देवरिया। रामचरितमानस की चौपाई को लेकर आपत्ति जताने वाले सपा एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य और हनुमानगढ़ी के संत राजूदास और दोनों के समर्थकों के बीच बुधवार को हाथापाई हो गई। दोनों एक चैनल के कार्यक्रम के लिए पहुंचे हुए थे। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों ने मामला शांत कराया। इसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने लखनऊ पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर महंत राजू दास, महंत परमहंस दास और समर्थकों पर तलवार और फरसा लेकर हमला करने की कोशिश करने की शिकायत की है।
क्यों हुई हाथापाई
बुधवार को एक न्यूज चैनल ने होटल में कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्य और संत राजू दास दोनों अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। दोनों का कार्यक्रम अलग-अलग समय पर होना था। पहले स्वामी प्रसाद मौर्य के इंटरव्यू का कार्यक्रम हुआ जैसे ही वो बार निकले संत राजूदास और उनके समर्थक उन्हें देखकर नारेबाजी करने लगे मामला इतना बढ़ गया कि संत राजूदास और मौर्य के बीच हाथापाई शुरू हो गई। पुलिस ने कहा घटना की फुटेज में दोनों पक्षों की तरफ से नारेबाजी हो रही है। तहरीर मिलने पर एफआईआर कर कार्रवाई की जाएगी।
चर्चा में क्यों है स्वामी प्रसाद मौर्य
पिछले कुछ दिनों से सियायी गलियारे में सपा के एमएलसी स्वामी प्रसाद मौर्य का नाम खूब सामने आ रहा है। दरअसल स्वामी प्रसाद मौर्य ने रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों पर आपत्ति जताई थी। स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि रामचरित मानस की कुछ चौपाइयों में महिलाओं और दलितों को अपमानित लगने वाली बात लिखी गई है। रामचरित मानस की बाकी चौपाइयों से उन्हें आपत्ति नहीं है। मौर्य ने बीजेपी पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा बीजेपी उनकी हत्या कराना चाहती है, लोग उन्हें मारने की सुपारी दे रहे हैं। उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की है।
धार्मिक ग्रंथों हमला करके समाज को बांटना चाहते हैं: महंत राजूदास
वहीं दूसरी और हनुमानगढ़ी के पुजारी महंत राजूदास ने स्वामी प्रसाद मौर्य और उनके समर्थकों पर मारपीट का आरोप लगाया है। उन्होने कहा-“उनके खिलाफ समाज में नफरत फैलाने और समाज को बाटंन की साजिश रचने के आरोप में रिपोर्ट कराई जाएगी। ये लोग दंगा फैलाना चाहते हैं। ये लोग धार्मिक किताबों का बंटवारा कर समाज को बांटना चाहते हैं और अपनी राजनीति चमकाना चाहते हैं”