देवरिया। दक्षिण सिनेमा की एक और फिल्म ने हिन्दी भाषी दर्शकों का दिल जीत लिया है। इस फिल्म का नाम कांतारा है। पुष्पा, पोन्नीयन सेल्वन और कांतारा इन सभी फिल्मों को दर्शकों के द्वारा इतना पसंद किए जाने के पीछे बेहतरीन और हटकर कंटेंट, अदाकारी और सिनेमेटोग्राफी है। हम्बेल फिल्म्स की फिल्म कांतारा में जंगल में बसे लोगों और उनसे जुड़े एक देवता की कहानी को दिखाया गया है।
रोमांच कर देने वाली है कांतारा की कहानी
कांतारा की कहानी में घने जंगल में बसा एक गांव दिखाया गया है और उस गांव से जुड़े एक देवता के बारे में बताया गया है। कहानी भारत में अक्सर सुनी जाने वाली लोक कथाओं की तरह है। एक राजा शांति की तलाश में जंगल में जाता है और कंतारा पहुंचता है। वहां उसे बहुत सुकुन मिलता है। फिल्म इस सुकून की वजह एक देवता को बताया गया है। राजा चाहता है कि वो देवता उसके साथ चलें। देवता जंगल की भूमि गांव वालों के देने की शर्त पर चलने को तैयार होते हैं और कहते हैं कि वह जमीन कभी कोई और नहीं ले सकता। लेकिन राजा के आने वाले वंशजों के मन में कांतारा की जमीन हथियाने का लालच आता है। शिवा यानी रिषभ शेट्ठी गांव का रखवाला है कंतारा को बचा कर रखता है। इसी दौरान फॉरेस्ट ऑफिसर भी कंतारा को फॉरेस्ट रिजर्व बनाने की बात करते हैं। एक तरफ राजा और सरकारी अफसर और दूसरी तरफ शिवा जो कंतारा को बचाने के लिए संघर्ष करता है।
लोगों को क्यों पसंद आ रही कंतारा
कंतारा की कहानी लोक कथाओं के जैसे लगती है जिससे दर्शक इससे कनेक्ट हो पाते हैं, क्योंकि जंगल, गांव और उनसे जुड़े देवी-देवता ये सब हमने बचपन में सुना ही होता है, दूसरा है फिल्म का असरदार कंटेंट। जंगल और उससे जुड़े रहस्यों को इस तरह से दिखाया गया है कि वह नाटकीय ना लग कर रियल ज्यादा लगते हैं। उस पर कलाकारों की एक्टिंग जो फिक्शन को भी दर्शकों को रियल फील कराती है, वह भी इस मूवी में देखने को मिलेगी। रिषभ शेट्टी, सप्तमी गौडा, अच्युत सभी ने उम्दा अभिनय किया है। जंगल के सीन्स भी आपको बहुत पसंद आएंगे।
कमाई में पीएस -1 को भी छोड़ा पीछे
कांतारा ने बॉक्स ऑफिस कमाई में पीएस-1 को भी पीछे छोड़ दिया है, जबकि पीएस-1 बड़ी बजट और बड़े स्टार्स वाली फिल्म है। निर्मातों ने हिन्दी डबिंग में भी अच्छे डायलॉग्स रखे हैं, जिससे फिल्म हिन्दी दर्शकों को भी बहुत पसंद आ रही है।