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24 साल की कॉन्सटेबल ने फिल्मी तरीके से सुलझाया रैगिंग का मामला, इस तरह की इन्वेस्टिगेशन

देवरिया। इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज के रैगिंग के एक मामले को युवा महिला पुलिसकर्मी ने बड़े ही फिल्मी तरीके से सुलझाया है। इस पूरे केस को सुलझाने में सिर्फ 24 साल की कॉन्सटेबल शालिनी चौहान की बहुत ही अहम भूमिका रही। शालिनी इस वक्त इंदौर के संयोगितागंज पुलिस थाने में तैनात हैं। इतनी कम उम्र में पूरी तरह से ब्लाइंड केस को सुलझाने पर पूरे मध्यप्रदेश का पुलिस महकमा शालिनी की तारीफ कर रहा है।


क्या था रैगिंग का पूरा मामला
यह मामला पूरी तरह से ब्लाइंड था। किसी ने यूजीसी की हेल्पलाइन नंबर पर कॉलेज में जूनियर्स से रैगिंग होने की शिकायत की थी। कॉलेज प्रबंधन ने संयोगितागंज थाने में अज्ञात के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। कॉलेज से कोई सुराग नहीं मिलने पर पुलिस ने केस अपने तरीके से सुलझाने का फैसला किया और अंडर कवर टीम का गठन किया।


कॉलेज में 5 महीने स्टूडेंट बनकर रहीं शालिनी
जांच के लिए बनाई गई टीम में शालिनी सबसे कम उम्र की थी इसलिए उन्हें कॉलेज में स्टूडेंट बनाकर भेजा गया। शालिनी रोज दूसरे छात्रों की तरह कॉलेज जातीं थीं। उन्होने धीरे-धीरे स्टूडेंट्स से बात करनी शुरू की और संदिग्ध छात्रों पर नजर रखी। 5 महीने की पड़ताल बाद पिछले दिनों उन्होंने 10 आरोपी स्टूडेंट्स की पहचान की, जिनमें से 6 को गिरफ्तार कर लिया गया है जबकि 4 फरार बताए जा रहे हैं।

http://newsdeoria.com/subedar-sonam-parashar-saved-old-man-life-by-giving-cpr/

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