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ऋषि राजपोपट ने सुलझाई संस्कृत की ढाई हजार साल पुरानी पहेली, कंप्यूटर में संस्कृत का उपयोग होगा संभव

देवरिया। संस्कृत की एक सदियों पुराने नियम को डीकोड कर लिया गया है। दशकों से जिसे सुलझाने के लिए संस्कृत के विद्वान लगे हुए थे, उसे सेंट जॉन्स कॉलेज के ऋषि राजपोपट ने सुलझा लिया है। यह नियम भाषा विज्ञान के पिता पाणिनि के द्वारा सिखाया गया था। इस नियम को डीकोड करने के बाद संस्कृत का कोई भी शब्द बनाना संभव हो पाएगा। ‘मंत्र’ और ‘गुरू’ समेत व्याकरण के शब्दों का निर्माण इस नियम के तहत किया जा सकता है।

संस्कृत के क्षेत्र में क्रांतिकारी खोज
इस नियम के डिकोड हो जाने से अब पाणिनि की ‘भाषा मशीन’ को उपयोग किया जा सकेगा। संस्कृत के जानकारी और विशेषज्ञों ने इस खोज को संस्कृत के क्षेत्र में क्रांतिकारी माना है क्योंकि पाणिनी की इस ‘भाषा मशीन’ को इतिहास की सबसे बड़ी बौद्धिक उपलब्धियों में से एक माना जाता है। अब हो सकता है कि पाणिनि की व्याकरण को कंप्यूटर के लिए भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

पीएचडी की थिसिस में सुलझाया नियम
ऋषि राजपोपट ने अपनी पीएचडी थिसिस शोध में संस्कृत के नियम को सुलझाया है। राजपोपट की थिसिस 15 सितंबर को पब्लिश हुई है। अपनी थिसिस में उन्होंने ढाई हजार साल पुराने एल्गोरिदम को डिकोड किया है। इस नियम के सुलझने के बाद सदियों बाद अब पाणिनी की भाषा मशीन का उपयोग संभव हो पाएगा 500 बीसी के करीब लिखे गए पाणिनी के प्रसिद्ध अष्टाध्यायी में करीब 4 हजार नियम हैं। यह नियम एक मशीन की तरह काम करते हैं।

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