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यूपी के तीन और शहरों में लागू हुई पुलिस कमिश्नर प्रणाली, जानें क्या होता है पुलिस कमिश्नरी सिस्टम ?

देवरिया : उत्तर प्रदेश के योगी सरकार ने प्रयागराज, आगरा और गाजियाबाद में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू करने को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के बाद अब इन तीनों शहरों में पुलिस कमिश्नर तैनात किए जाएंगे। यूपी में सबसे पहले 13 जनवरी 2020 को लखनऊ और नोएडा में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी। लखनऊ में सुजीत पांडे और नोएडा में आलोक सिंह को पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था। इसके बाद 26 मार्च 2021 को कानपुर और वाराणसी में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू हुई थी।

सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में सरकार ने प्रदेश के तीन महानगरों में पुलिस कमिश्नरी लागू की है। अब आगरा, गाजियाबाद और प्रयागराज में पुलिस कमिश्नर तैनात किए जाएंगे। प्रदेश सरकार इन तीनों शहरों को मेट्रोपोलिटन घोषित करेगी। पुलिस कमिश्नरी बनाए गए आगरा को पर्यटन की दृष्टि से उपयुक्त पाया गया। साल 2011 की जनगणना के अनुसार आगरा की आबादी 44 लाख 18 हजार 797 है।

सरकार ने गाजियाबाद में बदली औद्योगिक परिअथितियां, कानून व्यवस्था देखते हुए उसे पुलिस कमिश्नरी बनाया है। साल की 2011 जनगणना के अनुसार गाजियाबाद की आबादी 46 लाख 61 हजार 452 है। वहीं प्रयागराज धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। वहां 2025 में महाकुम्भ का आयोजन होना है। साल 2011 की जनगणना के अनुसार प्रयागराज की आबादी 59 लाख 54 हजार के करीब है।

सबसे पहले हैदराबाद में लागू की गई

योगी सरकार के इस ऐलान के बाद देश में इस श्रेणी के 75 शहर हो गए हैं। अब देश के 75 शहरों में पुलिस आयुक्त व्यवस्था के तहत सुरक्षा और कानून व्यवस्था नियंत्रित की जा रही है। ये सारे 75 शहर 17 राज्यों में हैं। खास बात यह है कि भारत में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली सबसे पहले हैदराबाद में लागू की गई थी। वैसे तो उस समय देश में ब्रिटिश हुकूमत थी, लेकिन पुलिस कमिश्नरी प्रणाली जैसी अभिनव व्यवस्था हैदराबाद के निजामों ने लागू की थी।

देश के चार महानगरों दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई में तो बहुत बाद में यह व्यवस्था लागू की गई। बड़ी बात यह है कि देश में सर्वाधिक आबादी वाले 10 राज्यों में अब केवल बिहार इस व्यवस्था से अछूता है।

क्या होता है कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली

पुलिस कमिश्नरी सिस्टम पुलिस प्रणाली अधिनियम, 1861 पर आधारित है। देश आजाद होने के बाद यह प्रणाली वक्त के साथ-साथ दूसरे महानगरों में भी लागू की गई। अब भारत के कई महानगरों में यह प्रणाली लागू है। इस व्यवस्था में पुलिस को डीएम के आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता है। क्योंकि डीएम के कई अधिकार पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं। इस प्रणाली में पुलिस खुद ही किसी भी हालात में कानून व्यवस्था से जुड़े सभी फैसले ले सकती है।

पुलिस कमिश्नरी प्रणाली के अधिकार

इस प्रणाली में सारे अधिकार पुलिस कमिश्नर के पास होते हैं। उन्हें किसी भी मामले में जिले के डीएम से आदेश लेने की ज़रूरत नहीं होती है। पुलिसकर्मियों तबादले, लाठी चार्ज या फायरिंग के आदेश भी खुद पुलिस कमिश्नर दे सकते हैं। सामान्य पुलिस व्यवस्था में डीएम को कानून-व्यवस्था संबंधी कई अधिकार देती है, लेकिन पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में ये सारे अधिकार डीएम की बजाय पुलिस कमिश्नर के पास होते हैं।

लाइसेंस देने का अधिकार

इस प्रणाली के तहत जिलों में शस्त्र लाइसेंस देने, बार लाइसेंस जारी करने और होटलों के लाइसेंस बनाने का अधिकार भी पुलिस कमिश्नर के पास होता है। इसके अलावा धरना प्रदर्शन की इजाजत देना, लाठी चार्ज पर फैसला करना, पुलिस बल की संख्या तय करने का अधिकार भी पुलिस के पास होता है। यहां तक कि भूमि संबंधी विवादों के निस्तारण का अधिकार भी पुलिस के पास होता है।

पुलिस कमिश्नरी के अधिकारी

पुलिस कमिश्नरी सिस्टम में ADG रैंक का अधिकारी पुलिस आयुक्त होता है। ये इस प्रणाली का सर्वोच्च पद होता है। इसके बाद IG रैंक का अधिकारी संयुक्त पुलिस आयुक्त होता है। जबकि DIG रैंक के अफसर अपर पुलिस आयुक्त बनाए जाते हैं। जिनकी तैनाती क्राइम और लॉ एंड ऑर्डर के लिहाज से अलग-अलग होती है।

देश के इन 17 राज्यों के 75 शहरों में पुलिस कमिश्नरी प्रणाली

  • आंध्र प्रदेश : विशाखापट्टनम, विजयवाड़ा
  • आसाम : गुवाहाटी
  • दिल्ली : नई दिल्ली
  • गुजरात : अहमदाबाद, सूरत, राजकोट, वडोदरा
  • हरियाणा : गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला
  • कर्नाटका : बेंगलुरु, बेलागावी, हुबली-धारवाड़, कलबुर्गी, बेंगलुरु, मैसुरू
  • केरल : तिरुअनंतपुरम, कोची, कोझीकोड, कोल्लम, त्रिशूर, कन्नूर
  • मध्य प्रदेश : भोपाल, इंदौर
  • महाराष्ट्र : मुंबई, पुणे, नागपुर, ठाणे, नवी मुंबई, नासिक, औरंगाबाद, मीरा-भयंदर-वसई-विरार, पिंपरी चिंचवड, सोलापुर, अमरावती
  • नागालैंड : दीमापुर
  • ओड़ीसा : भुवनेश्वर, कटक
  • पंजाब : अमृतसर, लुधियाना, जालंधर
  • राजस्थान : जयपुर, जोधपुर
  • तमिलनाडु : चेन्नई, कोयंबटूर, मदुरई, सेलम, तिरुपुर, तिरुनेलवेली, तिरुचिरापल्ली, अवादी, तांब्रम
  • तेलंगाना : हैदराबाद, साइबराबाद, करीमनगर, निजामाबाद, खम्मम, रचकोंडा, रामागुंडम, सिद्दीपेट, वारंगल
  • उत्तर प्रदेश : गौतमबुद्ध नगर, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद, प्रयागराज, आगरा
  • पश्चिम बंगाल : आसनसोल-दुर्गापुर, सिलीगुड़ी, कोलकाता, हावड़ा, चंदन नगर, बिधान नगर, बैरकपुर

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