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काका हाथरसी, दुष्यंत की पंक्तियों से कसा तंज, आटा से लेकर डाटा तक गिनाया, पढ़िए सदन में कैसे बरसे पीएम मोदी

देवरिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का धन्यवाद देते हुए कहा कि ‘मैं राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद करता हूं और यह मेरा सौभाग्य रहा है कि पहले भी कई बार उनके अभिभाषण पर धन्यवाद करने का अवसर मिला है, लेकिन इस बार धन्यवाद के साथ उनका अभिनंदन भी करना चाहता हूं’। सदन में प्रधानमंत्री मोदी विपक्ष पर जमकर बरसे और कहा कि 2030 का दशक भारत का दशक है। आज पूरी दुनिया भारत को आशा भरी नजरों से देख रही है लेकिन ये निराशा से भरे कुछ लोगों को अच्छा नहीं लगता। उन्होंने कहा कि 100 साल में आई भयंकर महामारी, दूसरी तरफ युद्ध की स्थिति, बटां हुआ विश्व और इस संकट के माहौल में भी देश को जिस तरह से संभाला गया है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है।

अभिभाषण का धन्यवाद
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने विजनरी भाषण में करोड़ों देशवासियों का मार्गदर्शन किया। गणतंत्र के मुखिया के रूप में उनका उपस्थिति ऐतिहासिक है और देश की करोड़ों बेटियों के लिए प्रेरणा का अवसर है। ये सदन और उनका देश आभारी है। अभिभाषण में संकल्प से सिद्धी तक के साफर का बढ़िया खाका खींचा गया। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस चर्चा में सबने हिस्सा लिया और सबने अपने-अपने आंकड़े, तर्क दिए और अपनी रुचि , प्रवृत्ति, प्रकृति के अनुसार अपनी बातें रखीं। जब इन बातों को समझने का प्रयास करते हैं तो ध्यान में आता है कि किसकी कितनी क्षमता, योग्यता, समझ और किसका क्या इरादा है। ये सारी बातें प्रकट होती हैं और देश मूल्यांकन करता है।


इको-सिस्टम पर कसा तंज
प्रधानमंत्री ने इशारों-इशारों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर तंज कसा और कहा कि कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक…उछल रहे थे और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात, शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं, वो अब चल चुके हैं, वो अब आ रहे हैं। जब राष्ट्रपति का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए और एक बड़े नेता राष्ट्रपति का अपमान भी कर चुके हैं। जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत और उनके प्रति उनकी सोच क्या है ये भी दिखाई दी है। जब टीवी पर इस प्रकार की बातें कही गई तो अंदर पड़ा नफरत का भाव बाहर आ गया।

‘भारत को आशा भरी नजरों से देख रही है दुनिया’
आज पूरे विश्व में भारत को लेकर पॉजिटिविटी है, आशा है और भरोसा है। ये खुशी की बात है कि आज भारत को G20 की अध्यक्षता का अवसर मिला है। ये देश और 140 करोड़ देशवासियों के लिए गौरव की बात है लेकिन मुझे लगता है कि शायद इससे कुछ लोगों को दुख है। वे आत्मनिरीक्षण करें कि वे कौन लोग हैं। राष्ट्रपति के भाषण की किसी ने आलोचना नहीं की। जो भारत कभी अपनी अधिकांश समस्याओं के समाधान के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। मुझे खुशी है कि किसी ने विरोध नहीं किया। सबने स्वीकार किया। मैं 140 करोड़ देशवासियों का आभारी हूं कि सबके प्रयास का परिणाम है कि सदन की स्वीकृति मिली है।


मुश्किल समय में भारत पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था बना
आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण क्षण हमारे सामने खड़े हैं। गौरव के क्षण हमारे सामने हैं। 100 साल में आई महामारी, दूसरी तरफ युद्ध, बंटा हुआ विश्व, इस स्थिति में भी, इस संकट के माहौल में भी, देश को जिस तरह संभाला गया है, इससे पूरा देश आत्मविश्वास से भर रहा है, गौरव से भर रहा है। चुनौतियों के बिना जीवन नहीं होता है। लेकिन चुनौतियों से ज्यादा सामर्थ्यवान है 140 करोड़ देशवासियों का जज्बा। कई देश युद्ध के कारण अस्थिरता से पीड़ित हैं। हमारे पड़ोसी सहित कई अन्य लोग मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और खाद्य सुरक्षा की कमी का सामना कर रहे हैं। मुश्किल समय के बीच भारत पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना। आज दुनिया की हर विश्वसनीय संस्था, विशेषज्ञों को आज भारत के प्रति आशा है। विश्वास है। उमंग है। आज पूरी दुनिया भारत को आशा की नजरों से देख रही है। इसका उत्तर भारत में आई स्थिरता में छिपा है। भारत की वैश्विक शाख, सामर्थ्य और संभावनाओं में छिपा है।

‘भारत में स्थिर और निर्णायक सरकार है’
लगभग तीन दशकों तक भारत में राजनीतिक अस्थिरता रही। आज हमारे पास एक स्थिर और निर्णायक सरकार है। निर्णायक सरकार हमेशा देश के हित में निर्णय लेने का साहस रखती है। देश को समय की मांग के अनुसार जो चाहिए, देते रहेंगे।


‘भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है’
पीएम ने कहा कि पिछले 9 साल में 90,000 स्टार्टअप सामने आए हैं। स्टार्टअप्स में हम दुनिया में तीसरे नंबर पर हैं। भारत मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में उभर रहा है। दुनिया भारत की समृद्धि में अपनी समृद्धि देखती है। निराशा में डूबे कुछ लोग इस देश के विकास को स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। वे लोगों की उपलब्धियों को देखने में विफल रहते हैं। भारत में वैक्सीन तैयार हुई, सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया गया। करोड़ों नागरिकों को मुफ्त टीके लगाए। इतना ही नहीं 150 से ज्यादा देशों को दवाई, टीका भेजा। आज विश्व के कई देश भारत के विषय में इस बात पर वैश्विक मंच पर धन्यवाद करते हैं। डिजिटल इंडिया की चारों तरफ वाह-वाही हो रही थी। कोरोना काल में देश नागरिकों को आर्थिक मदद पहुंचाना चाहते थे लेकिन हमारे देश में एक सेकेंड में हजारों करोड़ड रुपए ट्रांसफर हो जाते हैं। आज तकनीकि के क्षेत्र में देश ताकत के साथ आगे बढ़ रहा है। आज भारत दुनिया में मोबाइल बनाने में दूसरा बड़ा देश बन गया है। घरेलू विमान यात्रियों की दृष्टि में तीसरे नंबर पर पहुंचे।


काका हाथरसी की लाइन पढ़ी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत के खिलाड़ी अपना रुतबा और सामर्थ्य दिखा रहे हैं। हमारे बेटे-बेटियों ने शानदार प्रदर्शन किया है शिक्षा के क्षेत्र में भारत आगे बढ़ रहा है। पहली बार हायर एजुकेशन में इनरोलमेंट की संख्या 4 करोड़ से ज्यादा हुई। बेटियों की भागीदारी बढ़ रही है। भारत विश्वास से भरा, सपने और संकल्प को लेकर चलने वाला देश है। लेकिन यहां कुछ लोग ऐसे निराशा में डूबे हैं। काका हाथरसी ने कहा था आगा-पीछा देखकर क्यों होते गमगीन, जैसी जिसकी भावना, वैसा दिखे सीन।


यूपीए के कार्यकाल पर करारा निशाना
सदन में पीएम मोदी ने कहा कि ये निराशा ऐसे नहीं आई, इस निराशा के पीछे कारण है, एक तो जनता का बार-बार हुकुम…2004 से 2014 तक भारत की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल हो गई, इस पर निराशा नहीं होगी तो क्या होगी। 10 साल में महंगाई डबल डिजिट रही इसलिए अगर कुछ अच्छा होता है तो निराशा और उभर कर आती है। 2004 से 2014 आजादी के इतिहास में घोटाला का दशक रहा। UPA के वे दस साल में भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा। हर नागरिक असुरक्षित था। चारों तरफ ये सूचना रहती थी किसी अनाजानी चीज को हाथ मत लगाना। 10 साल में कश्मीर से लेकर पूर्वोत्तर तक देश हिंसा का शिकार था।


हर मौके को मुसीबत में बदला: पीएम
सदन में प्रधानमंत्री ने कहा कि 2010 में देश में राष्ट्रमंडल खेल हुए भारत की युवा सामर्थ्य को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने बहुत बड़ा अवसर था, लेकिन CWG घोटाले में पूरा देश दुनिया में बदनाम हो गया। सदी के दूसरे दशक में देश की चर्चा ब्लैकआउट के नाते हुई। पूरे विश्व में ब्लैकआउट के वे दिन चर्चा में आ गए। 2014 से पहले का दशक हमेशा द लॉस्ट डिकेड के रूप में याद किया जाएगा, लेकिन 2030 का दशक भारत का दशक है।


आलोचना में गंवा दिए 9 साल: PM
आर्थिक प्रगति पर जब चर्चा होती है, तो यहां से निकल कर RBI को गाली देते हैं। 9 साल में कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज्म की जगह कंपल्सिव क्रिटिसिज्म ने ले ली है और ये इसी में खोए हैं। सदन में जांच एजेंसियों के बारे में बहुत कुछ कहा गया, कई लोग इस सुर में सुर मिला रहे थे। इन्होंने 9 साल आलोचना करने की जगह आरोप में गंवा दिए। चुनाव हार जाओ तो EVM को गाली, चुनाव आयोग को गाली..कोर्ट में फैसला पक्ष में नहीं आया तो सुप्रीम कोर्ट की आलोचना, भ्रष्टाचार की जांच हो रही हो तो जांच एजेंसियों को गाली, सेना अपना पराक्रम दिखाए तो सेना को गाली… सेना पर आरोप लगाते हैं।


कांग्रेस पर बरसे पीएम
कुछ लोगों को यहां हार्वर्ड स्टडी का क्रेज है। कोरोना काल में कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी पर हार्वर्ड में केस स्टडी होगी। बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बहुत अच्छी स्टडी हुई है, उसका शिर्षक था ‘द राइज एंड डिक्लाइन ऑफ इंडिया कांग्रेस पार्टी’। भविष्य में कांग्रेस की बर्बादी पर बड़े-बड़े विश्वविद्यालयों में अध्ययन होगा और डुबाने वाले लोगों पर भी होगा। इस प्रकार के लोगों के लिए दुष्यंत कुमार ने कहा है- तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं…कमाल ये है फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।


‘लोकतंत्र में आलोचना शुद्धि यज्ञ’
पीएम ने कहा कि लोकतंत्र में आलोचना का बहुत महत्व है। भारत लोकतंत्र का जनक है। आलोचना लोकतंत्र की मजबूती के लिए, स्पिरिट के लिए शुद्धि यज्ञ है। 9 साल आलोचना नहीं आरोपों में गंवाए। कुछ भी बोलते हैं, गलत आरोप लगाते हैं। पीएम ने कहा कि 2014 से ये हर मौके पर कोस रहे हैं। भारत कमजोर हो रहा है। भारत की कोई सुनने को तैयार नहीं। अब कह रहे हैं कि भारत इतना मजबूत हो गया है कि दूसरे देशों को धमका कर फैसले करवा रहा है। पहले तय करो कि भारत कमजोर हुआ है कि मजबूत हुआ है।


मोदी अखबारों की सुर्खियों या टीवी के चमकते चेहरों से पैदा नहीं हुआ
पीएम मोदी ने कहा कि जो अहंकार में डूब होते हैं। उनको लगता है कि मोदी को गाली देकर रास्ता निकलेगा। कीचड़ फेंक कर रास्ता निकलेगा। 22 साल बीत गए, वो गलतफहमी पाल कर बैठे हैं। मोदी पर भरोसा अखबार की सुर्खियों से पैदा नहीं हुआ। टीवी पर चमकते चेहरों से पैदा नहीं हुआ। जीवन खपा दिया। पल-पल खपा दिया। देश के लिए खपा दिया। इसके बाद सदन में जोर-जोर से मोदी-मोदी के नारे लगे। पीएम ने विपक्ष से कहा कि आपकी गालियां, आपके आरोपों को कोटि-कोटि भारतीयों से होकर गुजरना पड़ेगा। जिनको दशकों तक मुसीबतों में जिंदगी जीने को तुमने मजबूर किया था। उन्होंने कहा कि कुछ लोग अपने लिए, अपने परिवार के लिए बहुत कुछ तबाह करने पर लगे हैं। मोदी तो 125 करोड़ देशवासियों के परिवार का सदस्य है। 140 करोड़ देशवासियों का आशीर्वाद मेरा सबसे बड़ा सुरक्षा कवच है। तुम इसे झूठ से भेद नहीं सकते।


कश्मीर को लेकर राहुल गांधी पर साधा निशाना
पिछली शताब्दी में मैं भी यात्रा लेकर कश्मीर गया था और आतंकियों ने पोस्टर लगाए थे कि- कौन है ऐसा, जिसने मां का दूध पिया है जो लाल चौक पर तिरंगा लहराएगा। मैंने उस वर्ष 23 जनवरी को ऐलान किया था कि 26 जनवरी को मैं आऊंगा,बिना सुरक्षा और बुलेट प्रूफ जैकेट के आऊंगा और तिरंगा लहराऊंगा। समय सिद्ध कर रहा है… जो कभी यहां (सत्ता पक्ष) बैठते थे वो वहां (विपक्ष) जाने के बाद भी फेल हुए हैं, लेकिन देश पास होता जा रहा है। जो हाल में जम्मू-कश्मीर घूम कर आए हैं वो भी अब देख सकते हैं कि कितनी आन-बान-शान से घूम सकते हैं।

‘यह देश अजर है, अमर है’

हमारे राजनीतिक मतभेद हो सकते हैं… विचारधारा में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन यह देश अमर-अजर है। आइए, हम चल पड़ें… 2047 में एक विकसित भारत बना कर रहेंगे। आइए, एक संकल्प और सपना लेकर चलें। देश आज यहां से एक नई उमंग… नए विश्वास के साथ आगे चल पड़ा है।

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