराब और 401-500 के बीच AQI की स्थिति एक गंभीर और खतरनाक स्थिति मानी जाती है। ऐसी स्थिति में सांस लेने में दिक्कत आने लगती है। दिल्ली के कुछ इलाकों में AQI 600 तक पहुंचने की खबर है।



