देवरिया। इंग्लिश मीडियम में एडमिशन और अंग्रेजी की पढ़ाई के लिए अंधी दौड़ में एक स्कूल ऐसा है जहां से ए फॉर एप्पल नहीं बल्कि ए फॉर अर्जुन पढ़ाया जाएगा। जहां बच्चे बी फॉर बलराम पढ़ेंगे। सी फॉर कैट की जगह चाणक्य सिखाया जाएगा। जी हां, लखनऊ के अमीनाबाद इंटर कॉलेज ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिससे भारतीय संस्कृति और सभ्यता को सहेजा जा सकता है और इसे आने वाली पीढ़ी तक आसानी से पहुंचाया जा सकता है। इस स्कूल में बच्चे A फॉर एप्पल और B फॉर बॉल नहीं बल्कि A फॉर अर्जुन और B फॉर बलराम बढ़ते हैं।

पूरी वर्णमाला है देवताओं और महापुरुषों के नाम
बच्चों की शुरुआती शिक्षा को ही आगे का आधार माना जाता है। अमीनाबाद इंटर कॉलेज में बच्चों की पौराणिक, ऐतिहासिक जानकारी और रुचि बढ़ाने के लिए वर्ण माला से अंग्रेजी के नाम हटाकर पुराणों और इतिहास से नाम लेकर नई वर्णमाला बना दी गई है।

वर्णों के साथ चित्र और उनसे जुड़ी जानकारी भी
किताबों में केवल वर्णों को ही नहीं बदला गया है बल्कि उनके रंग-बिरंगे चित्र भी बनाए गए हैं और साथ ही उनसे जुड़ी छोटी-छोटी जानकारी भी लिखी गई है। जैसे A से अर्जुन लिखा गया है तो साथ में अर्जुन की मछली की आंख में निशाना लगाने वाली तस्वीर बनी हुई है और लिखा गया है कि अर्जुन एक महान योद्धा था। बलराम को भगवान कृष्ण का भाई बताया गया है।

भारतीय संस्कृति की समझ बढ़ाने के लिए प्रयास: प्रिंसिपल
सन 1897 से स्थापित अमीनाबाद इंटर कॉलेज लखनऊ नगर निगम द्वारा संचालति किया जाता है। यहां के प्रिसिंपल साहेब लाल मिश्रा ने बताया कि बच्चों में भारतीय इतिहास और भारतीय संस्कृति की जानकारी को बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया गया है। अमीनाबाद इंटर कॉलेज के द्वारा उठाया गया यह कदम वाकई सराहयनीय है देश के दूसरे स्कूलों को भी इस बारे में सोचना चाहिए।
