देवरिया। जी-20 की बैठक जम्मू कश्मीर में 22 से शुरू होकर 24 मई तक चलनी है। ये बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि एक समय में जहां आतंक के डर से पर्यटक भी जाने से कतराते थे, वहां कई देशों के प्रतिनिधि पहुंचे हैं । इतने देशों के प्रतिनिधियों की बैठक आयोजित करना और उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी लेना भी बड़ी बात है।जम्मू-कश्मीर में बैठक के आयोजन को लेकर चीन और पाकिस्तान ने कड़वे बयान भी दिए, लेकिन 17 देशों के प्रतिनिधियों का मीटिंग में शामिल होना, दोनों देशों के मुंह पर करारे तमाचे की तरह है।

जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर हमेशा ज्ञान और लुभावने परिदृश्य का केंद्र रहा है। 30 वर्षों तक शांति की इस भूमि को हमारे पड़ोसी देश द्वारा राज्य प्रायोजित आतंकवाद का शिकार होना पड़ा। प्रधानमंत्री मोदी राज्य को सशक्त बनाने वाली विकास योजनाएँ लेकर आए। आज जम्मू-कश्मीर देश के विकसित राज्यों में से एक है। टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की इस G20 बैठक को आयोजित करना इस केंद्र शासित प्रदेश के नागरिकों के लिए बहुत गर्व की बात है जो सतत पर्यटन के लिए एक वैश्विक वास्तुकला पर विचार कर रहा है।

चीन ने कश्मीर में बैठक का किया विरोध
जम्मू-कश्मीर में चल रही जी-20 पर्यटन कार्यसमूह की बैठक से चीन का किनारा करना और इस बैठक का दुष्प्रचार करने का दांव काम नहीं आया। जम्मू कश्मीर में जी-20 की बैठक कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्व चल रही है। चीन ने श्रीनगर में आयोजित जी-20 बैठक में शामिल होने से इनकार किया था।

जम्मू में जी-20 के आयोजन से बौखलाया पाक
पाकिस्तान भी जम्मू-कश्मीर में जी-20 के आयोजन का विरोध करता रहा है। पाक की ओर से कहा गया था कि- “कश्मीर मामले का हल जब तक नहीं होता तब तक वहां कोई भी अतंरराष्ट्रीय सम्मेलन नहीं हो सकता है।” पाक विदेश मंत्री बिलावल भुट्टों ने भी की बार कहा था कि “जी-20 के लिए जम्मू-कश्मीर को ही क्यों चुनागया है।”

जी-20 से आ रही तस्वीरें ही पाक और चीन के लिए काफी
चीन और पाक के बयानों के बाद भी 17 देशों के 60 प्रतिनिधियों ने बैठक में हिस्सा लिया है। सोमवार से ही प्रतिनिधियों के पहुंचने और एयरपोर्ट पर उनके पारंपरिक ठंग से हुए स्वागत की तस्वीरें सामने आ रही है। प्रतिनिधियों ने डल लेक पर शिकारे का भी आनंद लिया। विदेशी मेहमान जम्मू-कश्मीर की सुंदर वादियों का कड़ी सुरक्षा के बीच आनंद लेते हुए दिखाई दिए। तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है बैठक में शामिल हुए प्रतिनिधि खुद को पूरी तरह से सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। विदेशी मेहमानों के लिए कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए हैं। डल झील में स्थानीय गानों पर जल क्रीड़ा का प्रदर्शन भी किया गया। ये सभी तस्वीरें बयां कर रही है कि भारत ने जी-20 बैठक आयोजन काफी सुव्यवस्थित ठंग से किया है। चीन और पाकिस्तान जो जम्मू कश्मीर में जी-20 के आयोजन का विरोध कर रहे थे उनको जवाब देने के लिए बैठक से निकलकर आ रही ये तस्वीरें ही काफी होंगी।

बैठक के मद्देनजर सुरक्षा के कड़े इंतजाम
जी-20 बैठक के लिए हर तरह से पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया है सुरक्षा व्यवस्था पर। जम्मू कश्मीर के सभी रास्तों, चौक-चौराहों पर आने जाने वाले वाहनों की और उनके सामानों की कड़ाई से चेकिंग की जा रही है। एयरपोर्ट से शुरू हुई सुरक्षा व्यवस्था शेर-ए-कश्मीर कन्वेंशन सेंटर तक कई लेवलों में बंटी हुई है। जगह-जगह पर NSG और MARCOS कमांडो डटे हुए हैं। बैठक में शामिल होने आए मेहमान जब शिकारे का मजा ले रहे थे तब भी डल झील में MARCOS कमांडो बोट में बैठकर सुरक्षा में लगे हुए नजर आ रहे थे।

दक्षिण के फिल्मों के सुपरस्टार रामशरण जी-20 में फिल्म पर्यटन के प्रतिनिधि के रूप में शामिल हुए। उनके साथ कुछ विदेशी प्रतिनिधियों ने नाटू-नाटू गाने पर डांस भी किया। जिसकी तस्वीरें वायरल हो रही हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर की पाक को दू टूक
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के द्वारा जी-20 की बैठक का जम्मू-कश्म्मीर में आयोजन किए जाने का विरोध करने पर कड़े शब्दों में जवाब देते हुए कहा कि- “जी-20 की मीटिंग कहां होगी और कहां नहीं इस बात से पाकिस्तान का कोई ताल्लुक नहीं हो सकता और न होना चाहिए।पाकिस्तान इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकता क्योंकि वह इस ऑर्गेनाइजेशन का हिस्सा ही नहीं है। जम्मू कश्मीर भारत का अटूट हिस्सा था और रहेगा। हम अपने देश में जहां चाहेंगे वहां इसकी मीटिंग करा सकते हैं।”