देवरिया : 21 जून 1975, यह वह तारीख है जो क्रिकेट प्रेमियों के जहन में हमेशा रहेगी। 47 साल पहले आज ही के दिन क्रिकेट विश्वकप का पहला फाइनल मैच खेला गया था. फाइनल मुकाबले में धाकड़ वेस्टइंडीज क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलिया को 17 रन से हराकर वर्ल्डकप जीता था। क्लाइव लॉयड की कप्तानी में विंडीज टीम ने वनडे वर्ल्ड कप की पहली ट्रॉफी अपने नाम की थी। इस मैच में कप्तान ने टीम को फ्रंट से लीड करते हुए शानदार शतक जड़ा था।
वनडे क्रिकेट के इतिहास के पहले वर्ल्ड कप की लीग स्टेज में कोई भी टीम वेस्टइंडीज को हरा नहीं पाई थी। सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड को हराकर यह टीम लॉर्ड्स में फाइनल खेलने पहुंची थी। टॉस के दौरान सिक्का तो इयान चैपल के पक्ष में गिरा था, मगर क्लाइव लॉयड ने अकेले दम पर ऑस्ट्रेलियाई कप्तान के इस फैसले को गलत साबित किया।

ऑस्ट्रेलिया के सामने जीत के लिए 292 रनों का लक्ष्य
टॉस हारकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी वेस्टइंडीज की शुरुआत अच्छी नहीं रही थी। 50 रन पर टीम ने ऊपरी क्रम के तीन बल्लेबाजों को खो दिया था। इसके बाद क्लाइव लॉयड ने रोहन कन्हाई (55) के साथ 149 रनों की साझेदारी कर टीम को ना सिर्फ मुश्किल से निकाला बल्कि टीम को बड़े स्कोर तक पहुंचाने में मदद की। क्लाइव लॉयड ने उस जमाने में 85 गेंदों पर 12 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 102 रन की तूफानी पारी खेली थी, इस दौरान रोहिन ने एंकर का रोल अदा करते हुए 105 गेंदों पर 55 रन बनाए थे।
रन आउट ने डुबोई थी ऑस्ट्रेलिया की लुटिया
292 रनों के विशाल लक्ष्या का पीछा करते हुए ऑस्ट्रेलिया के पांच खिलाड़ी रन आउट हुए। इनमें कप्तान इयान चैपल (62) के साथ सलामी बल्लेबाज एलन टर्नर (40) जो टीम के सर्वाधिक स्कोरर रहे थे। एक समय ऐसा था जब ऑस्ट्रेलिया ने इस रन चेज में 233 पर अपने 9 विकेट खो दिए थे, मगर तब जेफ थॉमसन और डेनिस लिली की साझेदारी ने विंडीज की मुश्किल बढ़ा दी थी। दोनों ने आखिरी विकेट के लिए 41 रन जोड़े थे। ऑस्ट्रेलियाई पारी का अंत भी थॉमसन के रन आउट से हुआ। ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम 274 रनों पर ऑल आउट हो गई थी। फाइनल मुकाबला 10 घंटे से ऊपर चला था।

क्लाइव लॉयड क्रिकेट विश्वकप के पहले फाइनल में प्लेयर ऑफ़ द मैच चुने गए थे, उन्होंने मुश्किल समय में पहले तो वेस्टइंडीज की पारी को संभाला और फिर शतकीय पारी खेलकर टीम को बड़े स्कोर तक लेकर गए। क्रिकेट जगत में क्लाइव लॉयड को बहुत सम्मान से देखा जाता था, उनके आगे अच्छे अच्छे गेंदबाज डरा करते थे।