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हिन्दी में MBBS कराने वाला देश का पहला राज्य बना मध्यप्रदेश, शिवराज बोले- ऐतिहासिक दिन

देवरिया: मध्यप्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य बन गया है, जहां हिन्दी में चिकित्सा शिक्षा शुरू की गई है। एमपी में अब मेडिकल की पढ़ाई हिन्दी भाषा में भी की जा सकेगी। राजधानी भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मेडिकल पाठ्यक्रम की प्रथम वर्ष की हिन्दी में अनुवादित तीन पुस्तकों का विमोचन किया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज भारतीय शिक्षा के लिए ऐतिहासिक दिन है, जब मध्यप्रदेश में मेडिकल की पढ़ाई को हिन्दी में शुरू किया जा रहा है। भारतीय भाषाओं के सशक्तिकरण की दिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प की दिशा में ये महत्वपूर्ण पड़ाव है, जिससे बच्चे अपनी भाषा में पढ़ाई कर पाएंगे।

भारत अपनी भाषा में क्यों नहीं पढ़ सकता: शिवराज
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा ‘आज का दिन ऐतिहासिक दिन है। मेरे बच्चों, मैं जानता हूं कि हिंदी के माध्यम के बच्चे मेडिकल में एडमिशन प्राप्त कर लेते थे, लेकिन अंग्रेजी ठीक से न जानने के कारण उन्हें पढ़ाई कई बार बीच में छोड़नी पड़ती थी, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। आज पूरा मध्य प्रदेश आह्लादित है, प्रसन्न है और मेरा तो रोम-रोम खिला हुआ है। एक संकल्प पूरा हो रहा है और एक सपना साकार हो रहा है। मैं चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग और उनके विभाग को बधाई देता हूं। असंभव शब्द हमारे शब्दकोष में नहीं है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को हम साकार कर रहे हैं। जब रूस में रूसी भाषा में पढ़ाई हो सकती है, फ्रांस में फ्रैंच, चीन में चीनी भाषा में पढ़ाई हो सकती है तो भारत अपनी भाषा में क्यों नहीं पढ़ सकता।’
देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब डॉक्टरी की पढ़ाई हिंदी में भी की जा सकेगी। इससे गांव और छोटे शहरों के विद्यार्थियों को फायदा मिलेगा। शुरुआत से हिंदी माध्यम में पढ़े बच्चे नीट एग्जाम तो किसी तरह से पास कर लेते थे लेकिन एमबीबीएस की 5 साल की कठिन पढ़ाई करने में उन्हें काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता था। हिन्दी माध्यम का विकल्प होने से अब उन्हें काफी मदद मिलेगी साथ ही वो अपने प्रोफेशन की बारीकियां अच्छी तरह से समझ पाएंगे।

चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग का प्रयास
एमबीबीस की पढ़ाई हिंदी माध्यम में हो इसके लिए मध्यप्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग काफी दिनों से प्रयासरत थे। उनका मानना था कि हिन्दी माध्यम के बच्चों को एमबीबीए करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है क्योंकि कोर्स की सारी पुस्तकें अंग्रेजी में ही उपलब्ध हैं। हिन्दी माध्यम होने से अब छात्रों को कोई परेशानी नहीं होगी।

अब भारत भी मातृ भाषा में MBBS कराने वाला देश
मध्यप्रदेश में हिंदी भाषा में MBBS कोर्स शुरू होने से अब भारत भी उन देशों की सूची में शामिल हो गया है जहां अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ मातृभाषा में भी MBBS कोर्स कराया जाएगा। इससे पहले यूक्रेन, रूस, जापान, चीन, फिलीपिंस ऐसे देश हैं जहां अपनी-अपनी भाषा में भी डॉक्टरी की पढ़ाई कराई जाती है।

डॉक्टर्स की टीम ने किया पुस्तकों का अनुवाद
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने आज फर्स्ट ईयर की तीन किताबों का विमोचन किया। इन किताबों का अनुवाद डॉक्टरों की टीम ने अच्छी तरह शोध करके पूरा किया है। इस बात का पूरा ध्यान रखा गया है कि अंग्रेजी के शब्दों का हिंदी में ऐसा अनुवाद ना हो कि वाक्य का अर्थ ही बदल जाए। बहुत ज्यादा क्लिष्ट हिंदी का उपयोग ना करते हुए छात्रों को आसानी से समझ में आने वाली भाषा का उपयोग किया गया है।

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