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आषाढ़ मास के पहले शनिवार को बन रहा शनि पूजा का विशेष संयोग, इन राशियों के लिए है खास

देवरिया : शनिदेव की पूजा के लिए आषाढ़ महीने को उत्तम माना गया है। मान्यता है कि आषाढ़ मास में नियम व अनुशासन का पालन करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है। शनिदोष के प्रभाव को कम करने व शनिदेव की कृपा पाने के लिए आषाढ़ मास के पहले शनिवार को विशेष संयोग बन रहे हैं।

वर्तमान में पांच राशियां शनि महादशा से पीड़ित हैं। ऐसे में इन राशि वालों के लिए 18 जून 2022, शनिवार का दिन खास है। कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि ढैय्या व धनु, मकर व मीन राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

आषाढ़ मास का शनिवार खास

आषाढ़ मास का पहला शनिवार 18 जून 2022 को है। इस दिन पंचमी तिथि और श्रवण नक्षत्र रहेगा। श्रवण नक्षत्र के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं। इस दिन शनिदेव कुंभ राशि में संचार करेंगे। चंद्रमा मकर राशि में विराजमान रहेगा। शनिदेव कुंभ व मकर राशि के स्वामी हैं। ये सब स्थितियां शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शुभ संयोग बना रही हैं।

मान्यता है कि शनिवार के दिन शनि मंदिर में शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। पीपल के पेड़ में जल अर्पित करने के साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। शनि से जुड़ी चीजों का दान करना चाहिए। आषाढ़ मास में काला छाता दान करना सबसे उत्तम माना गया है।

राहुकाल में न करें शनि पूजा

इस दिन सुबह 08 बजकर 52 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक राहुकाल रहेगा। राहुकाल में शुभ कार्यों की मनाही होती है।

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