देवरिया। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) हर साल 21 जून को मनाया जाता है। योग (Yoga) जितनी मदद शरीर को निरोग (Healthy) रखने में करता है, उतनी ही शांति मन को भी मिलती है। योग उस ध्यान और एकाग्रता का विस्तार है, जिसे जीवन में अपनाने से आप बीमारियों से दूर रहेंगे।
कोरोना में मरीजों को स्वस्थ रखने और पोस्ट कोविड परेशानियों को ठीक करने में डॉक्टर भी योग की सलाह दे रहे हैं। कोरोना काल में योग ने लोगों को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने में मदद की है इसलिए इस साल इसकी थीम ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ (Yoga for wellness) है।
1- साल 2015 में योग दिवस की थीम ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’ थी।
2- साल 2016 में ‘युवाओं को कनेक्ट करें’ थीम रखी गई।
3- 2017 में ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ को इसकी थीम रखा गया था।
4- 2018 में ‘शांति के लिए योग’ की थीम पर योग दिवस मनाया गया।
5- साल 2019 में ‘पर्यावरण के लिए योग’ थीम रखी गई थी।
पहली बार कब मनाया गया था योग दिवस ?
विश्व में योग को अपनाने वालों की संख्या में हर रोज इजाफा हो रहा है। पहली बार International Yoga Day साल 2015 में मनाया गया था। राजपथ पर पीएम मोदी ने 36 हजार लोगों के साथ योग किया था।न्यूज देवरिया आपको अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के बारे में बताने के साथ-साथ कुछ आसनों के बारे में भी जानकारी देगा, जिसे अपने रूटीन में शामिल करके हेल्दी रह सकते हैं। योग के आठ अंग हैं – यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि।
सबसे पहले योग दिवस के बारे में जान लेते हैं
योग दिवस मनाने का प्रस्ताव भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 सितंबर साल 2014 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा में दिया था. उस वक्त पीएम मोदी ने अपने संबोधन में योग को भारत की प्राचीन परंपरा का अमूल्य उपहार बताया था। 11 दिसंबर 2014 का दिन था, जब संयुक्त राष्ट्र के 177 सदस्यों ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की मंजूरी दी। खास बात ये है कि पीएम नरेंद्र मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूरे बहुमत के साथ पारित किया गया था। ऐसा पहली बार हुआ था, जब कोई प्रस्ताव इतनी जल्दी संयुक्त राष्ट्र संघ में पास हुआ हो। बसे पहले नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री सुशील कोईराला ने सबसे पहले पीएम मोदी के प्रस्ताव का समर्थन किया था।
21 जून ही क्यों ?
21 जून साल का सबसे लंबा दिन होता है और धरती पर सूर्य सबसे ज्यादा समय तक रहता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर मनाने के पीछे ये बड़ा कारण है।
पिछले साल भी कोरोना महामारी की वजह से सबने घर पर योग दिवस मनाया था, इस साल भी आयोजन वर्चुअल होंगे।