देवरिया। जून का महीना आधा निकल चुका है लेकिन गर्मी का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। हाल इतना बुरा है कि रात में भी गर्म हवाएं चल रही हैं। हीट वेव की वजह से लोग बीमार पड़ रहे हैं, अस्पतालों में बेड फुल हो चुके हैं। वहीं उत्तर प्रदेश, बिहार और ओडिशा में बीते तीन दिनों में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। पूरा उत्तर भारत लू और भीषण गर्मी की चपेट में है। कई जगहों पर तापमान 42 डिग्री से ऊपर पहुंच गया है।
सीएम योगी ने की अपील
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों से सजग रहने की अपील की है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भीषण गर्मी के साथ लू चल रही है। इसके प्रति सजग और जागरूक रहने की आवश्यकता है।उन्होंने सभी से लू से बचकर रहने और अपने परिजनों, विशेषकर बुजुर्गों, बच्चों एवं बीमार जन का ध्यान रखने की अपील की है।सीएम योगी ने कहा कि सरकार हर परिस्थिति में लोगों के साथ है। उन्होंने लोगों से इस भीषण गर्मी में पक्षियों के लिए छोटे बर्तनों में दाना-पानी रखने की बात भी कही।
बढ़ता जा रहा है मौत का आंकड़ा
उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों में गर्मी से मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। बलिया जिला अस्पताल में गर्मी के चलते 10 दिनों में करीब 54 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रयागराज में गर्मी से मरने वालों की संख्या 23 हो गई है। देवरिया में लू लगने की वजह से 53 लोगों जान चली गई। अस्पताल में भर्ती ज्यादातर लोगों की तबीयत गर्मी की वजह से, लू लगने से या लगातार धूप में काम करने से बिगड़ी थी। बलिया के CMO जयंत कुमार ने जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार को रिपोर्ट भेजकर गर्मी से मरने वालों की संख्या की जानकारी दी।
शव वाहन नहीं मिलने से ऑटो में ले जाना पड़ा शव
अस्पतालों में हालत इतनी गंभीर है कि लोगों को डेड बॉडी अस्पताल से घर ले जान के लिए शव वाहन खाली नहीं मिल रहे। देवरिया के भलुआना के गांव करौंदी के रहने वाले आनंद मिश्रा की मां बादामी देवी की रविवार को मौत हो गई। अस्पताल में गर्मी से मरने वालों की संख्या इतनी ज्यादा थी कि शव वाहन सुबह से शाम शव को परिजनों तक पहुंचाते रहे, जिसके चलते आनंद मिश्रा को अपनी मां की डेड बॉडी गांव तक ले जाने के लिए शव वाहन नहीं मिल पाया। मजबूरन उन्हें अपनी मां के मृत शरीर को ऑटो से गांव तक ले जाना पड़ा।
बिहार और ओडिशा में भी मौतें
उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार और ओडिशा में भी गर्मी का प्रकोप है। बिहार में 45 लोगों ने गर्मी की वजह से अपनी जान गंवा दी है। 18 जून को राज्य का अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। वहीं ओडिशा से भी गर्मी की वजह से मौत की खबर है। मौसम विभाग ने 19 जून तक मानसून के पहुंचे की संभावना जताई थी लेकिन अब तक मानसून के कोई आसार उत्तर भारत में नजर नहीं आ रहे हैं।
गर्मी से बचने के लिए क्या करें, क्या ना करें
गर्मी के मौसम में कुछ उपाय कर हम खुद को काफी हद तक बीमार पड़ने से रोक सकते हैं। कोशिश करें कि ज्यादातर काम 10-11 बजे के पहले या शाम धूप ढलने के बाद करें। मजबूरी में तेज धूप में बाहर निकलना पड़े तो सर, कान और चेहरा पूरी तरह से सूती कपड़े से ढंक कर निकलें। धूप में जान से पहले ढेर सारा पानी पीएं और धूप से वापस आते ही तुरंत कुछ भी ठंडा ना पिएं। कुछ देर रुक कर शरीर का तापमान सामान्य होने दें फिर पानी पिएं। अगर आपको थोड़ी भी घबराहट, बेचानी, सर में तेज दर्ज, कमजोरी या बुखार महसूस हो तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।