देवरिया । आईपीएल 2023 के 13वें मुकाबले में केकेआर के लिए एक नया सुपरस्टार उभरकर आया है। इस सुपरस्टार का नाम रिंकू सिंह है, जिसने वो कारनामा कर दिखाया जो शायद ही इतिहास में कभी हुआ था और आगे शायद ही कभी देखने को मिले।
कोलकाता नाइट राइडर्स को गुजरात टाइटंस के खिलाफ आखिरी ओवर में जीत के लिए 29 रन चाहिए थे और 3 विकेट ही बाकी थे। यहां से रिंकू ने जो किया वो ऐतिहासिक कारनाम था और वो क्रिकेट में कभी-कभी ही होता है। उन्होंने आखिरी ओवर में लगातार पांच छक्के लगाकर टीम को शानदार जीत दिला दी। अब जरा नजर डालते हैं कि रिंकू सिंह का सफर कैसा रहा है?
रिंकू सिंह का सफर
रिंकू सिंह को साल 2018 में कोलकाता नाइट राइडर्स ने 80 लाख रुपए में अपने साथ जोड़ा था, लेकिन उसे कभी ज्यादा मौका नहीं मिला। आज करीब 5 साल बाद उनका नाम हर किसी की जुबां पर है। उन्होंने जो कर दिखाया उसके बाद वो सुपरस्टार बन गए हैं। उन्होंने 21 गेंदों पर 48 रनों की नाबाद पारी खेलकर नामुमकिन कारनामे को मुमकिन करके दिखाया। इस पारी में रिंकू ने 1 चौका और 6 छक्के लगाए और अपनी टीम केकेआर को शानदार जीत दिला दी। केकेआर तक आने का सफर उनका आसान नहीं रहा है। उनका बचपन काफी गरीबी में गुजरा है।
गैस सिलेंडर वेंडर का काम
रिंकू सिंह अलीगढ़ के रहने वाले हैं और करीब पांच साल से केकेआर का हिस्सा हैं। 25 वर्षीय इस खिलाड़ी आज जिस गेंद को बाउंड्री के बाहर भेज रहे हैं, कभी उनके पास पांच रुपए की गेंद भी खरीदने के पैसे नहीं थे। उनके पिता एक गैस सिलेंडर वेंडर थे। वह चार और भाई हैं। कोई ऑटो चलाता था तो कोई कहीं मजदूरी करता था। दो वक्त की रोटी भी रिंकू के घर में बड़ी मेहनत से बन पाती थी।
घर का गुजारा करने लिए लगया पोछा
रिंकू परिवार में सबसे छोटा था। उनके पिता उनके क्रिकेट खेलने पर गुस्सा करते थे। क्रिकेट खेलने को लेकर उनकी पिटाई भी हो जाती थी, लेकिन वह किसकी सुनते। बचपने से ही वह क्रिकेटर बनना चाहते थे। घर का गुजारा करने लिए वह काम तलाशने लगे। एक कोचिंग सेंटर में उन्हें पोछा लगाने का काम मिला। रिकूं को यहां मन नहीं लगा और नौकरी छोड़ दी। फिर क्रिकेट की तरफ बढ़ने का मन बना लिया। उन्हें एहसास हो गया था कि क्रिकेट ही उनके परिवार के दुखों को दूर करेगा।
रिंकू की जिंदगी के तीन टर्निंग पॉइंट्स
रिंकू के जीवन को बदलने में तीन लोगों का बहुत बड़ा योगदान रहा। पहला खुद रिंकू सिंह का जो भविष्य क्रिकेट में बनाने की ठान चुके थे। उनके सभी भाई उनका साथ देते थे। वह दो बार अंडर-16 ट्रायल के पहले राउंड में बाहर हो गए। क्योंकि उन्हें प्रॉपर ट्रेनिंग नहीं मिल पा रही थी। ऐसे में अलीगढ़ के मोहम्मद जीशान उनकी मदद के लिए आगे आए। इसके बाद रिंकू सिंह को शुरुआती दिनों में अलीगढ़ के ही मसूद अमीन से कोचिंग मिलने लगी।
मसूद आज भी उनके कोच हैं, जबकि मोहम्मद ज़ीशान से मिली मदद और मार्गदर्शन ने रिंकू सिंह के जीवन में अहम भूमिका निभाई। फिर रिंकू की घरेलू क्रिकेट में एंट्री हुई। वह रणजी खेले, सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में खेले। इससे उनकी आर्थिक स्थिति सुधरती गई। इन सबके बाद 2018 में शाहरुख खान ने अपनी फ्रेंचाइजी कोलकाता नाइट राइडर्स के लिए उन पर विश्वास दिखाया, वहां से उनकी किस्मत और बदली। अब यह सितारा इस कदर चमका है कि उनकी चमक के आगे राशिद खान की हैट्रिक भी फीकी पड़ गई। क्रिकेट जगत का हर फैन आज दिल से उन्हें बधाईयां दे रहा है।