देवरिया। नवंबर आधा बीत गया है। उत्तर भारत में ठंड गुलाबी रंग छोड़ रही है। पतले कंबल अंदर रखे जाने लगे हैं। रजाइयां निकलने लगी हैं। हल्की-हल्की धूप का इंतजार होने लगा है। ऐसे में याद आने लगी हैं ताजी-ताजी सब्जियां, गुड़-मूंगफली की चिक्कियां, गजक और हां इस मौसम का राजा अमरूद। बात अमरूद की हो और याद इलाहाबाद की न आए ऐसा हो नहीं सकता। जी हां, भले इलाहाबाद का नाम प्रयागराज हो गया हो लेकिन लाल चित्ती वाले अमरूद को दीवाने इलाहाबादी अमरूद ही पुकारेंगे। यहां के सेबिया अमरूद को देखकर धोखा खा जाएंगे कि ये सेब हैं या अमरूद।

ठंड का मतलब इलाहाबादी अमरूद
इलाहाबाद के बारे में अकबर इलाहाबादी ने लिखा था- ‘कुछ इलाहाबाद में सामां नहीं बहबूद के, यहां धरा क्या है ब-जुज़ अकबर के और अमरूद के’ । संगम, साहित्य, शिक्षा के लिए प्रख्यात प्रयागराज के अमरूदों की दीवानी दुनिया है। पूरे देश में इलाहाबादी अमरूदों की डिमांड ठंड आते ही शुरू हो जाती है। आज अगर आप इलाहाबाद अमरूद खरीदने जाएंगे तो सेब से भी ज्यादा कीमत आपको देनी होगी, तब जाकर स्वाद मिलेगा।
सेब से भी महंगे फिर भी डिमांड
सेब से भी ज्यादा महंगे होने के बावजूद इलाहाबादी सेब डिमांड में हैं। फिलहाल 100 रुपए किलो के लगभग होने के बाद भी ग्राहकों की कमी नहीं है। प्रयागराज में सड़क किनारे छोटे व्यापारी अमरूद लेकर बैठते हैं, जहां पैदल चलने वालों से लेकर लग्जरी गाड़ी वाले ग्राहकों की सुबह से शाम तक भीड़ होती है।

विदेश तक पहुंचाए जाते हैं इलाहाबादी अमरूद
इलाहाबादी अमरूद सीजन में पूरे देश में तो सप्लाई होता ही है साथ ही विदेशों में भी भेजा जाता है। प्रयागराज के रहने वाले बताते हैं कि विदेश में बसे उनके रिश्तेदार सीजन में इन अमरूदों को जरूर मंगवाते हैं। हर साल लोग अपने-अपने रिश्तेदारों को यहां से अमरूद भिजवाते हैं। संगम किनारे वाले अगर सर्दियों में किसी के घर जाते हैं, तो मिठाई नहीं अमरूद लेकर जाते हैं। बाहर रहने वालों दोस्तों और सहकर्मियों की भी डिमांड ठंड में इलाहाबादी अमरूद ही होते हैं।
देश-विदेश में मांग
इसके साथ ही बड़े व्यापारी भी पाकिस्तान और सऊदी अरब के व्यापारियों को बड़े पैमाने पर इलाहाबादी अमरूद एक्सपोर्ट करते हैं। प्रयागराज से अमरूद दिल्ली भेजा जाता है और वहां से विदेशों तक पहुंचाया जाता है। विदेशों में इनकी कीमत भी दोगुनी हो जाती है, जिससे देश के व्यापारियों को अच्छा खासा मुनाफा भी मिल जाता है।