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विधानसभा चुनाव से 5 महीने पहले टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के पहले डिप्टी सीएम बने, चुनावी दांव या कुछ और ?

देवरिया। कांग्रेस नेआगामी विधानसभा चुनाव से पहले छत्तीसगढ़ के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को प्रदेश का डिप्टी सीएम बनाया गया है। बुधवार को दिल्ली में दिनभर कांग्रेस के बड़े नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक के बाद यह फैसला लिया गया और बुधवार रात ही कांग्रेस अध्यक्ष ने सिंहदेव को उप-मुख्यमंत्री बनाने पर मुहर लगाई। कांग्रेस के इस फैसले के कई मायने निकाले जा रहे हैं जिसमें से एक सिंहदेव की नाराजगी दूर करना भी है। सोशल मीडिया इसे बाबा के इंतजार का अपमान भी बता रहा है।

क्यों नाराज चल रहे थे टीएस सिंहदेव
साल 2018 में जब छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनी थी उस समय सीएम के नाम पर काफी घमासान मचा था। छत्तीसगढ़ कांग्रेस दो गुटों में बंट गई थी। एक गुट वर्तमान सीएम भूपेश बघेल का था और दूसरा वो गुट था जो टीएस सिंहदेव को सीएम बनाना चाहते थे। राजनीति के गलियारे में खबरें आईं कि भूपेश और टीएस सिंहदेव के नाम पर काफी मंथन होने के बाद ढाई-ढाई साल वाले फॉर्मूले पर बात बनी। पहले भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया और सिंहदेव को स्वास्थ्य और पंचाय विभाग सौंपा गया। बीच में ही सिंहदेव पंचायत विभाग से अलग हो गए थे।लेकिन ढाई साल पूरे होने के बाद भी सिंहदेव को सीएम पद नहीं सौंपा गया जिसे लेकर उन्होंने कई बार नाराजगी जाहिर की थी।


सिंहदेव ने छोड़ा था दो मंत्रालय
टीएस सिंहदेव की नाराजगी किसी से छिपी नहीं थी। कई बार उन्होंने साफ तौर पर अपनी नाराजगी जताई भी थी। इसी बीच उन्होंने पिछले साल अगस्त में अपना पंचायत और ग्रामीण मंत्रालय भी छोड़ दिया था। बताया गया था कि उन्होंने इन दोनों मंत्रालय को छोड़ने से पहले सीएम भूपेश बघेल को लंबा चौड़ा पत्र भी लिखा था। हालांकी सिंहदेव ने इसका कारण जरूरतमंद लोगों को आवास का नहीं मिलना और चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा नहीं करना बताया था।

बड़े कांग्रेस नेता के साथ, प्रतिष्ठित राजघराने से हैं सिंहदेव
टीएस सिंहदेव सिर्फ कांग्रेस के बड़े नेता ही नहीं हैं बल्कि छत्तीसगढ़ के सरगुजा स्टेट के राजघराने से ताल्लुक रखते हैं। सिंहदेव का जन्म 1952 में सरगुजा के शाही परिवार में हुआ था। उनके पिता एमएस सिंहदेव आईएएस अधिकारी थे और मां देवेंद्र कुमारी मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री पद पर रह चुकी हैं। उन्हें आज भी सरगुजा के महाराजा कहा जाता है। वो छत्तीसगढ़ राजघराने के 118वें राजा हैं। सरगुजा क्षेत्र में उनकी जनाधार काफी मजबूत है। एक अच्छे राजनेता और राजा होने के नाते वो स्थानीय लोगों के बीच काफी लोकप्रिय हैं। लोग प्यार से उन्हें ‘टीएस बाबा’ कहते हैं। सिंहदेव ने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत अंबिकापुर नगर परिषद से की थी। साल 1983-88 और 1995-99 के बीच वो नगरपरिषद के अध्यक्ष रहे। 2008, 2013 और 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर वो सरगुजा के विधायक रहे। 2018 में उन्हें स्वास्थ्य, वाणिज्यकर और पंचायत एवं ग्रामीण मंत्री बनाया गया था।



सीएम भूपेश बघेल ने दी बधाई, कहा ‘हैं तैयार हम’
सीएम भूपेश बघेल ने ट्विट कर टीएस सिंहदेव को बधाई दी और लिखा- “हैं तैयार हम, महाराज साहाब को उपमुख्यमंत्री के रूप में शुभकामनाएं एवं बधाई।”



पूर्व सीएम रमन सिंह ने कसा तंज
टीएस सिंहदेव को डिप्टी सीएम बनाए जाने पर पूर्व सीएम रमन सिंह ने तंज कसते हुए बधाई दी। रमन सिंह ने ट्विट कर लिखा- “डूबने लगी कश्ती तो कप्तान ने कुछ यूं किया, सौंप दी पतवार आधी दूसरे के हाथ में। बाकी चार महीने के लिए महाराज को बधाई।”

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