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भगोड़े नीरव मोदी को भारत लाने का रास्ता साफ, ब्रिटेन के हाई कोर्ट ने खारिज की याचिका

देवरिया : भगोड़ा हीरा व्यापारी नीरव मोदी को बुधवार को ब्रिटेन की एक अदालत ने बड़ा झटका दिया है। ब्रिटेन के हाईकोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक में 6,805 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के खिलाफ उसकी अपील को खारिज कर दिया है। यह भारत की सबसे बड़ी जीत है। क्योंकि भगोड़े नीरव मोदी को अब भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है।

उन्होंने कोर्ट में प्रत्यर्पण रोकने की अपील की थी। इस मामले में कोर्ट ने कहा कि नीरव का प्रत्यर्पण किसी भी नजरिए से अन्यायपूर्ण नहीं होगा। दरअसल, मोदी ने मानसिक स्वास्थ्य का हवाला देते हुए भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ लंदन हाई कोर्ट में अपील दाखिल की थी, जिसे अदालत ने बुधवार को खारिज कर दिया।

कोर्ट ने विशेषज्ञों की राय को बनाया आधार

न्यायाधीशों जेरेमी स्टुअर्ट-स्मिथ और रॉबर्ट जे की अदालत ने कहा कि विशेषज्ञ गवाहों के बयान के आधार पर कहा गया है कि नीरव मोदी में अभी तक मानसिक रोग का कोई लक्षण नहीं दिखा है, उसने खुदकुशी का विचार जाहिर किया है, लेकिन कभी आत्महत्या या खुद को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की और ना ही ऐसा करने की किसी योजना का खुलासा किया।

उल्लेखनीय है कि विशेष पीएमएलए कोर्ट ने दिसंबर 2019 में भगोड़े आर्थिक अपराधी अधिनियम, 2018 के तहत नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया था। नीरव लंदन भाग गया था।

जेल में बंद है नीरव मोदी

51 वर्षीय व्यवसायी नीरव मोदी दक्षिण-पूर्वी लंदन में वैंड्सवर्थ जेल में बंद है। उनको को फरवरी में प्रत्यर्पण के पक्ष में जिला न्यायाधीश सैम गूजी के वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने की अनुमति दी गई थी।

मोदी और चौकसी ने किया 14,500 करोड़ का फ्रॉड

यहां बताते चलें कि नीरव मोदी और मेहुल चौकसी पर पंजाब नेशनल बैंक से 14,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। फरवरी 2021 में भगोड़े कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में ब्रिटेन की अदालत ने कहा था कि नीरव मोदी को लंदन की जेल से मुंबई में आर्थर रोड जेल में भेजने के लिए उसकी मानसिक स्थिति ठीक है।

दरअसल नीरव मोदी की लीगल टीम ने आत्महत्या की प्रवृत्ति की दलीलें दी थी। इसपर लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में जिला न्यायाधीश सैमुअल गूजी ने यह फैसला सुनाया था। न्यायाधीश ने कहा था कि लंदन की जेल में रहने की वजह से मोदी की मानसिक स्थिति पर असर पड़ा है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं लगता है कि प्रत्यर्पण किए जाने पर वह आत्महत्या करेगा।

ब्रिटेन के हाई कोर्ट का बयान महत्वपूर्ण

वहीं, सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘ब्रिटेन के हाई कोर्ट का निर्णय भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के सीबीआई के प्रयासों के लिहाज से एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह इस बात की भी याद दिलाता है कि बड़ी धनराशि की धोखाधड़ी करके कानूनी प्रक्रिया से भागने वाले खुद को इस प्रक्रिया से ऊपर न मानें।’

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