देवरिया। महाराष्ट्र की सियासत के लिए गुरुवार का दिन बहुत बड़ा था। दिल्ली के बाद उद्घधव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे मामले में उच्चतम न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे को राहत देने से इनकार कर दिया क्योंकि उन्होंने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया। सर्वोच्च अदालत ने माना कि महाराष्ट्र के राज्यपाल का निर्णय भारत के संविधान के अनुसार नहीं था।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि स्पीकर को अयोग्यता याचिकाओं पर उचित समय के भीतर फैसला करना चाहिए।सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि यथास्थिति बहाल नहीं की जा सकती क्योंकि उद्धव ठाकरे ने फ्लोर टेस्ट का सामना नहीं किया और अपना इस्तीफा दे दिया। महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट पर सुप्रीम कोर्ट में अधिवक्ता अभिषेक सिंघवीने बताया कि कोर्ट ने व्हिपभरत गोगावले की नियुक्ति को गलत माना है और कहा कि व्हिप सिर्फ राजनीतिक पार्टी की हो सकती है न की विधायिका पार्टी की। अब स्पीकर को जल्द से जल्द अयोग्यता याचिका पर फैसला करना होगा।
उद्धव ने इस्तीफा दिया, तो मैं क्या करता: कोश्यारी
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारीका बयान सामने आया है। उन्होंने कहा “मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए सोच-समझकर उठाए। जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा।”
ठाकरे ने शिंदे पर बोला हमला
अदालत के फैसले के बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे पर हमला बोला है। उन्होंने कहा “इस देश में प्रजातंत्र की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं फिर मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता के लिए, देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है। अगर मुख्यमंत्री(शिंदे) और उप-मुख्यमंत्री(देवेंद्र फडणवीस) में जरा भी नैतिकता होगी तो इस्तीफा देना चाहिए, जैसे मैंने इस्तीफा दिया था।”
शिंदे ने ठाकरे को दिया जवाब
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदेने ठाकरे के हमलों पलटवार किया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को आम जनता के दिल की भावना, बालासाहेब ठाकरे के विचार, शिवसेना-भाजपा के विचारों और लोगों ने जो चुनाव में शासनादेश दिया उसकी विजय बताया है। शिंदे ने कहा कि बालासाहेब ठाकरे के विचारों को जिन्होंने प्रताड़ना दी, उनको मुंहतोड़ जवाब उच्च न्यायालय के निर्णय ने दिया है। शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे कोनैतिकता की बात अब करने से अच्छा तब करनी चाहिए थी, जब चुनाव हुआ था। तब अगर लोगों का निर्णय देखते हुए नैतिकता की बात करते तो भाजपा-शिवसेना की सरकार बन जाती लेकिन इन्होंने कुर्सी पाने के लिए फैसला लिया। ठाकेर पर इस्तीफें पर शिंदे ने कहा कि उनके पास अल्पमत था, कितने लोग बचे थे? उन्हें पता था उनकी हार हो जाएगी और तब राज्यपाल ने निर्णय लिया जो सही था। शिवसेना और बालासाहेब की विचारधारा को बचाने का काम हमने किया है।
जो लोग कहते थे सरकार जाएगी, उन्हें जवाब मिला: फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी उद्धव ठाकरे पर हमला बोलने से नहीं चूके। कोर्ट ने फैसले के बाद फडणवीस ने कहा “नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछता हूं कि भाजपा के साथ चुनकर आए और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और NCP के साथ जब गए तब नैतिकता को कौनसे डब्बे में डाला था? उन्होंने डर के कारण इस्तीफा दिया था।”फडणवीस ने कहा किजो लोग सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर अटकले लगाते हुए कहते थे कि हमारी सरकार जाएगी आज उन्हें जवाब मिल गया है।