देवरिया न्यूज़

: :

संसद में उठा अडानी ग्रुप का मुद्दा, कांग्रेस बोली- JPC या फिर सुप्रीम कोर्ट की कमेटी करे जांच

देवरिया । हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद गौतम अडानी दिनों दिन मुसीबतों में घिरते नजर आ रहे हैं। अडानी ग्रुप के गिरते स्टॉक और एफपीओ की वापसी को लेकर विपक्षी दल हमलावर है। गुरुवार को संसद के चालू बजट सत्र के तीसरे दिन संसद की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सांसदों ने हंगामा शुरू कर दिया। विपक्ष के कई सांसदों ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर नारेबाजी शुरू कर दी। वहीं, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ की तरफ से बार-बार सदन की कार्यवाही शांति से चलने देने की अपील की गई, लेकिन हंगामा कर रहे सांसदों पर कोई असर नहीं पड़ा। अंत में दोनों सदनों की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।

दरअसल, विपक्षी सांसद संसद में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप पर लगे आरोप को लेकर चर्चा की मांग कर रहे थे। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही दोनों सदनों में विपक्षी सांसद अडानी ग्रुप को लेकर आक्रामक हो गए और हंगामा शुरू कर दिया। इस मुद्दे पर संसद में पूरा विपक्ष एकजुट नजर आया।

राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होते ही हंगामा

राज्यसभा में सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होने पर सभापति जगदीप धनखड़ ने पूर्व केंद्रीय मंत्री शांति भूषण के निधन का उल्लेख किया। उनके योगदान की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि शांति भूषण उच्च सदन के पूर्व सदस्य थे। इसके बाद सदस्यों ने उनके सम्मान में कुछ देर मौन रखा।

विपक्षी दलों के नोटिस अस्वीकार

धनखड़ ने इसके बाद सदन को बताया कि उन्हें विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे, शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी, आम आदमी पार्टी (AAP) के संजय सिंह, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के तिरुची शिवा सहित कुल 9 सदस्यों की ओर से नियम 267 के तहत नोटिस मिले हैं। उन्होंने पूर्व की अपनी व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि इनमें से कोई भी नोटिस स्वीकार किए जाने की अनिवार्यताओं को पूरा नहीं करता है, लिहाजा उन्होंने इन्हें अस्वीकार कर दिया। उनके ऐसा कहते ही विपक्षी दलों के सदस्यों ने हंगामा शुरू कर दिया। इसके बाद दोपहर दो बजे तक के लिए सदन स्थगित कर दी।

लोकसभा में स्थन प्रस्ताव

लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप मानिकराम टैगोर और सांसद मनीष तिवारी ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर अडानी ग्रुप से जुड़े मुद्दे के साथ ही चीन के साथ सीमा पर घटनाक्रम को लेकर चर्चा की मांग की। मानिकराम ने नोटिस में हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि जनता का पैसा स्टेट बैंक और एलआईसी के जरिये अडानी ग्रुप में लॉक है। नियमित कामकाज स्थगित कर इस मुद्दे पर सदन में तत्काल चर्चा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री को नुकसान की वास्तविक स्थिति और जनता का पैसा सुरक्षित रखने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए कदमों की जानकारी देनी चाहिए।

वहीं, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने जीरो ऑवर और अन्य कार्य स्थगित कर चीन के साथ सीमा के हालात को लेकर चर्चा की मांग करते हुए नोटिस दी। आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी अडानी समूह से जुड़े मुद्दे पर चर्चा की नोटिस दी थी। आसन की ओर से सदन की कार्यवाही चलने देने की अपील करते हुए बार-बार ये आश्वासन दिया जाता रहा कि उनकी ओर से नियमानुसार की जाने वाली मांग सुनी जाएगी, सांसद कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे।

विपक्ष ने लगाया चर्चा से रोके जाने का आरोप

संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही स्थगित होने के बाद विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर हमला बोला और महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा से रोके जाने का आरोप लगाया। मल्लिकार्जुन खड़गे ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित की जाए या सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश से जांच कराई जाए। वहीं रामगोपाल ने एलआईसी और एसबीआई के पैसे का मुद्दा उठाया।

सदन की कार्यवाही से पहले विपक्ष की बैठक

संसद की तीसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस एक्टिव मोड में नजर आई। सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के सभी दलों के नेताओं की बैठक हुई, जिसमें संसद सत्र को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई। इस बैठक में कांग्रेस और सपा के साथ ही अन्य दलों के सांसद भी मौजूद रहे।

मंत्रियों के साथ पीएम मोदी की बैठक

वही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक की। पीएम मोदी की बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ ही नितिन गडकरी, पीयूष गोयल, अश्विनी वैष्णव, अनुराग ठाकुर भी मौजूद रहे। पीएम की इस बैठक में संसद में सत्ता पक्ष की रणनीति पर मंथन किया गया।

Leave a Reply

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *