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सावन के पहले सोमवार पर शिवालयों में उमड़ी भीड़, तस्वीरों में देखिए 12 ज्योतिर्लिंगों में कैसे हुई पूजा-अर्चना

देवरिया। सावन के पहले सोमवारको देशभर के छोटे-बड़े सभी शिवालयों में भक्तों की भारी देखने को मिली। पूरे दिन शिवालयओम नम: शिवाय के जयकारे से गूंजते रहे। सोमवार को शिव जी का अभिषेक करने के लिए भक्तों की भीड़ सभी जगह दिखी। देश के सभी ज्योतिर्लिंगों में भी सावन का पहला सोमवार बेहद खास तरीके से मनाया गया। आइए यहां पर सभी ज्योतिर्लिंगों में सावन के पहले सोमवार को किए गए बाबा के विशेष श्रृंगार के दर्शन करते हैं और जानते हैं मंदिरों में सावन का पहला सोमवार किस तरह से मनाया गया।


काशी विश्वनाथ मंदिर
वैसे तो काशी विश्वनाथ में पूरे साल भक्तों की काफी भीड़ रहती है लेकिन सावन का महीना होने की वजह से और पहला सोमवार होने से यहां लाखों की संख्य़ा में भक्त पहुंचे और बाबा विश्वनाथ का जल और दूध से अभिषेक किया। मंदिर में सभी भक्तों को बाबा का अभिषेक करने का मौका मिले इस बात को ध्यान में रखते हुए उसी तरह व्यवस्था की गई थी। अभिषेक होने के बाद बाबा का चंदन से लेप किया गया और फिर फूलों से बहुत सुंदर श्रृंगार किया गया। काशी में कांवड़ियों की भी अलग ही धूम देखने को मिली। कांवड़िये भक्ति में झूमते हुए मंदिर पहुंच रहे थे और बाबा विश्वनाथ को गंगाजल अर्पित कर रहे थे।


बाबा महाकाल उज्जैन
महाकाल मंदिर में भी आज सुबह से भक्तों की भीड़ रही। सोमवार को होने वाली भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर संस्थान की तरफ से विशेष व्यवस्था की गई थी। भव्य श्रृंगार करके भस्मआरती की गई। शाम 4 बजे बाबा महाकाल की शाही सवारी निकाली गई इसमें भी भक्तों की भारी भीड़ शामिल हुई। शाही सवारी को देखते हुए प्रशासन ने पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था की थी।


घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के घृष्णेश्वर में भी सावन के पहले सोमवार मेले जैसा माहौल रहा। सुबह से भी जल और दूध चढ़ाने के लिए भक्तों की लाइन लगनी शुरु हो गई थी। सावन के महीने में भक्त दूर-दूर से घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग एलोरा की गुफा के पास स्थित है।


त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग
महाराष्ट्र के नासिक में गोदावरी नदी के तट पर स्थापित त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में पूरे सावन भक्तों की भीड़ रहती है।सावन के पहले सोमवार त्रयंबकेश्वर शिवलिंग का अभिषेक कर विशेष श्रृंगार किया गया था। यहां पर सुबह से शाम लोग अभिषेक करने और दर्शन करने पहुंचे रहे। माना जाता है त्रयंबकेश्वर शिव जी की पूजा-अर्चना से सभी तरह के पितृ दोष और कालसर्प दोष कट जाते हैं।


नागेश्वर ज्योतिर्लिंग
श्रीराम की नगरी अयोध्या में आज श्रीराम के साथ ओम नम: शिवाय की गूंज भी सुनाई दी। सावन का सोमवार होने के चलते यहां भक्तों में काफी उत्साह देखने को मिला। नागेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए आए भक्तों ने पहले सरयू नदी में डुबकी लगाई उसके बाद नदी का जल लेकर नागेश्वर महादेव में अर्पित किया। भीड़ को देखते हुए शासन-प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं।


सोमनाथ ज्योतिर्लिंग
12 ज्योतिर्लिंगों में सबसे पहला ज्योतिर्लिंग माना जाने वाला सोमनाथ मंदिर सावन में दुल्हन की तरह सजा हुआ नजर आया। सावन के पहले सोमवार यहां पर अलग ही रौकन देखने को मिली। सोमनाथ में विशेष पूजा अर्चना और अभिषेक किया गया। पुजारियों के द्वारा सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को खास तरह से बेल पत्र और फूलों से सजाया गया था।


बैजनाथ ज्योतिर्लिंग
बैजनाथ धाम जिसे बाबा धाम के नाम से भी जाना जाता है। यह झारखंड में स्थिति है । सावन के पहले सोमवार होने के कारण पट सुबह 3 बजे ही खोल दिया गया था। बाबा की प्रात:कालीन पूजा के बाद भक्तों ने दर्शन किए। बाबा बैजनाथ धाम में सबसे ज्यादा कांवड़िए पहुंते हैं। अब तक एक लाख कांवड़िए बैजनाथ थाम पहुंच चुके हैं।


भीमाशंकर ज्योर्लिंग
महाराष्ट्र के भीमाशंकर में सावन के पहले सोमवार को सुबह से ही भक्त पहुंचने लगे थे। सुबह की आरती और श्रृंगार के बाद भक्तों के लिए पट खोल दिए गए। भीमाशंकर के दर्शन के लिए भक्तों की लंबी लाइनें लगी हुई थीं। सावन के पूरे महीने भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में भक्तों का तांता लगा होता है, खासकर सोमवार को पूरे देश से भक्त बाबा के दर्शन के लिए पहुंचते हैं।

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