देवरिया। राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ संसद के बजट सत्र की शुरुआत हो गई है। अभिभाषण के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2022-23 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। वित्तीय वर्ष 2022-23 के आर्थिक सर्वेक्षण में अगले वित्तीय वर्ष में वास्तविक रूप से 6.5% की आधारभूत जीडीपी वृद्धि का अनुमान लगाया गया है। देश की अर्थव्यवस्था 2023-24 में चालू वित्त वर्ष के 7 प्रतिशत की तुलना में 6.5 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी। पिछले वित्त वर्ष में वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत थी। बजट पूर्व आर्थिक समीक्षा में बताया गया है कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।

इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार बेरोजगारी दर 2018-19 में 5.8 % से गिरकर 2020-21 में 4.2 % पर आई। भारत का अनाज उत्पादन 2021-22 में रिकॉर्ड 315.7 मिलियन टन तक पहुंचा। वर्ष 2022-23 के लिए पूंजीगत व्यय में 35.4 प्रतिशत की भारी बढ़ोतरी हुई, जिसमें से अप्रैल-दिसम्बर की अवधि में लगभग 67 प्रतिशत खर्च किया जा चुका है। आर्थिक सर्वेक्षण के आधार पर तय होता है कि पिछले वर्ष देश की अर्थव्यवस्था कैसी रही। इकोनॉमिक सर्वे बताता है कि अर्थव्यवस्था का कहां फायदा और कहां नुकसान हुआ है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023 पर मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने कहा कि IMF ने मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए भारत की अनुमानित GDP वृद्धि दर 6.8% रहने का अनुमान लगाया है। अगले वित्तीय वर्ष में भारत की GDP वृद्धि दर 6.1% और 2024-25 में 6.8% रहने का अनुमान IMF ने लगाया है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था की रिकवरी पूरी हो गई है; गैर-बैंकिंग और कॉर्पोरेट क्षेत्रों में अब बैलेंस शीट अच्छी स्थिति में हैं। हमें अब महामारी से उबरने की बात नहीं करनी है, हमें अगले चरण की ओर देखना है।
मुख्य आर्थिक सलाहकार डॉ वी. अनंत नागेश्वरन ने आगे कहा कि सरकार 6.4% राजकोषीय घाटे की दिशा में आगे बढ़ रही है। अप्रैल से नवंबर 2022 तक सकल कर राजस्व में 15.5% की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023 की पहली 3 तिमाहियों में GST राजस्व के रूप में 13.40 लाख करोड़ रुपए एकत्र हुए।