देवरिया : हिंदू धर्म में पान का विशेष महत्व है। क्योंकि पान का प्रयोग पूजा-पाठ सहित कई शुभ कार्यों में किया जाता है। दशहरे के दिन पान खाने और हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित करने की परंपरा रही है। इस दिन अगर हनुमान जी को पान का बीड़ा अर्पित किया जाए, तो हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। वे भक्तों से प्रसन्न होकर उनके सभी दुखों को दूर कर देते हैं। इसके अलावा पान को विजय का सूचक और मान-सम्मान का प्रतीक माना जाता है। माना जाता है कि दशहरे के दिन पान खाकर लोग अधर्म पर हुई धर्म की जीत की खुशी को व्यक्त करते हैं।
धार्मिक ग्रंथों में कहा गया है कि पान खाना संपन्नता की निशानी है। इसलिए नवरात्रि में माता को पान-सुपारी चढ़ाया जाता है। दशहरे पर पान खाने का एक कारण यह भी माना जाता है कि इस समय मौसम में बदलाव शुरू हो जाता है, जिससे संक्रामक बीमारियों को खतरा बढ़ जाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता पर प्रभाव पड़ता है। ऐसे में पान का खाना सेहत के लिए अच्छा माना जाता है। आयुर्वेद में पान खाना स्वास्थ्य के मामले में चमत्कारी माना गया है और पान व तुलसी को समान महत्व दिया है।
दूर हो जाती हैं सब परेशानियां
पाना खाना इसलिए भी अच्छा माना जाता है क्योंकि नवरात्रि के नौ दिन व्रत रखने के बाद अन्न ग्रहण करते हैं, जिसकी वजह से पाचन शक्ति प्रभावित हो जाती है। ऐसे में पान खाने से पाचन की प्रक्रिया सामान्य हो जाती है और पान खाकर भोजन पचाने में आसानी हो जाती है। साथ ही पेट संबंधित परेशानियां दूर हो जाती हैं।
पान खाना संपन्नता की निशानी
दशहरे के दिन भगवान राम ने लंका के राजा रावण और मां दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए वजह से इस पर्व को विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है। पान खाकर लोग कर्तव्य के रूप में बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में देखते हैं और जीत की खुशी मनाते हैं। पान खाना संपन्नता की निशानी मानी जाती है और इससे खुशी मिलती है। सच्चाई पर विश्वास और ईश्वर पर प्रेम दर्शाने के लिए एक-दूसरे को पान खिलाया भी जाता है।
हनुमान जी को अर्पित करें पान का बीड़ा
दशहरे के दिन हनुमान जी को पान का बीड़ा चढ़ाना बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं कि हनुमान जी को पान का बीड़ा बहुत पसंद है। हनुमान जी को बीड़ा अर्पित करने से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और संकट भी दूर हो जाते हैं। इस दिन हनुमान जी को शाम के समय स्वच्छ कपड़े पहनकर पान की बीड़ा अर्पित करें। हनुमान जी को बीड़ा अर्पित करते समय कहें कि हे भगवान, मैं आपको यह मीठा पान अर्पित कर रहा हूं, इस मीठे पान की तरह मेरे जीवन में भी मिठास भर दीजिए। इसके बाद पांच चमेली के तेल का दीपक जलाकर आरती करें।