देवरिया। पिछले शुक्रवार सिनेमाघरों में दो फिल्में रिलीज हुई हैं पहली ‘सलाम वेंकी’ और दूसरी ‘वध’। दोनों ही फिल्मों के ट्रेलर से ही समझ आता है कि ये फिल्में किसी सीरियस टॉपिक पर बनाई गई है। आइए जानते हैं फिल्म की कहानी क्या है और दर्शकों द्वारा फिल्मों को कितना पसंद किया जा रहा है।
‘वध’ की ‘दृश्यम’ से की जा रही तुलना
फिल्म वध में संजय गुप्ता और नीना गुप्ता ने मुख्य कलाकार के रूप में काम किया है। फिल्म की कहानी रिटायर्ड टीचर शंभुनाथ मिश्रा (संजय मिश्रा) और उनकी पत्नी मंजू मिश्रा(नीना गुप्ता) के चारों तरफ चलती रहती है। दोनों अपने बेटे का करियर सेट करने के लिए कर्ज लेते हैं। बेटा विदेश में अच्छी तरह सेटल हो जाता है लेकिन उसे अपने बूढ़े मां-बाप और उनकी परेशानियों से कोई लेना देना नहीं है। शंभुनाथ मिश्रा और मंजू मिश्रा के जीवन में उस समय एक नया मोड़ आता है जब वो एक मर्डर मिस्ट्री से जुड़ जाते हैं। मर्डर किसका होता है और उनसे इन दोनों का क्या कनेक्शन है यही पूरी फिल्म की कहानी है। कुछ जगहों पर फिल्म दृश्यम की तरह ही लगेगी। बहुत से लोगों ने इसे दृश्यम की कहानी से तुलना भी की है। फिल्म का पोस्टर और ट्रेलर देखकर एक बूढ़े दंपति की कहानी लगती है लेकिन पूरी कहानी सस्पेंस और थ्रिलर से भरपूर है।
सीरियस रोल में भी दिखा संजय मिश्रा की एक्टिंग का दम
फिल्म में संजय मिश्रा की एक्टिंग सबसे दमदार लगी। अब तक हमने संजय मिश्रा को कॉमेडी रोल में ज्यादा देखा है लेकिन इसबार उन्होंने साबित कर दिया कि वो बहुत ही उम्दा अभिनेता हैं, जो दर्शकों को हंसा भी सकते हैं। रुलाने और डराने का दम भी रखते हैं। वहीं नीना गुप्ता ने भी अपना किरदार बखूबी निभाया है।
फिल्म का फर्स्ट हाफ लग सकता है कुछ स्लो
फिल्म की असल कहानी फिल्म में हुए मर्डर के बाद शुरू होती है। लेकिन फर्स्ट हाफ के कुछ स्लो होने के चलते असली प्लॉट को सेट करने में निर्देशक ने कुछ टाइम ले लिया। लेकिन फिल्म का सेकंड हाफ जैसे ही मर्डर मिस्ट्री का एंगल पकड़ता है फिल्म काफी इंट्रेस्टिंग हो जाती है। अगर आपको सस्पेंस फिल्में पसंद हैं तो आप इसे पूरे परिवार के साथ देख सकते हैं। ज्यादातर फिल्म समिक्षकों ने इस फिल्म को 5 में से 3 स्टार दिए हैं।
इमोशनल कर देगी फिल्म ‘सलाम वेंकी’
इस हफ्ते रिलीज हुई दूसरी फिल्म सलाम वेंकी एक बीमार बेटे जिसका रोल विशाल जेठवा ने निभाया है और उसकी मां काजोल के इर्द-गिर्द घूमती है। सलाम वेंकी एक सच्चे किरदार पर बनीं हुई फिल्म बताई जा रही है। इस फिल्म का निर्देशन अभिनेत्री रेवती ने किया है।
फिल्म की कहानी
फिल्म में वेंकी यानी विशाल जेठवा पर है जो किसी लाइलाज बीमारी के शिकार हैं। यह कहानी श्रीकांत मूर्ति की किताब ‘द लास्ट हुर्राह’ पर बनी है। कहानी उस दौर की है जब इच्छा मृत्यु लेना आम बात नहीं थी। उस समय वेंकी अपनी मां से इच्छा मृत्यु और अपने ऑर्गन दान करने की अंतिम इच्छा जाहिर करता है लेकिन एक भारतीय मां के किरदार में काजोल पहले तो इस बात की इजाजत देने को तैयार नहीं होती लेकिन बाद में राजी भी हो जाती है और इसके लिए कानून से लंबी लड़ाई भी लड़ती है।
दर्शकों को बांधने में चूकी पर आंसू लाने में नहीं
फिल्म की कहानी के साथ-साथ फिल्मांकन भी ऐसा किया गया है कि कहानी का मुख्य मुद्दा एक मां का इमोशन पूरी फिल्म में बना रहता है। फिल्म में कई ऐसे सीन्स हैं जिनको देखकर आप अपने आंसू नहीं रोक सकेंगे। लेकिन कहानी का कोर्ट रूम ड्रामा और पहले ही हाफ में मुख्य कहानी का खुल जाना दर्शकों को बांधकर नहीं रखा पा रहा। फिल्म में आमिर खान की मौजूदगी भी कोई खास काम नहीं कर सकी। ‘सलाम वेंकी’ उन फिल्मों में से हैं जिन्हें देखने के बाद मन इमोशनल हो जाता है। यही कारण है कि फिल्म के और भी किरदार जैसे प्रकाश राज, राजीव खंडेलवाल, राहुल बोस की मौजूदगी और उनका किरदार भी दर्शकों के मन को हल्का नहीं करता। वध की तरह इस फिल्म को भी 5 में से 3 स्टार मिले हैं।
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