देवरिया। बालासोरमें हुए दर्दनाक ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 260 से ज्यादा हो गई है। 900 से ज्यादा लोग घायल हैं। मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है।यह दर्दनाक हादसा शनिवार शाम बहानागा स्टेशन के पास हुआ। हादसे के बाद मौके पर चीक-पुकार मच गई थी। पूरी तरह से क्षतिग्रस्त ट्रेन के डिब्बों के चारों तरफ लाशें और लोग तड़पते हुए नजर आ रहे थे। हादसे की आवाज सुनते ही गांव के लोग मौके पर पहुंच गए और मदद पहुंचानी शुरू की। घटनास्थल में रेस्क्यू जारी है। सेना और एनडीआरएफ, ओडीआरएफ, दमकल और स्थानीय पुलिस की टीमें राहत-बचाव में लगी हुई हैं। कुछ ट्रेनों का रूट डायवर्ट किया गया है।
हादसे के बाद शनिवार रात ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव घटनास्थल पर पहुंचे और वहीं डटे हुए हैं। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री समेत सभी नेताओं ने दु:ख जताया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रेल दुर्घटना के संबंध में स्थिति की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई है। स्थिति का जायजा लेने प्रधानमंत्री मौके पर पहुंच चुके हैं। ओडिशा के सीएम ने घटनास्थल का दौरा किया और रेल मंत्री के साथ चर्चा की। दुनियाभर के नेताओं ने हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
डॉक्टरों ने बताया कि खून की जरूरत लगातार पड़ रही है। 3 हजार यूनिट से ज्यादा ब्लड लोगों ने डोनेट किया है। वे अपनी तरफ से घायलों को बचाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं। घटनास्थल को देखकर कलेजा मुंह को आ रहा है। ये रेल हादसा भारत के अब तक के सबसे बड़े रेल हादसों में से एक के रूप में दर्ज हो गया है।

कैसे हुआ इतना बड़ा हादसा
रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार कोरोमंडल एक्सप्रेस चेन्नई की ओर जा रही थी जिसके कुछ डिब्बे शाम करीब 7 बजे पटरी से उतर कर गए। कुछ डिब्बे एक तरफ खड़ी माल गाड़ी से टकरा गए और कुछ डिब्बे दूसरी तरफ के ट्रैक पर पलट गए। उसी ट्रैक पर एसएमवीपी-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस यशवंतपुर की तरफ से आ रही थी जो की कोरोमंडल के बिखरे पड़े डिब्बों से टकरा गई और यहां हादसे ने भयंकर रूप ले लिया।
चश्मदीदों ने बताया कैसे लोगों ने की मदद
हादसे में सुरक्षित बचे चश्मदीदों ने बताया रिजर्वेशन कोच होने के बाद भी यात्री खचाखच भरे हुए थे। जैसे ही हादसा हुआ स्थानीय लोग मदद के लिए पहुंच गए। उन्होंने ना सिर्फ लोगों को बाहर निकाला बल्की उन्हें पानी पिलाया और उनका सामान भी उन्हें लाकर दिया। ट्रेन में लोगों के शरीर के अलग-अलग हिस्से बिखरे पड़े थे लेकिन लोगों ने जिंदा लोगों को डिब्बे में घुसकर निकाला और अस्पताल पहुंचाया।
अस्पतालों में ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़
हादसे के बाद अस्पताल में ब्लड डोनेट करने वालों की भीड़ लग गई है। हादसा इतना भयंकर था कि बचे हुए बहुत से लोगों की हालत नाजुक बनी हुई है। किसी के हाथ नहीं हैं तो किसी के पैर। ऐसी स्थिति में अधिकांश घायलों को जल्द से जल्द खून की जरूत पड़ रही है। हादसे वाली जगह पर लोगों ने जैसे मदद की वैसे ही लोग खून देन अस्पताल भी पहुंच रहे हैं। उनक कहना है उनके खून देने से किसी एक की भी जान बचती है तो उनके लिए बहुत बड़ी बात होगी।
घायलों से मिले सीएम, मदद करने वालों को कहा धन्यवाद
ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक ने अस्पताल पहुंचकर घायलों से मुलाकात की। उन्होंने कहा यह बहुत ही दर्दनाक दुर्घटना है। उन्होंने उन लोगों को धन्यवाद दिया जिन्होंने दुर्घटना स्थल पर और अस्पताल में लोगों को मदद पहुंचाई।
ओडिशा में घोषित किया गया राजकीय शोक
रेल हादसे के बाद ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में एक दिन का राजकीय शोक घोषित किए जाने का आदेश दिया है। पूरे राज्य में 3 जून को कोई उत्सव नहीं मनाया जाएगा। राज्य सरकार ने अपने सभी कार्यक्रमों को स्थगित कर दिया है। ओडिशा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से यह जानकारी दी गई है। वहीं रेल मंत्रालय ने आज गोवा से शुरू होने वाली वंदे भारत को हरी झंडी दिखाए जाने के कार्यक्रम को भी स्थगित कर दिया है।
कनाडा के पीएम ने हादसे पर किया ट्वीट
रेल हादसे के बाद कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर दुख जताया है, उन्होंने कहा- “ओडिशा में ट्रेन हादसे की तस्वीरें और रिपोर्टस् मेरा दिल तोड़ रही हैं। इस मुश्किल वक्त मे कनाडाई लोग भारतीयों के साथ खड़े हैं”। कई देशों ने राजनेताओं में हादसे पर दु:ख जताया है।