देवरिया । सनातन धर्म में हर एक महीने का अपना एक विशेष महत्व होता है। चैत्र मास से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है जबकि अंतिम महीना फाल्गुन होता है। फाल्गुन को उल्लास और आनंद का महीना भी कहा जाता है। इसी महीने में ठंड की समाप्ति और गर्मी की शुरुआत होती है। फाल्गुन का महीना हर साल फरवरी और मार्च के बीच पड़ता है।
फाल्गुन का महीना 6 फरवरी से शुरुआत हो रही है। 7 मार्च को फाल्गुन महीना समाप्त होगा। धार्मिक दृष्टि से फाल्गुन का महीना बेहद पवित्र माना गया है। फाल्गुन महीने में मां लक्ष्मी, भगवान शंकर, चंद्र देव और श्री कृष्ण की पूजा की जाती है। इस महीने में व्रत और दान आदि का भी काफी महत्व बताया गया है। इस महीने में व्रत और पूजा करने से सुख, समृद्धि, स्थिरता और वैभव की प्राप्ति होती है। इस माह में कुछ खास उपाय करने से श्रीकृष्ण-शिव की कृपा बरसती है। साथ ही वैवाहिक और प्रेम संबंधों में तनाव दूर होता है।
शास्त्रों के अनुसार फाल्गुन माह में शिवलिंग पर बेला के पुष्प चढ़ाने से मां लक्ष्मी के समान जीवनसाथी मिलती है। जिसके होने से घर-परिवार सदा सुखी और संपन्न रहता है। इस महीने में रोजाना श्रीकृष्ण के प्रिय फूल कुमुद, करवरी, चणक,मालती, पलाश और वनमाला के पुष्प उन्हें अर्पित करने से वैवाहिक जीवन में चल रही परेशानी दूर होती है। मनचाहा पार्टनर मिलता है।
विवाह में आ रही रुकावटें दूर करने के लिए फाल्गुन के महीने में सुगंधित केवड़े के फूल से बना इत्र को को पानी में डालकर स्नान करें। साथ ही पीला चंदन श्रीकृष्ण को अर्पित करें।
इस पूरे महीने चांद की रोशनी में बैठकर चंद्रदेव के मंत्र ऊं सों सोमाय नम: का 108 बार जाप करें। दूध, दही दान करें। ये उपाय स्वास्थ लाभ पहुंचाता है। इसके अलावा मा लक्ष्मी को ताजे 5 या 11 गुलाब इत्र लगाकर अर्पित करें। इससे घर में लक्ष्मी की कभी कमी नहीं होगी।
वैवाहिक जीवन में प्यार खत्म हो गया है और पति-पत्नी के बीच सामंजस नहीं रहता है तो ऐसे में फाल्गुन के महीने में श्रीकृष्ण को मोरपंख अर्पित करें।