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प्रधानमंत्री ने शोर के बीच एक घंटे तक दिया जवाब, बोले- हम पत्थर पर लकीर खींचने वाले लोग, जितना कीचड़ उछालोगे, उतना कमल खिलेगा

देवरिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का जवाब दिया। पीएम मोदी ने कहा कि इस बजट सत्र के लिए यह गर्व की बात है कि इसका प्रारंभ महिला राष्ट्रपति द्वारा होता है और विधिवत प्रारंभ महिला वित्त मंत्री द्वारा होता है। देश में ऐसा संयोग कभी नहीं आया और हमरा प्रयास रहेगा कि ऐसे सुअवसर आगे भी देखने को मिलें। प्रधानमंत्री जब सदन को संबोधित कर रहे थे, विपक्षी सांसदों ने मोदी-अडानी भाई-भाई के नारे लगाए। पीएम ने नारों को लेकर विपक्षी सांसदों पर तंज कसा कि देश देख रहा है कि एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। एक घंटे से आवाज में जवाब दे रहा हूं।

जितना कीचड़ उछालोगे, उतना ज्यादा कमल खिलेगा: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि बीते दशकों में अनेक बुद्धिजीवियों ने इस सदन से देश को दिशा दी है, देश का मार्गदर्शन किया है। इस देश में जो भी बात होती है उसे देश बहुत गंभीरता से सुनता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोगों का व्यवहार और वाणी न केवल सदन, बल्कि देश को निराश करने वाली है। माननीय सदस्यों को मैं कहूंगा कि ‘कीचड़ उसके पास था मेरे पास गुलाल… जो भी जिसके पास था उसने दिया उछाल’। जितना कीचड़ उछालोगे कमल उतना ज़्यादा खिलेगा।

कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे पर साधा निशाना
खड़गे पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि 60 साल कांग्रेस के परिवार ने गड्ढे ही गड्ढे कर दिए थे। हो सकता है उनका इरादा न हो, लेकिन उन्होंने किए। जब वो गड्ढे खोद रहे थे, 6 दशक बर्बाद कर चुके थे, तब दुनिया के छोटे-छोटे देश भी सफलता के शिखरों को छू रहे थे। उन्होंने बैंकों का एकीकरण इस इरादे से किया था कि गरीबों को बैंकों का अधिकार मिले, लेकिन इस देश के आधे से अधिक लोग बैंक के दरवाजे तक नहीं पहुंच पाए थे। हमने स्थायी हल निकालते हुए जन-धन बैंक खाते खोले। इसके जरिए देश के गांव तक प्रगति को ले जाने का काम हुआ है।
पीएम ने कहा कि खड़गे जी शिकायत कर रहे थे कि मोदी जी बार-बार मेरे चुनावी क्षेत्र में आते हैं। मैं उन्हें कहना चाहता हूं मैं आता हूं वह तो आपने देखा लेकिन आप यह भी देखें कि वहां 1 करोड़ 70 लाख जनधन बैंक अकाउंट खुले हैं। सिर्फ कलबुर्गी में ही 8 लाख से ज़्यादा जनधन खाते खुले हैं। इसे देखकर मल्लिकार्जुन खड़ग की पीड़ा मैं समझ सकता हूं। आप दलित की बात करते हैं। यह भी देखें कि उसी जगह दलित को चुनाव में जीत भी मिली। अब आपको जनता ही नकार दे रही है तो आप उसका रोना यहां रो रहे हैं।


जिनको पैसा नहीं मिला, उनका चिल्लाना स्वाभाविक: PM
प्रधानमंत्री ने कहा कि जनधन, आधार और मोबाइल, ये वो त्रिशक्ति है, जिससे पिछले कुछ वर्षों में 27 लाख करोड़ रुपये DBT के माध्यम से सीधा हितधारकों के खातों में गए हैं। इससे 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक रुपया जो किसी इको-सिस्टम के हाथों में जा सकता था वो बच गया। अब जिनको ये पैसा नहीं मिल पाया, उनका चिल्लाना स्वाभाविक है।


देश की आशाओं पर चोट नहीं लगने देंगे: PM
सदन में प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी जब सरकार में आता है वह देश के लिए कुछ वादा करके आता है लेकिन सिर्फ भावनाएं व्यक्त करने से बात नहीं बनती है। विकास की गति क्या है, विकास की नीव, दिशा, प्रयास और परिणाम क्या है यह बहुत माएने रखता है। हम जनता की प्राथमिकताओं और आवश्यकताओं के आधार पर मेहनत और परिश्रम कर रहे हैं। दिन-रात खुद को खपाना पड़ेगा तो खपाएंगे, लेकिन देश की आशाओं को चोट नहीं पहुंचने देंगे। हमारी प्राथमिकता हमारे देश के नागरिक थे इसलिए हमने 25 करोड़ से ज़्यादा परिवारों तक गैस कनेक्शन पहुंचाया। इसमें हमें नए इंफ्रास्ट्रक्चर और धन खर्च करना पड़ा। 18,000 से ज़्यादा गांव ऐसे थे जहां बिजली नहीं पहुंची थी। समयसीमा के साथ हमने 18,000 गांव में बिजली पहुंचाई।


हमने लोगों को भाग्य के सहारे नहीं छोड़ा: PM

पीएम मोदी ने सदन में कहा कि आधुनिक भारत के निर्माण के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्केल और स्पीड का महत्व हम समझते हैं। जब देश के नागरिकों का विश्वास बनता है तो वो लाखों-करोड़ों लोगों के सामर्थ्य में बदल जाता है। हमने लोगों को उनके भाग्य पर नहीं छोड़ा। हमने देश का आने वाला कल उज्ज्वल बनाने का रास्ता अपनाया। हम एक ऐसी कार्य संस्कृति को लेकर आए हैं जो देश में मेरा-तेरा, अपना-पराया जैसे सभी भेदों को मिटाने वाली है। यह तुष्टिकरण की आशंकाओं को समाप्त कर देता है। हर योजना के जो लाभार्थी हैं उन तक इसका शत-प्रतिशत लाभ कैसे पहुंचे हम इसे सुनिश्चित कर रहे हैं। अगर सच्ची पंथ निरपेक्षता है तो यही है और हमारी सरकार इस राह पर निरंतर आगे बढ़ रही है।

देश कांग्रेस को नकार रहा है: मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम देश को विकास का एक ऐसा मॉडल दे रहे हैं जिसमें हित धारकों को उसके सभी अधिकार मिलें। देश बार-बार कांग्रेस को नकार रहा है लेकिन इसके बाद भी कांग्रेस अपनी साजिशों से बाज नहीं आ रही है। जनता न केवल उनको देख रही है बल्कि सजा भी दे रही है।

आदिवासियों के लिए कांग्रेस ने काम किया होता, तो हमें मेहनत न करनी पड़ती
आदिवासियों पर बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में हमारे आदिवासियों का योगदान स्वर्णिम पृष्ठों से भरा हुआ है। लेकिन दशकों तक हमारे आदिवासी विकास से वंचित रहे और विश्वास का सेतु तो कभी बन ही नहीं पाया। अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के कल्याण के प्रति समर्पण भाव से काम किया होता तो हमको इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। यह अटल जी की ही सरकार थी जिसमें पहली बार आदिवासियों के लिए अलग मंत्रालय बना था। आज 110 ऐसे आकांक्षी जिले जहां बहुल संख्या आदिवासी की है उन्हें योजनाओं का सीधा लाभ मिला है। यहां के शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस किया गया। बजट में शेड्यूल ट्राइब कंपोनेंट फंड के तहत 2014 के पहले की तुलना में 5 गुना अधिक वृद्धि हुई है। हमने आदिवासी बच्चों के लिए 500 नए एकलव्य स्कूल स्वीकृत किए हैं। 2014 से पहले आदिवासी परिवारों को 14 लाख जमीन के पट्टे दिए गए थे, जबकि हमने बीते कुछ वर्षों में ही 7 लाख से अधिक पट्टे दिए हैं।

देश में उपेक्षित थे छोटे किसान

पीएम मोदी ने कहा कि इस देश में कृषि की सच्ची ताकत छोटे किसानों में है, लेकिन ये किसान उपेक्षित थे… इनकी आवाज सुनने वाला कोई नहीं था, हमारी सरकार ने छोटे किसानों पर ध्यान केंद्रित किया। मोटे अनाज की खेती करने वाले किसानों को हमने विशेष स्थान दिया। हमने UN को मिलेट्स ईयर के लिए लिखा। जैसे ‘श्री फल’ का महात्म्य है वैसे ही ‘श्री अन्न’ का महात्म्य है। इससे मेरे छोटे किसान को बहुत लाभ मिलने वाला है। इनकी राजनीति, अर्थ नीति और समाज नीति वोटबैंक के आधार पर ही चलती थी, लेकिन हमने रेहड़ी-ठेले पटरी वालों की चिंता की। पीएम स्वनिधि और पीएम- विकास योजना के जरिए हमने समाज के एक बड़े वर्ग का सामर्थ्य बढ़ाने का काम किया है।


ये विज्ञान और तकनीक के विरोधी लोग हैं: मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि ये विज्ञान और तकनीक के विरोधी लोग हैं। ये हमारे वैज्ञानिकों को बदनाम करने का कोई मौका नहीं छोड़ते। इनको देश की चिंता नहीं है, इनको अपनी राजनीतिक उठा-पटक की चिंता है। डिजिटल लेनदेन में देश आज दुनिया का लीडर बना हुआ है। डिजिटल इंडिया की सफलता ने आज पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। देश की आर्थिक स्थिति के साथ खिलवाड़ मत करिए। राज्यों को आर्थिक स्थिति के संबंध में अनुशासन का रास्ता चुनना होगा। जिनको रोजगार और नौकरी का फर्क नहीं मालूम है वो हमको उपदेश दे रहे हैं। नए-नए नैरेटिव गढ़ने के लिए आधी-अधूरी चीजों से झूठ फ़ैलाने का प्रयास हो रहा है। बीते 9 सालों में अर्थव्यवस्था का विस्तार हुआ है और नए सेक्टर में रोजगार की नई संभावनाएं बनी हैं।


पीएम ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का नाम लिया
आर्टिकल 356 पर पीएम मोदी सदन में जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि इतिहास उठा कर देख लिजिए कि वो कौन सी पार्टी थी जिन्होंने आर्टिकल 356 का सबसे ज्यादा दुरुपयोग किया। 90 बार चुनी हुई सरकारों को गिरा दिया। एक प्रधानमंत्री ने आर्टिकल 356 का 50 बार उपयोग किया, उनका नाम है श्रीमती इंदिरा गांधी। केरल में चुनी हुई सरकार को पंडित नेहरू ने गिराया था। तमिलनाडु में एमजीआर और करुणानिधि जैसे दिग्गजों की सरकारों को कांग्रेस ने बर्खास्त किया था। 1980 में नौजवान मुख्यमंत्री शरद पवार की सरकार को गिराया था। हर क्षेत्रीय नेता को परेशान किया। एनटीआर की सरकार को गिराने का प्रयास किया। अखबार लिखते थे कि राजभवनों को कांग्रेस का दफ्तर बना दिया था।


यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है: PM
पीएम ने कहा कि अख़बारों में मैंने पढ़ा था कि 600 के करीब योजनाएं गांधी-नेहरू के नाम से हैं। मुझे यह समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है? क्या शर्मंदगी है? इतना बड़ा व्यक्ति है तो शर्मंदगी क्या है? और आप हमारा हिसाब मांगते हो। यह सदियों पुराना देश, जन-जन की पीढ़ियों की परंपरा से बना हुआ देश है, यह देश किसी परिवार की जागीर नहीं है।


नारे लगाने वालों पर कसा तंज
सदन में लगातार हो रहे शोर और नारे पर अंत में पीएम ने कहा कि देश देख रहा है एक अकेला कितनों पर भारी पड़ रहा है। नारे बोलने के लिए परिवर्तन करना पड़ता है। घंटे भर से आवाज में जवाब दे रहा हूं। देश के लिए जीता हूं, देश के लिए कुछ करने निकला हूं। ये राजनीतिक खेल खेलने वाले लोगों के अंदर हौसला नहीं है, वे बचने का रास्ता खोज रहे हैं।

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