देवरिया न्यूज़

: :

बजट के पहले आखिर क्यों जरूरी होती है हलवा सेरेमनी, क्यों लॉक कर दिए जाते हैं ये कर्मचारी

देवरिया। 1 फरवरी को वर्ष 2023-24 के पेश होने वाले बजट की तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की उपस्थिति में हलवा सेरेमनी के साथ ही बजट अपने अंतिम रूप की तरफ बढ़ गया। हलवा सेरेमनी हर साल पारंपरिक रूप से बजट से पहले होती है लेकिन पिछले दो सालों से कोरोना महामारी के चलते इसे नहीं किया गया था।

क्या होती है हलवा सेरेमनी और बजट से है क्या संबंध
देश का बजट पेश करना एक प्रकार से वित्त मंत्रालय का सबसे महत्वपूर्ण काम माना जाता है। जैसा कि भारतीय परंपरा में हर अच्छे काम की शुरूआत मीठा खाकर होती है, उसी तरह हर साल बजट को अंतिम रूप देने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा बनाकर सबको खिलाया जाता है और कामना की जाती है कि पेश किया जाने वाला बजट देश हित और जनता के हित में हो।

हलवा खान के बाद लॉक हो जाते हैं अधिकारी
वित्त मंत्रालय में हलवा सेरेमनी के ठीक बाद लॉक इन प्रोसेस होता है। इस प्रोसेस में वित्त मंत्रालय के खास अधिकारी बजट पेश होने तक नॉर्थ ब्लॉक में रहते हैं। इस बीच इनका बाहर जाना या बाहर से आने वाले आम लोगों से मिलना मना होता है। ऐसा इसलिए किया जाता है जिससे बजट की गोपनीयता बरकरार रहे। वित्त मंत्री के बजट भाषण के बाद इन्हें बाहर निकलने की अनुमति मिल जाती है। गोपनीयता के लिए ही बजट की प्रिंटिंग का काम भी नॉर्थ ब्लॉक के अंदिर प्रेस में होता है।


मोबाइल इंटरनेट की भी होती है पाबंदी
बजट बनाने की प्रक्रिया में करीब 100 कर्मचारी शामिल होते हैं। इस सभी कर्मचारियों को बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान अपने परिवार से दूर रहना होता है। साथ ही किसी भी प्रकार से वो सोशल मीडिया से जुड़े नहीं रह सकते। बजट बनाने की पूरी प्रक्रिया के दौरान मोबाइल, ई-मेल, फोन या इंटरनेट के इस्तेमाल की भी अनुमति नहीं होती है। वित्त मंत्रालय में एक महीने पहले ही मीडिया की एंट्री भी बैन हो जाती है। इतनी गोपनीयता इसलिए बरती जाती है ताकी बजट किसी भी प्रकार से लीक ना हो।

खुफिया विभाग करता है निगरानी

बजट बनने की पूरी प्रक्रिया के दौरान खुफिया विभाग पूरे विभाग पर और अधिकारी कर्मचारियों पर नजर रखता है। आपातकालीन स्थिति में गुप्त कर्मचारियों को घर पर बात करने की इजाजत दी जाती है लेकिन उस पर भी खुफिया विभाग की नजर होती है। मेडिकल इमरजेंसी के लिए डॉक्टर्स की एक टीम भी रखी जाती है। बजट की प्रक्रिया में शामिल लोगों के फोन की टेपिंग खुफिया विभाग करता है। सभी अधिकारी कर्मचारी हर वक्त सीसीटीवी कैमरे की नजर में होते हैं।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *