देवरिया। भारत में फरवरी से लेकर मई तक का महीना स्कूल और कॉलेज की परीक्षाओं का होता है। दसवीं और बारहवीं की भी लगभग सभी बोर्ड की परीक्षाएं फरवरी में शुरू होकर मार्च तक चलती हैं। इस समय स्टूडेंट्स पर समय से कोर्स कंपलीट करने और परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने का काफी प्रेशर रहता है। ऐसे में पैरेंट्स और टीचर्स दोनों को इस बात का ध्यान रखना होगा कि बच्चा अपनी पढ़ाई को समय के साथ अच्छी तरह से मैनेज कर सके और किसी प्रकार के तनाव का शिकार ना हो। परीक्षा के समय तनाव लेने से बच्चे अपनी क्षमता से कम परिणाम देते हैं। यहां पर हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जो इस समय एग्जाम स्ट्रेस को मैनेज करने में आपको मदद करेंगे।
एग्जाम स्ट्रेस का मुख्य कारण क्या है?
किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए सबसे पहले उसके कारणों को जानना जरूरी है, कारण पता चल जाने से समाधान निकालने में आसानी होती है। आजकल के बच्चों में एग्जाम के समय सबसे बड़ा तनाव का कारण होता है कॉम्पिटिशन। बच्चों को सिर्फ अच्चे अंक नहीं चाहिए उन्हें उनपर क्लास में पोजीशन लाने का दबाव रहता है । कई ऐसे मामले देखे गए हैं जिनमें बच्चे अच्छे परसेंट लाने के बाद भी इस बात को लेकर ड्रिप्रेस हो जाते हैं कि उन्हें कक्षा में प्रथम स्थान नहीं मिल सका। दूसरा बड़ा फैक्टर है समय का कम हो जाना। आज हर बच्चे के हाथ में मोबाइल और इंटरनेट है जिसके चलते उनका ज्यादातर समय इंटरनेट सर्फिंग में चला जाता है। एग्जाम का समय पास आने पर उनके कोर्स पूरा करने के लिए पर्याप्त समय नहीं बच पाता। इसलिए सिर्फ एग्जाम के समय ना पढ़कर पूरे साल थोड़ा-थोड़ा पढ़ते रहें, इससे एग्जाम के समय आप पर बोझ कम होगा।
ऐसे कम कर सकते हैं स्ट्रेस
परीक्षा पास आने के बाद तनाव लेने से आप अपनी पहले से की हुई जितनी भी तैयारी है उसे भी भूल सकते हैं। कुछ टिप्स हैं, जिन्हें अपना कर आप परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं।
• सबसे पहले आपके पास जितना भी समय हो हर सब्जेक्ट के लिए बांट लें कि किस दिन क्या पढ़ना है।
• जिस विषय की परीक्षा सबसे पहले होनी है उसे सबसे आखिर में पढ़ें।
• आपने जितनी तैयारी पहले कर ली है सबसे पहले एक बार उसे रिवाइज कर लें, ताकि उतना विषय आपके दिमाग में एकदम बैठ जाए।
• हर सब्जेक्ट को पढ़ते समय आन्सर के मुख्य पॉइन्ट्स को या तो हाइलाइट कर लें या अलग से लिख लें। पॉइन्ट्स याद रहने से आपको उसका विस्तार भी याद रहेगा।
• आपके लिए जो सब्जेक्ट सरल है उसे कम समय दें और उसे पूरा करके पहले ही रख दें। इससे एक सब्जेक्ट के पूरा होने की तसल्ली रहेगी और कठिन सब्जेक्ट के लिए पर्याप्त समय मिलेगा
• समय कम हो तो पूरा कोर्स कंप्लीट करने की कोशिश ना करें। जिस पोर्शन को आपने बिल्कुल भी नहीं पढ़ा है ठीक परीक्षा के समय उसे पढ़ना तनाव को और बढ़ा सकता है।
• स्कूल टाइम में समय-समय पर टेस्ट होते हैं उनमें पूछे गए प्रश्नों को अच्छी तरह से तैयार करें।
• परीक्षा का टाइम टेबल आते ही सोशल साइट्स यूज करना छोड़ दें।
• पढ़ते समय बीच-बीच में ब्रेक लेना बहुत जरूरी है, थोड़ा बाहर टहल लें या छत पर घूम आएं।
• रिवीजन बहुत जरूरी होता है। आपने जितना भी पढ़ा है उसे रिवीजन करके ही एग्जाम देने जाएं
परीक्षा हॉल में इन बातों का रखें ध्यान
कई बार ऐसा होता है कि आपने तैयारी तो बहुत अच्छी की होती है लेकिन एग्जाम हॉल में जाते ही घबराहट में सारे आन्सर भूलने लगते हैं। इसके लिए इन बातों का रखें ध्यान-
• एग्जाम हॉल में जाने से पहले धैर्य रखें और सोचें कि आपने जो भी पढ़ा है और सीखा है वो आपको अच्छी तरह से याद है।
• एग्जाम हॉल में जाने से पहले दिमाग को एकदम फ्रेश रखें। परीक्षा से चंद मिनटों पहले दोस्तों से सब्जेक्ट की बात करेंगे तो आप घबरा सकते हैं कि दोस्त ने यह प्रश्न तैयार किया है मैंने नहीं किया, या दोस्त की तैयारी तो मुझसे अच्छी लग रही। इससे आपका आत्मविश्वास कम हो सकता है।
• अपनी सीट पर जाकर कुछ समय पहले ही बैठ जाएं और रिलैक्स हो जाएं।
• प्रश्नपत्र मिलते ही एक बार सभी प्रश्नों पर नजर डाल लें और जिसका उत्तर आपको बहुत अच्छी तरह आता हो उसे सबसे पहले बना लें।
• हर प्रश्न के लिए पहले ही समय तय कल लें।
• आपकी आन्सर शीट साफ दिखना चाहिए और प्वॉइन्ट्स स्पष्ट हो समय रहे तो उसे अन्डरलाइन कर लें।
• कोई उत्तर आपने पढ़ा है लेकिन याद नहीं आ रहा तो घबराएं नहीं 5 सेकंड के लिए रिलैक्स करें और फिर जो भी याद आ रहा हो लिखना शुरू करें। धीरे-धीरे आपको सारे प्वॉइन्ट्स याद आ जाएंगे।
नंबर से ना आंके योग्यता
अगर पहले विषय के एग्जाम में आप अच्छा परफॉर्म नहीं कर पाए तो निराश ना हों। अगले विषय के लिए अच्छी तैयारी करें। दूसरे सब्जेक्ट्स में अच्छा परफॉर्म करके और अपना रिजल्ट मैनेज कर सकते हैं। परीक्षा की तैयारी करते वक्त और परीक्षा देते समय इस बात को दिमाग से निकाल दें की अच्छे नंबर ही आपको योग्य साबित कर सकते हैं। दूसरों से कुछ कम नंबर लाने का मतलब यह नहीं है कि आप काबिल नहीं हैं। अपने आत्मविश्वास को हमेशा बनाए रखें, आत्मविश्वास आपकी परीक्षा को ही नहीं हर कठिन समय को सरल बनाएगी।