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राम मंदिर निर्माण का काम जोरों पर, सामने आई रामलला के विराजने की जगह

देवरिया: अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। ऐसी आशा है कि भगवान राम के भक्तों को उनके दर्शन के लिए अब ज्यादा प्रतीक्षा नहीं करनी पड़ेगी। श्रीराम लला के भव्य मंदिर का गर्भ गृह, भूतल पर पांच मंडप और उसके ऊपर तीन मंजिला का विशाल महल नुमा स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है।


मंदिर में राम लला का स्थान तय
मंदिर का काम तेज रफ्तार से चल रहा है। निर्माणाधीन मंदिर के भूतल की एक तस्वीर सामने आई है, जिसमें बीचो-बीच एक भगवा ध्वज रहराता हुआ दिखाई दे रहा है। ध्वज वाले स्थान को ही रामलाला के विराजने का स्थान बताया जा रहा है। इस निर्माणाधीन मंदिर की तस्वीर को ही देखकर भक्त अपने प्रभु को देखने के लिए उत्साहित हो रहे हैं। 24 जनवरी 2024 को राम लला की स्थापना हो सकती है।

ग्राउंड फ्लोर दिसंबर 2023 तक पूरा होने का अनुमान
मंदिर के काम को देखते हुए अनुमान लगाया जा रहा है कि भूतल का काम दिसंबर 2023 तक पूरा कल लिया जाएगा और फिल राम लला की स्थापना भी की जा सकेगी। मंदिर निर्माण में लगी टीम ने बताया मंदिर के प्लिंथ लेबल तक का काम पूरा कर लिया गया है। प्लिंथ तक का काम पूरा करने में 17 हजार ग्रेनाइट पत्थर का काम हुआ है। बताया जा रहा है मुख्य मंदिर के निर्माण में 3 लाख घनफुट तक के पत्थर लग सकते हैं।


2025 तक मंदिर पूरा करने का लक्ष्य
राम मंदिर के गर्भगृह की पहली ईंट सीएम योगी आदित्यनाथ ने 1 जून को रखी थी। मंदिर निर्माण की योजना के हिसाब से 2023 तक गर्भगृह का निर्माण पूरा करना है। वहीं गर्भ गृह, भूतल और तीन मंजिल समेत पूरे मंदिर को 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और पूरे मंदिर परिसर का निर्माण 2025 तक पूरा कर लिया जाएगा। यानी कि मुख्य मंदिर और मंदिर प्रांगण को 2025 तक पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।


उच्च गुणवत्ता वाले पत्थरों से हो रहा निर्माण
मंदिर निर्माण में ग्रेनाइट पत्थर, राजस्थानी बलुआ पत्थर और राजस्थानी सफेद मकराना संगमरमर का उपयोग किया गया है। ग्रेनाइट पत्थर का उपयोग प्लिंथ को मजबूती देने के लिए किया गया है। वहीं मुख्य मंदिर में गर्भ गृह , फर्श, रेलिंग और दरवाजे के फ्रेम का निर्माण राजस्थान के मकराना संगमरमर से किया जा रहा है।


भक्तों के लिए होंगी ये सुविधाएं
राम मंदिर निर्माण में दूर दूर से दर्शन के लिए आने वाले भक्तों की सुविधा का भी विशेष ध्यान रखा गया है। श्रद्धालुओं के लिए तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र का निर्माण किया जाएगा जिसमें दर्शनार्थियों के जूते और दूसरे सामानों को सुरक्षित रखने की व्यवस्था होगी, साथ ही 5 हजार भक्तों की क्षमता वाला प्रतिक्षालय बनाया जा रहा है। प्रतीक्षालय में पीने के साफ पानी और शौचालय की भी व्यवस्था होगी।

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