देवरिया। उत्तर प्रदेश में एक ऐसा गांव है, जहां की मिट्टी में होनहार जन्म लेते हैं। जहां की हवा में प्रतिभा और पानी में मां सरस्वती का आशीर्वाद है। इस गांव में 75 घर हैं और 40 से ज्यादा प्रशासनिक अधिकारी हैं। यहां के सिर्फ बेटे ही नहीं बहू-बेटियों ने भी आईएस-पीसीएस की परीक्षा में परचम लहराया है। इस गांव की पीढ़ियां दर पीढ़ियां अफसर बनीं और आज भी किसी बच्चे से पूछो कि बड़े होकर क्या बनना है, तो जवाब मिलेगा आईएस ।
अंग्रेजों के जमाने से ही यहां से चुने जा रहे अफसर
जौनपुर जिले में स्थित इस गांव का नाम माधोपट्टी है। इसे अफसरों वाला गांव भी कहा जाता है। ये गांव आज से ही देश को अफसर नहीं दे रहा है बल्कि यहां के नौजवानों में अफसर बनने की ललक अंग्रेजों के जमाने से ही है। इतना ही नहीं यहां से कई होनहार छात्र हुए, जो आज विश्व बैंक, भाभा रिसर्च सेंटर, इसरो जैसी संस्थानों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
• सबसे पहले 1914 में गांव के मुस्तफा हुसैन पीएससी में चयनित हुए थे।
• 1952 में इंदु प्रकाश सिंह भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में चयनित हुए, जो कई देशों में राजदूत रहे।
• इंदु प्रकाश के चारों भाई भी भारतीय प्रशासनिक सेवा में रहे और उनकी अगली पीढ़ी भी अधिकारी बनी।
• 1955 में विनय कुमार सिंह, 1964 में छत्रसाल सिंह आईएस बने।
• यहां भी बेटियां भी कम नहीं हैं। 1980 में आशा सिंह, 1982 में ऊषा सिंह अधिकारी बनीं।
गांव से बड़ी संख्या में पीसीएस अधिकारी भी
इस गांव से पीसीएस से अधिकारी बनने वालों की बहुत बड़ी संख्या है। गांव के बहुत से बेटे और बेटियों ने पीसीएस क्लियर कर अधिकारी का पद हासिल किया और गांव का नाम रोशन किया। साल 2013 में गांव की बहू शिवानी सिंह ने भी पीसीएस की परीक्षा में सफलता हासिल की, जो चर्चा का विषय बना।
शिक्षा के दम पर दिलाई गांव को नई पहचान
मां सरस्वती का आशीर्वाद इस गांव को है। जानने वाले बताते हैं कि यहां के युवाओं का ध्यान पढ़ाई-लिखाई में रहता है। हाईस्कूल-इंटर की परीक्षा पास करते ही बच्चे सिविल सर्विसेज की तैयारी में जुट जाते हैं। खास बात है कि ज्यादातर ने सरकारी स्कूल से शिक्षा हासिल की है। यहां राजपूत परिवारों की संख्या ज्यादा है। खेती की जमीन कम थी, तो यहां के होनहारों ने शिक्षा के दम पर अपने गांव का नाम रोशन कर दिया। माधोपट्टी गांव और यहां के होनहार हर उस व्यक्ति को प्रेरणा देते हैं, जो देश की सबसे बड़ी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में लगे