द्रौपदी मुर्मू भारत की 15वीं राष्ट्रपति होंगी। उन्होंने राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। देश का हर आम और खास व्यक्ति उन्हें बधाई दे रहा है। वे अग्निपथ पर चलकर ओडिशा के एक छोटे से गांव से राष्ट्रपति भवन तक पहुंची हैं। मुर्मू की इस जीत के साथ ही भारतीय राजनीति के इतिहास में एक नया अध्याय शुरू हो गया, जिसमें द्रौपदी मुर्मू का नाम पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति के रूप में लिखा जाएगा। संघर्ष से सर्वोच्च पद पर पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू ने अंतिम पंक्ति कहे जाने वाले आदिवासी समाज से देश के प्रथम नागरिक तक का सफर तय किया है।
यशवंत सिन्हा हारे चुनाव
राष्ट्रपति चुनाव के वोटों की गिनती के तीसरे चरण तक तीनों चरणों में द्रौपदी मुर्मू ने यशवंत सिन्हा से बढ़त बनाए रखी। तीसरे चरण की गिनती के बाद द्रौपदी मुर्मू को 5 लाख 77 हजार 777 वोट वैल्यू मिल चुके थे, जो जीत के लिए आवश्यक आंकड़े से ज्यादा थे। वहीं यशवंत सिन्हा को 2 लाख 61 हजार 62 वोट वैल्यू मिले थे। तीसरे चरण के बाद ही द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना तय हो गया था।
25 जुलाई को लेंगी शपथ
चुनाव के परिणाम आते ही द्रौपदी मुर्मू के गृह जिले मयूरभंज में जश्न का महौल है। द्रौपदी मुर्मू को पूरे देश से लगातार बधाइयां आ रही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुर्मू के घर पहुंचकर उन्हें बधाई दी। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर कहा “द्रौपदी मुर्मू की कहानी हर भारतवासी को प्रेरणा देने वाली है, वंचित समुदाय से आने वाली मुर्मू देश के लिए उम्मीद की किरण बनकर उभरी हैं। वो एक शानदार राष्ट्रपति साबित होंगी”। उनके साथ पहुंचे बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी द्रौपदी मुर्मू को जीत के लिए बधाई दी। द्रौपदी मुर्मू 25 जुलाई को पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगी।