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केंद्र के साथ राज्य भी ला रहे नई पर्यटन नीति, पर्यटन को दे रहे उद्योग का दर्जा

कोरोना के बाद सुस्त हुई अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए देश में पर्यटन को खूब बढ़ावा दिया जा रहा है। केंद्र से लेकर राज्य सरकारें तक इस ओर ध्यान दे रही हैं। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पर्यटन नीति 2021 तैयार की है। इसमें देश भर में 100 से ज्यादा स्थलों को पर्यटन के लिए विकसित किया जाना है। देश के 20 पर्यटक स्थलों पर विश्वस्तरीय सुविधाएं देकर अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा। 2002 के बाद राष्ट्रीय स्तर पर बनी यह पहली पर्यटन नीति है।

इसके साथ ही राज्य सरकारों ने भी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में पर्यटन के महत्व को समझा है। राजस्थान सरकार ने पर्यटन को उद्योग का दर्जा दे दिया है, जबकि झारखंड सरकार नई पर्यटन नीति लेकर आई है। बिहार सरकार ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश कर रही है। पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने वाला केरल भारत का पहला राज्य है। उत्तर प्रदेश ने भी पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया है।

पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिए जाने से राजस्थान सरकार पर 700 करोड़ रुपये का बोझ आएगा। होटलों में बिजली बिल अब घरेलू दर पर मिलेंगे। झारखंड में हर जिले की पर्यटन क्षमता का पता लगाया जाएगा। जल क्रिड़ा को प्रोत्साहन दिया जाएगा। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, जंगलों में अब गोलियां नहीं, पर्यटकों के ठहाके गूंजेंगे। बिहार में ईको-पर्यटन के विकास के लिए ड्राफ्ट तैयार किया गया है। राज्य और जिला स्तर पर अलग-अलग कमेटियां बनाई जाएंगी।

उद्योग का दर्जा मिलने से फायदा
किसी भी क्षेत्र को जब उद्योग का दर्जा मिल जाता है तो करों में राहत मिलती है। सरकार नई योजनाएं लाती है। कर्ज मिलना आसान हो जाता है। सरकार का प्रोत्साहन मिलता है, जिससे नए उद्योग-धंधों का विकास होता है। रोजगार के अवसर बढ़ते हैं। सरकार को राजस्व बढ़ता है।

पर्यटन का अर्थशास्त्र
साल 2019 में दुनिया की जीडीपी में पर्यटन का शेयर 10.3 फीसदी था। कोरोना संक्रमण की वजह से 2020 में यह हिस्सेदारी गिरकर 5.3 फीसदी रह गई। जबकि साल 2019 में पर्यटन ने भारत की जीडीपी में 6.8 फीसदी की हिस्सेदारी की थी। 2020 में यह हिस्सेदारी 4.7 फीसदी रही।

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