देवरिया। केंद्र सरकार के 2016 में पांच सौ और हजार के नोटों को बंद करने का जो फैसला किया था उसे सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा है। उच्चतम न्यायालय ने नोटबंदी के खिलाफ सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है और सरकार के इस फैसले को सही बताया है। सुप्रीमकोर्ट ने कहा- ‘यह फैसला कार्यकारी की आर्थिक नीति होने के कारण उलटा नहीं जा सकता है’
58 याचिकाओं पर हुई सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में नोटबंदी के खिलाफ लगी 58 याचिकाओं की एक बैच पर सुनवाई हुई। याचिकाओं में नोटों को बंद करना त्रुटीपूर्ण बताया गया था। सुनवाई करते हुई 5 न्यायाधीशों की बेंच ने कहा कि-“नोटबंदी से पहले केंद्र और आरबीआई के बीच सलाह मशविरा किया गया था, इतने बड़े फैसले के लिए दोनों के बीच एक सामंजस्य था। नोटबंदी की प्रक्रिया में कोई गड़बड़ी नहीं हुई है।”
फैसला रख लिया था सुरक्षित
सुप्रीम कोर्टने सात दिसंबर को केंद्र और भारतीय रिजर्व बैंक को 2016 के फैसले से संबंधित सारे रिकॉर्ड सौंपने के निर्देश दिए थे और फिर फैसला सुरक्षित रख लिया था। फैसला सुनाने वाले बेंच में न्यायमूर्ति बी आर गवई, ए एस बोपन्ना, वी रामसुब्रमण्यन और बी वी नागरत्ना भी शामिल हैं।
