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मुलायम सिंह यादव की हालत स्थिर, जानिए एक शिक्षक से ‘नेताजी’ बनने का सफर

देवरिया: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव की हालत स्थिर है। रविवार रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मुलायम सिंह यादव का इलाज सीसीयू (CCU) में चल रहा है। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट किया कि ‘नेताजी गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल की ‘क्रिटिकल केयर यूनिट’ में भर्ती हैं, उनकी हालत स्थिर है। नेताजी से मिलना एवं अस्पताल के अंदर जाना संभव नहीं है इसलिए आप सभी से विनम्र निवेदन है कि कृपया अस्पताल ना आएं। नेताजी के स्वास्थ्य की जानकारी समय समय पर दी जाती रहेगी।

नेताजी’ के नाम से जाने जाते हैं मुलायम सिंह यादव
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव राजनीति में ‘नेताजी’ के नाम से जाने जाते हैं। राम मनोहर लोहिया के प्रभावित मुलायम उत्तर प्रदेश और केंद्र की राजनीति का बड़ा हिस्सा रहे। साइकिल से घूमने वाले इस नेता ने तीन बार यूपी के सीएम की कुर्सी संभाली। आपातकाल के बाद बदली देश की राजनीति और उभरे नेताओं में से एक मुलायम सिंह भी थे, आइए एक नजर उनकी सियासी और निजी जिंदगी पर डाल लेते हैं।

मुलायम सिंह यादव का निजी जीवन
मुलायम सिंह यादव का जन्म 22 नवंबर 1939 को इटावा जिले के सैफई गांव में एक किसान परिवार मे हुआ था। उनकी माता का नाम मूर्ती देवी और पिता का नाम सुघर सिंह था। भाई-बहनों में में मुलायम सिंह तीसरे नंबर के थे। प्राथमिक शिक्षा गांव से ही लेने के बाद उन्होंने आगरा विश्वविद्यालय से एमए तक की पढ़ाई की। जैन इंटर कॉलेज करहल मैनपुरी से बीटी की और फिर कुछ समय तक इंटर कॉलेज में शिक्षण कार्य भी किया। मुलायम सिंह ने पहली पत्नी मालती देवी के निधन के बाद साधना गुप्ता से दूसरी शादी की थी। हाल ही में साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था। वर्तमान में सपा अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव उनके बड़े बेटे और डिंपल यादव बड़ी बहू हैं। उनके छोटे बेटे का नाम प्रतीक यादव और छोटी बहू का नाम अपर्णा यादव है। रामगोपाल यादव और शिवपाल यादव उनके भाई हैं।

15 साल की छोटी उमर में ही शुरू की राजनीति
मुलायम सिंह यादव अध्यापन छोड़कर राजनीति में आए थे। लेकिन 15 साल की उम्र में साल 1954 में उन्होंने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया के नहर रेट आंदोलन में भाग लिया था। इस आंदोलन के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। 1967 में सबसे पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें टिकट दिया और चुनाव जीतकर वो पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य चुने गए थे।


1992 में की समाजवादी पार्टी की स्थापना
मुलायम सिंह पहले पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की जनता दल पार्टी में थे कुछ समय बाद उन्होंने समाजवादी जनता पार्टी ज्वॉइन कर ली लेकिन इसमें भी ज्यादा दिनों तक नहीं रहे और आखिर में 4 अक्टूबर 1992 को उन्होंने अपने आदर्श राममनोहर लोहिया के आदर्शों पर समाजवादी पार्टी की नींव रखी। पार्टी में मुलायम सिंह खुद संस्थापक अध्यक्ष बने, जनेश्वर मिश्र उपाध्यक्ष और कपिलदेव सिंह और आजम खान पार्टी के महामंत्री बनाए गए थे।

राज्य और केंद्र के बड़े राजनीतिक पदों पर भी रहे
समाजवादी पार्टी की स्थापना के बाद से राजनीति में उनका कद बढ़ा और वो अपने सहकर्मियों और जनता के बीच नेताजी के नाम से जाने जाने लगे। 1996 से 1998 तक उन्होंने भारत के रक्षामंत्री जैसे जिम्मेदारी से भरे पद को भी संभाला। इमरजेंसी के दौरान मुलायम सिंह 19 महीने जेल में भी रहे। पांच बार उन्होंने लोकसभा चुनाव भी जीता।

लगातार तीन बार बने मुख्यमंत्री
मुलायम सिंह का नाम यूपी की राजनीति में सबसे ताकतवर राजनेता के रूप में लिया जाता है। उन्होंने तीन बार उत्तर प्रदेश में मुख्य मंत्री की कुर्सी संभाली। विवादों से भी उनका नाता रहा।

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