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कैसे होता है भारत के राष्ट्रपति का चुनाव, क्या होनी चाहिए योग्यता, सांसदों-विधायकों की वोट वैल्यू भी जानिए

देवरिया: भारत के राष्ट्रपति, देश के प्रथम नागरिक और सशस्त्र सेनाओं के सर्वोच्च
सेनानायक हैं। अनुच्छेद 53 के अनुसार उनमें संघ की कार्यपालिका शक्ति
निहित है। राष्ट्रपति का मूल कर्तव्य संघ की कार्यकारी शक्तियों का निर्वहन
करना है। सेना प्रमुखों की नियुक्ति भी वे करते हैं। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद
हमारे देश के पहले राष्ट्रपति थे। जल्दी ही हमें 15वें राष्ट्रपति मिलने वाले
हैं। आइए जानते हैं राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने के लिए कौन-कौन
सी योग्यता चाहिए और चुनाव की पूरी प्रक्रिया क्या होती है।
कौन हो सकता है राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार?
• राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ने के लिए भारत का नागरिक होना
जरूरी है।

• उम्मीदवार की न्यूनतम उम्र 35 वर्ष या उससे ज्यादा होनी चाहिए,
साथ ही लोकसभा सदस्य के लिए आवश्यक सभी पात्रता होनी
चाहिए। देश में किसी लाभ के पद पर नहीं होना चाहिए।
• उम्मीदवार के पास कम से कम 50 प्रस्तावक और 50 समर्थक होने
चाहिए।
• आम तौर पर राष्ट्रपति पद के लिए 2 ही उम्मीदवार होते हैं, जिनमें
से एक सत्ता पक्ष की ओर से और एक विपक्ष के द्वारा प्रस्तावित किए
जाते हैं। दो से ज्यादा भी उम्मीदवार हो सकते हैं।
कौन कर सकता है मतदान ?
भारत के राष्ट्रपति का चुनाव अनुच्छेद 55 के अनुसार आनुपातिक
प्रतिनिधित्व प्रणाली के एकल संक्रमणीय मत पद्धति के द्वारा होता है।
राष्ट्रपति का चुनाव अप्रत्यक्ष रूप से होता है यानी जनता इसमें वोट नहीं
कर सकती है बल्कि उनके द्वारा चुने गए प्रतिनिधि यानी सांसद और
विधायक वोट डालते हैं। राज्यसभा के नामित सदस्य और विधान परिषद
के के सदस्य मतदान में शामिल नहीं हो सकते। सर्वोच्च नागरिक का चुनाव
आम चुनावों की तरह ही गोपनीय होता है। चुनाव के लिए बैलेट पेपर का
इस्तेमाल होता है।


वोटों की संख्या नहीं, वोटों की वैल्यू का है महत्व
आमतौर पर सभी चुनावों में जिस उम्मीदवार को सबसे ज्यादा वोट
मिलते हैं वही विजेता होता है लेकिन राष्ट्रपति चुनाव में ऐसा नहीं होता
है। जीत के लिए सांसदों और विधायकों के वोटों की कुल वैल्यू का आधे से
ज्यादा हिस्सा हासिल करना होता है। अलग-अलग राज्यों के विधायकों के

वोटों की वैल्यू अलग-अलग होती है। वोट वैल्यू उस राज्य की जनसंख्या
पर निर्भर करती है। जनसंख्या का आधार 1971 में हुई जनगणना को ही
लिया जाता है।
विधायकों की वोट वैल्यू
विधायकों की वोट वैल्यू निकालने के लिए राज्य की कुल जनसंख्या को
(1971 की जनगणना के आधार पर) विधायकों की कुल संख्या से भाग
देकर फिर से एक हजार से भाग दे दिया जाता है। इस प्रकार किसी राज्य
के एक विधायक की वोट वैल्यू निकाली जाती है।
सांसदों की वोट वैल्यू
सांसदों की वोट वैल्यू निकालने के लिए देश के सभी राज्यों की कुल वोट
वैल्यू को कुल सांसदों (राज्यसभा+लोकसभा) की संख्या से भाग कर दिया
जाता है, यही एक सांसद के वोट की वैल्यू होती है।
किसी भी स्थिति में नहीं रुकेगा राष्ट्रपति का चुनाव
वोटर को प्राथमिकता के आधार पर वोट देना होता है। मान लीजिए अगर
चुनाव में तीन उम्मीदवार खड़े हैं, तो मतदाता को अपनी पहली, दूसरी
और तीसरी पसंद बतानी होगी। इस बार राष्ट्रपति चुनाव में दो ही
उम्मीदवार खड़े हैं। राष्ट्रपति का चुनाव किसी भी स्थिति में नहीं रोका
जा सकता है।

इस बार NDA की तरफ से झारखंड की पूर्व और पहली आदिवासी
महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू प्रत्याशी हैं। वहीं विपक्ष की तरफ से यशवंत
सिन्हा मैदान में हैं।

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