देवरिया:15 अगस्त 1947 का दिन हम भारतवासियों के जीवन में स्वतंत्रता का सवेरा लेकर आया था। हमें स्वाधीनता मिले 75 साल हो गए हैं और देश आजादी का अमृत महोत्सव हर्ष और उल्लास के साथ मना रहा है। स्वतंत्रता दिवस हर भारतवासियों के लिए गर्व का त्योहार है। ये दिन याद दिलाता है हमें देश के वीर सपूतों, क्रांतिकारियों और फ्रीडम फाइटर्स की, जिन्होंने इस देश को आजादी दिलाने के लिए अपना सबकुछ न्योछावर कर दिया था। उनके बलिदान का ही परिणाम है कि आज हम स्वतंत्र भारत में सांस ले पा रहे हैं।

आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है देश
15 अगस्त 2022 और भी खास है क्योंकि इस वर्ष हम अमृत महोत्सव के रूप में आजादी के 75 वर्ष का उत्सव मना रहे हैं। इस वर्ष भारत के हर घर में तिरंगा फहराने का अभियान भी चलाया जा रहा है। देश के कोने-कोने में राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहरा रहा है। हर साल की तरह प्रधानमंत्री इस साल भी लाल किले पर ध्वजारोहण करेंगे। आइए जानते हैं प्रधानमंत्री ही ध्वजारोहण क्यों करते हैं और इसके अलावा स्वतंत्रता दिवस पर उनका क्या-क्या कार्यक्रम रहता है। इसके साथ ही स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम से जुड़ी और भी अनसुनी जानकारियां हम आपको देंगे।

गणतंत्रत दिवस और स्वतंत्रता दिवस के ध्वजारोहण में अंतर
गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस दोनों राष्ट्रीय त्योहार है। गणतंत्र दिवस पर भारत के राष्ट्रपति के द्वारा ध्वज फहराया जाता है, वहीं स्वतंत्रता दिवस लपर प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। 15 अगस्त के दिन तिरंगे को ऊपर की ओर खींच कर फहराया जाता है जो आजाद भारत के उदय होने और ऊंचाई पर जाकर स्वतंत्रता से लहराने का प्रतीक माना जाता है। गणतंत्र दिवस पर तिरंगे को खंभे के शीर्ष पर ही बांधा जाता है और खोलकर फहराया जाता है।
प्रधानमंत्री ही स्वंतत्रता दिवस पर क्यों फहराते हैं तिरंगा
स्वतंत्रता दिवस पर हमेशा प्रधानमंत्री के द्वारा ही ध्वजारोहण किया जाता है। राष्ट्रपति स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण नहीं करते क्योंकि 15 अगस्त 1945 को जब देश आजाद हुआ था उस समय देश में राष्ट्रपति के पद पर कोई नहीं था और प्रधानमंत्री ही देश का सर्वोच्च पद था, तब भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने ध्वजारोहण किया था। तभी 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री के द्वारा ध्वजारोहण करने की परंपरा चली आ रही है।
क्या आपने इस बात पर गौर किया है कि स्वतंत्रता दिवस पर ध्वजारोहण लाल किले पर होता है जबकि गणतंत्र दिवस का ध्वज राजपथ पर फहराया जाता है। भारत जब अंग्रेजों से आजाद हुआ था, प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले पर ही अंग्रेजी झंडा उतारकर भारत का तिरंगा फहराया था इसलिए हर वर्ष उसी परंपरा को आगे बढ़ाते हुए लाल किले पर ही ध्वजारोहण होता है।
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का कार्यक्रम
स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री का एक निश्चित कार्यक्रम होता है जो लगभग हर साल उसी प्रकार से क्रियान्वित किया जाता है।
सबसे पहले प्रधानमंत्री राजघाट पहुंच कर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देते हैं। श्रद्धांजलि देने के बाद ही पीएम लाल किले के लिए रवाना होते हैं।
लाल किले पर प्रधानमंत्री का स्वागत किया जाता है
उसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते हैं।
जिसके बाद प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं।
यहां पर देख सकते हैं प्रधानमंत्री का भाषण
हर बार की तरह की इस बार भी दूरदर्शन (Doordarshan) के चैनल्स पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुना और देखा जा सकता है। ल इंडिया रेडियो (AIR) पर भी पीएम मोदी के स्वतंत्रता दिवस भाषण को सुना जा सकता है। आप अपने मोबाइल फोन पर भी लाल किले से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को देख और सुन सकते हैं। इसके अलावा पीएमओ इंडिया (PMO India) के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रधानमंत्री के भाषण को देख और सुन सकते हैं। प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो यानी PIB के यूट्यूब और सोशल मीडिया चैनलों पर पीएम मोदी के भाषण को लाइव देखा और सुना जा सकता है।