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जावेद अख्तर के बयान पर मचा बवाल, कहा- औरतों को भी दें एक से ज्यादा पति रखने का हक !

देवरिया : मशहूर शायर, गीतकार और फिल्म पटकथा लेखक जावेद अख्तर के एक बयान को लेकर फिर विवाद छिड़ गया है। हालिया इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जब (मुस्लिम) मर्द को एक वक्त में एक से ज्यादा पत्नी रखने का हक है तो औरतों को क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि ये बराबरी के खिलाफ है। इस बयान पर लखनऊ में ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के प्रेसिडेंट मौलाना सैयद सैफ अब्बास नकवी ने कड़ी आपत्ती जताई है। उन्होंने जावेद अख्तर से माफी मांगने की मांग की है।

एक इटरव्यू में जावेद अख्तर समान नागरिक संहिता (कॉमन सिविल कोड) को लेकर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा, “जो दिल से महसूस करता है उसे रहना चाहिए (कॉमन सिविल कोड में)..मेरी बेटी है और मेरा बेटा है। जो भी मेरे पास प्रॉपर्टी है, उसमें दोनों को बराबर दूंगा। कॉमन सिविल कोड का मतलब ये नहीं कि सभी समुदाय का एक कानून हो, इसका मलतब ये है कि औरत और मर्द के लिए भी एक कानून हो।”

उन्होंने कहा कि एक से ज्यादा बीवी रखने से औरतों और मर्दों में बराबरी नहीं कायम रहती है। जावेद अख्तर ने कहा, ‘एक वक्त में एक से ज्यादा शादियां करना देश के कानून और संविधान के नियमों के सरासर खिलाफ है।’

जावेद अख्तर ने कहा कि वे पहले से ही कॉमन सिविल कोड का पालन कर रहे हैं। जिसके भी दिल में औरत और मर्द की बराबरी का खयाल है, उसे कॉमन सिविल कोड में रहना चाहिए। आज देश की समस्या ये है कि देश को सरकार और सरकार को देश माना जाने लगा है। सरकार तो आती-जाती रहती है, मगर देश तो हमेशा रहेगा।

अख्तर ने कहा, ‘अगर कोई सरकार का विरोध करता है, तो उसे देशद्रोही करार दिया जाता है। जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए। देश का मिजाज बहुत पहले से ही लोकतांत्रिक रहा है। हजारों साल के देश के जनमानस का मिजाज उदार रहा है। वो कभी कट्टरवादी नहीं रहा है। आज जिस तरह से कट्टरता को बढ़ावा दिया जा रहा है, वो हिंदुस्तान का मिजाज नहीं है।’

ऑल इंडिया शिया चांद कमेटी के प्रेसिडेंट ने की मुखालफत

जावेद अख्तर के बयान पर सैफ अब्बास नकवी ने कहा, “यह बयान शर्मनाक है। एक बयान में महिलाओं को कई पति रखने का मशवरा दिया गया है। इसका जितना भी विरोध किया जाए वह कम है। हिंदुस्तान में ऐसे कुछ लोग मीडिया में ऊल जलूल बयान देते हैं, जिससे कि वह मीडिया में बने रहें। मुझे लगता है कि इस बयान पर हमारे देश की महिलाओं को कड़ा विरोध करना चाहिए।”

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