देवरिया न्यूज़

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हार्ट अटैक से बचना चाहते हैं तो डॉक्टर की ये छोटी सी सलाह मान लीजिए

देवरिया। कम उम्र में हार्ट अटैक से मौत के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आए दिन हमें हार्ट अटैक से अचानक हो रही मौत की खबरें सुनने को मिल रही हैं। चिंता की बात यह है कि कभी दिल का दौरा जो एक उम्र के बाद आता था, आज 16 साल के बच्चे तक इसकी चपेट में हैं। डॉक्टर्स हमारी खराब दिनचर्या को इसका प्रमुख कारण मानते हैं। आइए जानते हैं कैसे हम अपने थोड़े से प्रयास से खुद को फिट रख सकते हैं और हार्ट अटैक के खतरे को कम कर सकते हैं। हाल ही में हुई कई घटनाओं ने लोगों को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर वो क्या कारण होते हैं जिनसे अचानक कम उम्र में ही हार्ट अटैक से मौत हो रही है और इससे कैसे बचा जा सकता है।


वरमाला के समय हुई दुल्हन की मौत
लखनऊ में एक शादी समारोह में बहुत ही दुखद घटना हुई, जहां स्टेज पर वरमाला के बाद दुल्हन चक्कर खाकर गिर पड़ी। आनन-फानन में तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने जरूरी जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। मौत का कारण हार्ट अटैक बताया जा रहा है। दुल्हन की अचानक हुई मौत से शादी वाले घर में मातम पसर गया।

दूसरी घटना में स्कूल में शिक्षक की मौत

दूसरी घटना भी उत्तर प्रदेश की है। बरेली के शाही थाना क्षेत्र के जेके स्कूल में गोविंद नाम के एक शिक्षक को उस समय हार्ट अटैक आया जब स्कूल में कक्षा लगने से पहले प्रार्थना हो रही थी। प्रार्थना पूरी होने से पहले ही गोविंद की तबीयत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

हार्ट अटैक पर क्या कहते हैं डॉक्टर्स
हार्ट अटैक के बढ़ रहे मामलों पर विशेषज्ञों का कहना है कि पहले की अपेक्षा आज के समय में लोगों की जीवनशैली में काफी बदलाव आ गया है। रात में देर से सोना, सुबह देर से उठना, जंक फूड ज्यादा खाना और फिजिकली एक्टिव नहीं रहना आज के जनेरेशन के लाइफ स्टाइल बन गई है। डॉक्टर कहते हैं सबसे पहले हमें अपनी लाइफ स्टाइल में बदलाव लाना होगा। भागदौड़ की जिंदगी में अगर हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते तो हफ्ते में केवल 5 दिन 45 मिनट की वॉक को ही काफी बताया जा रहा है। 45 मिनट की ये वॉक सामान्य चाल ना होकर ब्रिस्क वॉक होनी चाहिए। जानते हैं क्या होती है ब्रिस्क वॉक और इसके फायदे।

सामान्य चाल और ब्रिस्क वॉक में क्या है अंतर
जब हम सामान्य रूप से चलते हैं तो हमारी चाल कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाती है। लेकिन ब्रिस्क वॉक में हमें एक मिनट में 100 कदम चलना होता है। हमारी स्पीड इससे ज्यादा भी नहीं होनी चाहिए कि हम एक मिनट में 100 से ज्यादा कदम चल जाएं और इससे कम भी नहीं होनी चाहिए। ब्रिस्क वॉक से हार्ट हेल्दी रहता है,वजन कम करने में मदद मिलती है साथ ही यह स्ट्रेस को भी कम करता है।

कैसे करें ब्रिस्क वॉकिंग
ब्रिस्क वॉक करते समय सबसे पहले आपके फुट वियर एकदम कंफर्टेबल होने चाहिए। ब्रिस्क वॉक में क्योंकि आपको एक मिनट में 100 कदम ही चलने होंगे इसके लिए आपको अपने मोबाइल में ट्रैकर डाउनलोड करना होगा। जैसे ही आप चलना शुरू करें ट्रैकर ऑन कर दें और उसके हिसाब से ऐसी स्पीड तय करें कि एक मिनट में 100 कदम ही चलना हो। ध्यान रहे स्पीड ज्यादा होने से भी फायदा नहीं होगा और कम होने से भी।

जीवन में चाहे कितनी भी भागदौड़ क्यों ना हो अगर 24 घंटों में से सिर्फ 45 मिनट अपने हेल्थ के लिए निकालकर अगर हम हार्ट अटैक के खतरें को कम कर सकते हैं तो सभी को ब्रिस्क वॉकिंग को अपने रूटिन में जरूर शामिल करना चाहिए।

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