देवरिया।देश का बहु प्रतिक्षित मिशन ‘चंद्रयान-3’ श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सफलता पूर्वक लॉन्च किया गया। लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान से अपने सभी शुरुआती स्टेज सफलतापूर्वक पूरे कर लिए। इस सफलता का जश्न पूरा देश मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मिशन की सक्सेसफुल लॉन्चिंग के लिए देश और इसरो को बधाई दी है। इसरो प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि यदि सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान की 23 अगस्त, शाम 5.47 बजे चंद्रमा की सतह पर लैंडिंग होगी।

इसरो प्रमुख ने बताया कि पूरा मिशन स्वदेशी है, यह आत्मनिर्भर भारत के मंत्र पर खरा उतर रहा है। यह आने वाले वर्षों में एक वैश्विक खिलाड़ी के रूप में, एक अग्रणी वैश्विक खिलाड़ी के रूप में भारत की भूमिका को भी दोहराएगा। उन्होंने अपनी टीम को बधाई देते हुए कहा कि हमने पहले साल में देखा कि पहले क्या गलती की थी। उसके बाद दूसरे साल में क्या सुधार किया जाए कि ये बेहतर हो। फिर हमने देखा कि और क्या गलती हुई थी क्योंकि कुछ समस्याएं छिपी होती हैं,जिसका पताहमने समीक्षा और टेस्ट द्वारा लगाया। तीसरे साल हमने सभी टेस्टिंग की और अंतिम साल में हमने अंतिम संयोजन और तैयारी की।

ऐतिहासिक पल के साक्षी बने लाखों लोग
सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से चंद्रयान की लॉन्चिंग का लाइव टेलिकास्ट किया गया, जिसके देश के लाखों लोग साक्षी बने। लगभग 45 दिन बाद चंद्रयान चंद्रमा के सतह पर उतरेगा। मिशन सफल हो जाने पर भारत उन देशों में शामिल हो जाएगा,जिन्होंने चांद पर अपना खुद का स्पेसशिप भेजा हो। केंद्रीय मंत्री जीतेंद्र सिंह ने कहा कि यह वास्तव में भारत के लिए गौरव का क्षण है और श्रीहरिकोटा में हम सभी के लिए भाग्य का क्षण है कि हम इस इतिहास का हिस्सा बन सके। मैं भारत को गौरवान्वित करने के लिए टीम इसरो को धन्यवाद देता हूं।
चांद पर सुरक्षित लैंडिंग सबसे महत्वपूर्ण
चंद्रयान-3 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग के बाद अब उसकी चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिग सबसे महत्वपूर्ण स्टेप होगा। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन की तरफ से मिला जानकारी के अनुसार चंद्रयान-3 2019 के चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्रयान मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की सॉफ्टलैंडिंग है। इसी चरण में चंद्रयान-2 आखिर में विक्रम पथ विचलन की वजह से सॉफ्ट लैंडिंग करने में असफल हो गया था। इस बार हर उन कमियों को पूरा करन की कोशिश की गई है, जिसके चलते चंद्रयान-2 विफल हुआ था। सबकुछ ठीक रहा तो अगस्त के आखिर में चंद्रयान चंद्रमा पर उतर जाएगा।
रॉकेट को कहा जाता है फैट बॉय
चंद्रयान-3 को एलवीएम-3एम-4 रॉकेट चंद्रमा तक लेकर रवाना हुआ है। इस रॉकेट को पहले जीएसएलवीएमके-3 नाम दिया गया था। इसमें भारी उपकरण ले जाने की क्षमता है,यहा कारण है कि इसे वैज्ञानिकों ने “फैट ब्वॉय” नाम दिया है। चंद्रयान-3 मिशन के तह इसरो अपने मून मॉड्यूल की सहायता से चांद की सतह पर चंद्र भू-भाग पर रोवर की चहलकदमी का प्रदर्शन करके नई सीमाएं पार करने जा रहा है। पूरे देश को चंद्रयान-3 से काफी उम्मीदें हैं, सभी इसकी सफलता के लिए प्रार्थना कर रहे हैं। वैज्ञानिकों ने भी लॉन्चिंग से पहले मंदिर में पूजा-अर्चना कर मिशन के सफल होने की कामना की है।
राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी बधाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा- “भारत ने अंतरिक्ष अन्वेषण में एक और महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित करते हुए चंद्रयान-3 का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इसरो टीम और वे सभी लोगों को बधाई जिन्होंने इस उपलब्धि को हासिल करने के लिए अथक परिश्रम किया। यह अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के प्रति देश की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। चंद्र मिशन की सफलता के लिए मेरी शुभकामनाएं।”
फ्रांस दौरे पर गए पीएम मोदी ने चंद्रयान की सफल लॉन्चिंग पर ट्वीट कर बधाई दी और कहा- “चंद्रयान-3 ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा में एक शानदार चैप्टर की शुरूआत की है। यह भारत के हर व्यक्ति के सपनों और महत्वकांक्षाओं को ऊपर ले जाते हुए ऊंचाइयों को छू रहा है। यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं उनके उत्साह और प्रतिभा को सलाम करता हूं”।
देशभर से नागरिक इस सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दे रहे हैं।