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Commonwealth Games 2022: निखत जरीन ने भारत को दिलाया 17वां गोल्ड मेडल

देवरिया : बर्मिंघम में खेले जा रहे कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में दसवें दिन रविवार को विश्व चैंपियन निखत जरीन ने महिलाओं के 50 किग्रा भार वर्ग में भी गोल्ड मेडल जीत लिया है। फाइनल मुकाबले में उन्होंने अपने विरोधी नॉर्दन आयरलैंड की मुक्केबाज कार्ली मैक्नाउल को 0-5 के अंतर से मात दी। पूरी बाउट में जरीन ने अपना दबदबा बनाए रखा और पांचों रेफरी ने एकमत होकर तीनों राउंड में उनके पक्ष में फैसला दिया।

पदक तालिका में चौथे पायदान पर पहुंचा भारत

तेलंगाना के निजामाबाद में जन्मीं निखत जरीन ने 50 किग्रा भार वर्ग में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीता है। इसमें सालों से एमसी मेरीकॉम का दबदबा था। निकहत के गोल्ड मेडल के साथ भारत अंक तालिक में 17 गोल्ड मेडल के साथ चौथे पायदान पर पहुंच गया है। भारत के खाते में 17 गोल्ड, 12 सिल्वर और 19 कांस्य हैं। भारत ने न्यूजीलैंड को पछाड़कर चौथा स्थान हासिल किया है। न्यूजीलैंड के पास 17 गोल्ड, 12 सिल्वर और 17 कांस्य सहित कुल 46 मेडल हैं। इससे पहले अमित पंघल और नीतू घंघस ने राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारतीय मुक्केबाजी का परचम लहराते हुए अपने-अपने फाइनल जीतकर स्वर्ण हासिल किये थे।

निखत ने मुकाबले में अच्छी शुरुआत की। कार्ली ने पहले राउंड में निखत को कड़ी टक्कर दी और अपनी मजबूती का फायदा उठाया और विरोधी पर शुरुआती बढ़त हासिल कर ली। इस वजह से पांचों जजों ने उनके पक्ष में फैसला दिया। उन्होंने अगले दौर में भी बढ़त बनाए रखी। निकहत की विरोधी मुक्केबाज अपने प्रदर्शन से हताश दिखीं।

अमित पंघाल ने भी जीता स्वर्ण

भारतीय स्टार मुक्केबाज अमित पंघाल ने पिछले राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में मिली हार का बदला चुकता करते हुए पुरुष फ्लाईवेट वर्ग में, जबकि नीतू गंघास ने पदार्पण में ही दबदबा बनाते हुए रविवार को स्वर्ण पदक अपनी झोली में डाले। पंघाल (48-51 किग्रा) को चार साल पहले गोल्ड कोस्ट में इंग्लैंड के ही एक प्रतिद्वंद्वी से इसी चरण में हार मिली थी, लेकिन इस बार 26 साल के मुक्केबाज ने अपनी आक्रामकता के बूते घरेलू प्रबल दावेदार मैकडोनल्ड कियारान को 5-0 से हराकर स्वर्ण पदक जीता।

वहीं, सबसे पहले रिंग में उतरी नीतू ने महिलाओं के मिनिममवेट (45-48 किग्रा) वर्ग के फाइनल में विश्व चैम्पियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता रेस्जटान डेमी जेड को सर्वसम्मत फैसले में 5-0 से पराजित किया। राष्ट्रमंडल खेलों में पदार्पण में ही नीतू ने गजब का आत्मविश्वास दिखाया और फाइनल में भी वह इसी अंदाज में खेली जैसे पिछले मुकाबलों में खेली थीं। मेजबान देश की प्रबल दावेदार के खिलाफ मुकाबले का माहौल 21 साल की भारतीय मुक्केबाज को भयभीत कर सकता था लेकिन वह इससे परेशान नहीं हुईं।

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