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नवरात्रि के पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा, जानें मां को कौन सा प्रसाद है प्रिय

देवरिया: शारदीय नवरात्रि प्रारंभ हो चुका है । आज से नौ दिनों तक भक्त माता की सेवा में रमे रहेंगे। शारदीय नवरात्रि में जगह-जगह माता का पंडाल सजा होने के कारण नौ दिनों तक माहौल और भी ज्यादा भक्तिमय हो जाता है। सभी तरफ से माता के सेवा गीतों की धुन सुनाई देती रहती है। इन नौ दिनों में मां के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। पहले दिन मंदिरों और घरों में घटस्थापना करने के साथ 9 दिनों के लिए अखंड ज्योत भी जलाई जाती है। माता अपने भक्तों की हर
मुराद पूरी करती हैं।


पहले दिन होती है मां शैलपुत्री की पूजा
नवरात्रि के पहले दिन यानी प्रथमा तीथि को को मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री ने पर्वतराज हिमालय के घर पुत्री के रूप में जन्म लिया था। शैल या पत्थर से जन्म लेने के कारण मां का नाम शैलपुत्री पड़ा। कहा जाता है पत्थर या शैल से जन्म लेने के कारण ही ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री की पूजा से जीवन में स्थिरता बनी रहती है और मनोकामना भी पूरी होती है। शैलपुत्री को हमेशा सौम्य रूप में दर्शाया जाता है।

मां का पाठ करने से मिलता है आशीर्वाद

नवरात्रि के पहले दिन भक्तों को मां शैलपुत्री का पाठ जरूर करना चाहिए। अगर आप किसी कारण से पाठ नहीं कर पा रहे हैं या पाठ पढ़ने में असमर्थ हैं तो मां का पाठ केवल सुनने से ही मां की कृपा अपने भक्तों पर होती है।

मां को पसंद है दूध से बना प्रसाद
ऐसी मान्यता है कि मां शैलपुत्री को गाय के दूध और गाय के घी से बने प्रसाद बहुत पसंद हैं। विशेषकर नवरात्रि में माता को दूध और घी से बने प्रसाद बनाकर भोग लगाने से वे प्रसन्न होती है और अपने भक्तों पर हमेशा अपना आशीष बनाए रखती हैं।

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