देवरिया: इंटरनेट, जिसके बिना आज हम अपनी दिनचर्चा की कल्पना भी नहीं कर सकते, सुबह उठने से लेकर रात को सोने तक के बहुत से काम हम इंटरनेट के जरिए बहुत ही आसानी से कर लेते हैं। कोरोना काल में जब पूरी दुनियां रुक सी गई थी तब भी यही इंटरनेट था जिसकी मदद से लोगों की रोजी-रोटी चल रही थी, स्टूडेंट्स की पढ़ाई चल रही थी। खासकर त्योहारी सीजन में हम इंटरनेट के जरिए काफी शॉपिंग करते हैं। बहुत सी शॉफिंग वेबसाइट्स हैं जो दीपावली पर बड़े-बड़े ऑफर्स चलाती हैं। इन सबके बीच हमें ऑनलाइन शॉपिंग में ठगी की भी खबरें देखने को मिलती रहती हैं। इसलिए सिर्फ छूट या किसी विशेष ऑफर के लालच में ना आकर शॉपिंग की जा रही साइट की भी अच्छी तरह जानकारी ले लें और हमेंशा ऑथेंटिक साइट से ही शॉपिंग करें। आइए जानते हैं साइबर ठगी या साइबर क्राइम क्या होता है, इसके कौन-कौन से टाइप हैं और इनसे कैसे बचा जा सकता है।
क्या है साइबर क्राइम और साइबर ठगी
इंटरनेट, मोबाइल, कंप्यूटर के माध्यम से किया गया कोई भी अवैध काम साइबर क्राइम के तहत आता है, जैसे- हैकिंग, डेटा थेफ्ट, आइडेंटीटी थेफ्ट, चाइल्ड पोर्नोग्राफी और ऐसे और भी कई अपराध साइबर क्राइम के तहत आते हैं जिसमें अवैध उद्देश्यों के लिए कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग होता है। इनका उपयोग अगर गंभीर अपराधों को अंजाम देने के लिए किया जाता है तो उसे साइबर टेररिस्म कहा जाता है। फर्जी कॉल के माध्यम से ऑनलाइन पैसों की लूट भी साइबर क्राइम की कैटेगिरी में आती है जो आजकल होने वाला सबसे आम अपराध है।
विस्तार से जानें साइबर अपराधों को
साइबर क्राइम के बहुत से प्रकार हैं जिनमें से मुख्य प्रकारों के बारे में हम आपको विस्तार से बताते हैं क्योंकी ज्यादातर साइबर अपराध का शिकार होने वाले लोग इसलिए नुकसान झेलते हैं क्योंकी उन्हे इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होती है। हम आपको जानकारी देने की कोशिश करते हैं जिससे आप सतर्क रहें और ऐसे अपराध का शिकार ना हों।

ऑनलाइन शॉपिंग फ्रॉड
ऑनलाइन शॉपिंग के लिए इंडिया में भी बहुत सी वेबसाइट्स उबलब्ध हैं। इनमें बहुत सी ऐसी कंपनियां हैं जो डुप्लीकेट प्रोडक्ट बेचती हैं। अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए भारी ऑफर्स का लालच देती हैं। इनमें से कई कंपनियां ऐसी होती हैं जो सिर्फ किसी एक त्योहार के लिए तैयार की जाती हैं और उसके बाद रातों-रात फरार हो जाती हैं। तब तक कई लोग ऑफर देखकर पेमेंट कर चुके होत हैं। पहले भी कुछ ऐसी साइट्स ऐसा कर चुकी हैं। इनसे बचने के लिए आपको ऑथेंटीक साइट से ही खरीदी करनी चाहिए, फेसबुल, इंस्टाग्राम पर भी कुछ कंपनियां सामान बेचती हैं उनकी पूरी जानकारी लिए बिना उन्हे पेमेंट ना करें। अगर आपने सीओडी किया है और पैक सामान के वजन या आकार से आपको डाउट हो तो पैकेट खोलकर देख लें पूरी तरह संतुष्ट होने पर ही डिलीवरी ब्वॉय को पेमेंट करें।
ये भी हैं ऑनलाइन या साइबर क्राइम के तरीके
Hacking- हैकिंग के माध्यम से कंप्यूटर की जानकारी रखने वाले ही अपनी जानकारी का गलत उपयोग करते हैं। इनके द्वारा अपने कंप्यूटर से किसी भी दूसरे व्यक्ति के कंप्यूटर को कंट्रोल किया जाता है। यह एक बहुत गंभीर अपराध है। हैकर देश के गोपनीय वेबसाइटों को हैक करके भी खुफिया जानकारी निकालने की कोशिश करते हैं। हैकिंग दो प्रकार की होती है एक जो कंपनियां खुद हैकर रखती हैं जिनका उद्देश्य अपने प्रोगरामों और एप्लिकेशन्स को सेफ रखना होता है। और दूसरे वो हैकर जो बिना किसी जानकारी दिए दूसरों के एप्लिकेशन में घुसकर उनकी परमिशन के बिना ही उनकी जानकारी चुरा लेते हैं और उन्हे पता भी नहीं चलता।

ये एक प्रकार की ऑनलाइन ब्लैकमेलिंग है इसमें अपराधी सोशल मीडिया, फोन मैसेज या फोन कॉल के माध्यम से झांसा देकर लोगों की जानकारी या फोटो मांगते हैं और बाद में उनका गलत उपयोग करने की धमकी देकर ब्लैकमेल करते हैं और पैसे ऐठते हैं।
इस क्राइम का शिकार वैसे तो कम उम्र के बच्चे होते हैं लेकिन बड़े भी कई बार लोगों की बातों में आकर फंस जाते हैं। हमें हमेशा अनजान नंबर से आई कॉल या मैजेस का संयम से जवाब देना चाहिए और अपनी किसी भी प्रकार की पर्सनल फोटोज या जानकारी शेयर नहीं करनी चाहिए।
Identity Theft, Online forgery
यह आज के समय में होने वाला सबसे आम अपराध हैं, इसमें ऐसे लोगों को ज्यादा टारगेट किया जाता है जो अक्सर ऑनलाइन बैंकिग का उपयोग करते हैं। ऐसे अपराधी किसी व्यक्ति से उसका अकाउंट नंबर, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिग के डिटेल्स जैसी जानकारी हासिल करते हैं और उसका इस्तेमाल कर उनके अकाउंट से पैसों की ठगी कर लेते हैं।
अक्सर ऐसी जानकारी मांगने लिए अपराधी कॉल करते हैं हमें कॉल के माध्यम से कभी भी किसी को अपने बैंक या एटीएम से जुड़ी जानकारी नहीं देनी चाहिए, ना ही उनके द्वारा भेजा गया ओटीपी बताना चाहिए। बैंक भी कभी इस प्रकार का कॉल नहीं करते और समय-समय पर अपने ग्राहकों को सतर्क भी करते रहते हैं। शॉपिंग के दौरान भी ठगी होती है इनसे बचने के लिए आप जब भी ऑनलाइन शॉपिंग करें कैश ऑन डीलीवरी ही करें, कार्ड या बैंक से पेमेंट करने से बचें

Malicious Software
इंटरनेट पर बहुत से सॉफ्टवेयर और प्रोगराम्स हैं जिन्हे उपयोग करने या इंस्टॉल करने से हैकर्स के लिए आसान रास्ता तैयार हो जाता है और वो किसी भी कंप्यूटर मे घुसकर आसानी से डाटा एक्सेस कर लेते हैं और कई बार डाटा डैमेज होने का भी खतरा रहता है।
Child Pornography और Abuse
नाबालिक बच्चों से फोन पर अश्लील बातें करना या पॉर्न वीडियोज बनाकर उन्हे इंटरनेट पर डालना भी एक गंभीर साइबर क्राइम है।

अगर हम थोड़ी सी जानकारी और सतर्कता बरतते हैं तो अपने साथ होने वाले साइबर क्राइम से आसानी से बच सकते हैं। साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा ने बहुत सी उपयोगी जानकारी दी हैं जिसे अपना कर हम अपना नुकसान होने से बच सकते हैं
1. कभी की किसी अनजान नंबर आए हुए कॉल को किसी प्रकार की निजी जानकारी ना दें।
2. पैसों की ठगी करने वाले कॉल की मुख्य पहचान है कि वो किसी ना किसी प्रकार से आपसे आपके बैंक से जुड़ी जानकारियां मांगेगा। बैंक कभी भी कॉल करके ऐसी जानकारी नहीं मांगता, तो ऐसे कॉल से सतर्क रहें
3. ऑनलाइन ठगी करने का तीसरा तरीका है लालच देना, कॉल करने वाला आपको लॉटरी लगने या इनाम के रूप में रकम जीते जाने की फर्जी जानकारी देगा और पैसे ट्रांसफ रकरने के नाम पर अकाउंट डिटेल मांगेगा, ऐसे कॉल्स को कभी जानकारी ना दें
4. फर्जी फेसबुक अकाउंट से भी लोगों को ब्लैकमेल करने या पैसे मांगने के मामले बहुत सामने आ रहे हैं। फेसबुक पर अनजान लोगों से दोस्ती ना करें, खासकर ऐसे लोगों की रिक्वेस्ट एक्सेप्ट ना करें जिन्होने प्रोफाइल पर अपनी खुद की पिक्चर ना लगाई हो। ऐसे अकाउंट फर्जी हो सकते हैं।
5. कंपनीस को अच्छे हैकर की हेल्प से कंपनी की जरूरी जानकारी और डेटा को सिक्योर रखना चाहिए साथ ही बीच-बीच में सिक्योरिटी की जांच भी करते रहना चाहिए।
6. कंट्री कोड के अलावा दूसरे कोड से कॉल आने पर रिसीव ना करें।
7. ऑनलाइन ट्रांजक्शन सेफ सिस्टम से करें किसी भी कैफे से पैसे की ऑनलाइन ट्रांजक्शन ना करें।
8. हमेशा बैंक के द्वारा उपलब्ध कराई गई एप्लीकेश्न्स को ही ऑनलाइन ट्रांजक्शन के लिए उपयोग करें।
9. अनजान वेबसाइट्स पर जाने से बचें, किसी भी एप्लीकेशन को प्लेस्टोर से ही डाउनलोड करें, गूगल पर जाकर मॉड एप्लिकेशन डाउनलोड ना करें, पायरेटेड सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से बचें।
10. ऑनलाइन ठगी होने पर तुरंत 155260 पर शिकायत करें और 24 घंटे के भीतर नजदीकी थाने मे शिकायत दर्ज कराएं अगर आप थाने जाने की स्थिति में नहीं हैं तो www.cybercrinme.gov.in पर जाकर शिकायत दर्ज कराएं।
11. मोबाइल और कंप्यूटर के लिए अच्छी कंपनी का ऑथेन्टिकेटेड एंटी वायरस जरूर इस्तेमाल करें। इनका भी पेड और लाइसेंस्ड वर्जन इस्तेमाल करें फ्री सॉप्टवेयर या फ्री सर्वीसेज के इस्तेमाल से बचें।
12. व्हाटसऐप पर या मैसेज पर आए किसी भी प्रकार के लुभावने लिंक पर कभी भी क्लिक ना करें, पासवर्ड समय-समय पर बदलते रहें, स्ट्रॉन्ग पासवर्ड रखें।