देवरिया : सबसे कठिन व्रतों में से एक,जीवित्पुत्रिका (खर-जितिया) रविवार को रखा जाएगा। जीवित्पुत्रिका व्रत आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इसे जितिया व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस वर्ष खर जितिया व्रत 18 सितंबर 2022 को रविवार के दिन मनाया जाएगा। महिलाएं इस दिन संतान की सुरक्षा और अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूरा दिन निर्जल व्रत रखती हैं।
महिलाएं इसमें 24 घंटे के लिए उपवास रखती हैं । यह व्रत पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार-झारखंड के लोग बड़ी संख्या में इसे रखते हैं। इस पर्व के संबंध में बताया जाता है कि खर जितिया के व्रत के दिन महिलाएं चिलो सियारिन की कथा सुनती हैं।
एक जानकार पुजारी ने बताया कि शनिवार को नहाए खाए कर महिलाएं व्रत का संकल्प लेंगी और रविवार को व्रत रख इसका पारण सोमवार की सुबह में करेंगी। उन्होंने बताया व्रत रखने का शुभ मुहूर्त रविवार (अष्टमी तिथि प्रारम्भ यानी सूर्योदय के पहले) से शाम 4 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। व्रत रखने वाली महिलाएं कथा सुनने के बाद सोमवार को पारण करने का काम करेंगी। उन्होंने बताया कि फल-फूल माला के साथ ही सत्पुटिया की पत्ती, खली सहित अन्य चीजें प्रयोग में लाई जाती है। इस व्रत के पहले दिन नहाए -खाय होता है, दूसरे दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती है और तीसरे दिन पारण करती हैं।



